शुक्रवार, 14 जुलाई 2017

जालोर जिले की विभिन्न 71 गौशालाओं के लिए राहत सहायता स्वीकृत



 जालोर जिले की विभिन्न 71 गौशालाओं के लिए राहत सहायता स्वीकृत

जालोर 14 जुलाई -जिला कलक्टर एल.एन.सोनी ने जिले मे अवस्थित विभिन्न 71 पंजीकृत गौशालाओं में 51 हजार 956 छोटे-बड़े पशुओं के लिए राहत सहायता की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की है।

जिला कलक्टर एल.एन.सोनी ने बताया आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग राजस्थान-जयपुर के निर्देशानुसार अभाव संवत् 2073 में खरीफ फसल खराबा रिपोर्ट के आधार पर अभावग्रस्त घोषित जिले मे अवस्थित पंजीकृत आहोर, जालोर, सायला, बागोड़ा, भीनमाल, रानीवाड़ा, चितलवना, सांचैर व जसवन्तपुरा पंचायत समिति क्षेत्रा मंे संचालित 71 गौशालाओं के कुल 51 हजार 956 पशुओं में 10 हजार 626 छोटे व 41 हजार 330 बड़े पशुओं के लिए राहत सहायता की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है ।

उन्होंने बताया कि गौशाला राहत सहायता की स्वीकृति 30 दिन की अवधि के लिए जारी की गई है। गौशालाओं द्वारा संधारित पशुओं में बड़े पशु के लिए 70 रूपये तथा छोटे पशु के लिए 35 रूपये प्रति पशु प्रतिदिन की दर से राहत सहायता देय होगी। उन्होंने बताया कि निर्धारित दर से सहायता उसी स्थिति में स्वीकृत की जायेगी जब गौशाला संचालकों द्वारा संधारित किये जा रहे पशुओं को चारे के साथ-साथ 1 कि.ग्राम. बड़े पशुओं के लिए तथा 1/2 कि.ग्रा. पशु आहार छोटे पशुओं को उपलब्ध करवाया जाता है। आर.सी.डी.एफ. व राजफैड या राजफैड द्वारा निर्मित अथवा राजफैड या आरसीडीएफ द्वारा ही पशु आहार क्रय कर आपूर्ति की जाये। यदि निर्धारित दर पर पशु आहार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो आर.सी.डी.एफ. या राजफैड की प्रचलित बाजार दर से पशु आहार की राशि बड़े पशु व छोटे पशु के हिसाब से अनुदान बिलों से काटी जाकर शेष राशि ही राहत सहायता स्वीकृत की जायेगी।

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विधायक स्थानीय क्षेत्रा मद के तहत 16 कार्यो की वित्तीय स्वीकृति जारी

जालोर 14 जुलाई - मुख्य कार्यकारी हरिराम मीना ने विधायक स्थानीय क्षेत्रा विकास कार्यक्रम के तहत रानीवाडा, आहोर व जालोर विधान सभा क्षेत्रों के 16 कार्यो के लिए वित्तीय अनुमति व प्रथम किश्त की राशि हस्तांतरण करने की स्वीकृति जारी की हैं।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीना ने बताया कि विधायक स्थानीय क्षेत्रा विकास कार्यक्रम के तहत रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल की अनुशंषा पर करड़ा ग्राम पंचायत के रोजडी नाला सुखरम मांजु की ढाणी भापडी में ट्यूबवेल निर्माण कार्य के लिए 2 लाख 49 हजार 940 रूपयों, सेवाडा की विभिन्न ढ़ाणियों में 10 केएल जीएलआर मय पाईपलाईन के 6 कार्य के लिए 34 लाख 82 हजार 100 रूपयों तथा दांतवाड़ा, धानोल, करड़ा व मैत्राीवाडा की विभिन्न ढाणियों में विद्युतीकरण के 6 कार्यो के लिए 9 लाख 57 हजार 144 रूपयों की वित्तीय स्वीकृति व प्रथम किश्त की राशि हस्तांतरण की स्वीकृति जारी की गई हैं। इसी प्रकार आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित की अनुशंषा पर गुडाबालोतान में चैदरा माता मंदिर से होली चैक तक सी.सी.सड़क निर्माण कार्य के लिए 10 लाख तथा जालोर विधायक अमृता मेघवाल की अनुशंषा पर सायला ग्राम पंचायत में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के लिए 7 लाख 68 हजार 366 रूपयों की वित्तीय स्वीकृति व प्रथम किश्त की राशि हस्तांकरण करने की स्वीकृति जारी की गई हैं।

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अपना खेत अपना काम के तहत 84.41 लाख के 20 कार्य स्वीकृत
जालोर 14 जुलाई - मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीना ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना में अपना खेत अपना काम के तहत सांचैर व चितलवाना पंचायत समिति में 20 कार्यो के लिए 84 लाख 41 हजार की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की हैं।

जिल परिषद के मुख्य कर्यकारी अधिकारी हरिराम मीना ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना में वर्ष 2017-18 में सम्बन्धित पंचायत समिति एवं विभागों के द्वारा तैयार किए गए तकनीकी अनुमानों एवं तकनीकी स्वीकृतियों के अनुसार अपना खेत अपना काम के तहत सांचैर पंचायत समिति की अरणाय ग्राम पंचायत में 15 कार्यो के लिए 69.41 लाख तथा चितलवाना पंचायत समिति में डूंगरी ग्राम पंचायत के 5 कार्यो के लिए 15 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई हैं।

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एक दिवसीय केम्पस प्लेसमेंट शिविर सोमवार को
जालोर 14 जुलाई- रोजगार विभाग द्वारा जिले के शिक्षित बेरोजगारांे को लाभान्वित करने के लिए 17 जुलाई सोमवार को एक दिवसीय केम्पस प्लेसमेंट शिविर रोजगार कार्यालय परिसर में आयोजित किया जायेगा।

जिला रोजगार अधिकारी आनन्द कुमार सुथार ने बताया कि शिविर में बेरोजगार आशार्थियों को निजी क्षेत्रा में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निजी क्षेत्रा की कम्पनी नव भारत फर्टिलाइजर्स लि. उदयपुर द्वारा सेल्स एक्जुकेटिव के लिए चयन किया जायेगा। उन्होंने ऐसे आशार्थी जिनकी आयु 18-35 वर्ष तक तथा शैक्षणिक योग्यता 10 वीं व 12वीं उत्तीर्ण हैं वे अपने मूल दस्तावेज पासपोर्ट साईज फोटो, आधार कार्ड इत्यादि दस्तावेज लेकर साक्षात्कार में भाग लेकर लाभान्वित हो सकते है।

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स्वाधीनता दिवस समारोह के लिए बैठक 18 को
जालोर 14 जुलाई - जिला कलक्टर एल.एन. सोनी की अध्यक्षता में 18 जुलाई को बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें 15 अगस्त के स्वाधीनता दिवस समारोह के जिला स्तरीय समारोह पर आवश्यक विचार विमर्श किया जाकर व्यवस्थाओं का निर्धारण किया जायेगा।

कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में 18 जुलाई को प्रातः 11.0 बजे आयोजित होने वाली बैठक में 15 अगस्त को जिला मुख्यालय पर मनाये जाने वाले जिला स्तरीय समारोह की आवश्यक व्यवस्थाओं का निर्धारण किया जाकर जिम्मेदारियाॅ तय की जायेगी।

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बाड़मेर टेंकर में प्रोडियुस वाटर की आड में क्रुड आॅयल भरकर ले जाने का पर्दाफास



बाड़मेर टेंकर में प्रोडियुस वाटर की आड में क्रुड आॅयल भरकर ले जाने का पर्दाफास
डाॅ0 गगनदीप सिंघला पुलिस अधीक्षक द्वारा दिये गये निर्देषानुसार एमपीटी नागाणा में क्रूड आॅयल चोरी की धर पकड़ अभियान के दौरान गुड़ामालानी, नगर, भाडखा से आने वाले क्रूट आॅयल व प्रोडियुस वाटर के आने वाले टेंकरों को श्रीमती केषर उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना नागाणा मय जाब्ता द्वारा टेंकर नम्बर आरजे 19 जीडी 8999 के चालक सताराम पुत्र रूपाराम जाति जाट निवासी रतासर व हेल्पर धर्माराम पुत्र प्रहलादराम जाति जाट निवासी लापला पुलिस थाना बायतु वाले सरस्वती फील्ड के वेल पेड नम्बर 1 कोसलू से दिनांक 13.7.2017 को टेंकर में प्रोडियुस वाटर भरकर कम्पनी के अधिकारियों/कर्मचारियों से मिलकर टेंकर में प्रोडियुस वाटर भरा होने के कागजात तैयार करवाकर एमपीटी नागाणा लेकर आया उक्त टेंकर को चेक किया गया तो उक्त टेंकर के तीन कम्पाउन्ड में प्रोडियुस वाटर व दो कम्पाउन्ड में क्रूड आॅयल भरा हुआ पाया गया जिस पर उक्त टंेकर में भरे पदार्थ को एमपीटी नागाणा कम्पनी के इंजिनियरों व अधिकारियों से चेक करवाया गया तो उन्होनें तीन कम्पाउन्ड में प्रोडियुस वाटर व दो कम्पाउन्ड में क्रूड आॅयल भरा हुआ होना बताया इस प्रकार टेंकर के चालक सताराम व हेल्पर धर्माराम ने कम्पनी के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर लाभ प्राप्ति हेतु टेंकर में प्रोडियुस वाटर की जगह दो कम्पाउन्ड में क्रूड आॅयल भरकर टेंकर में प्रोडियुस वाटर भरे होने के कागजात तैयार करवाये। उक्त घटना के सम्बन्ध मंे गणपतसिंह चैहान लीगल टीम केर्यन आॅयल एण्ड गैस (एमपीटी) नागाणा बाड़मेर ने एक लिखित रिपोर्ट पेष की जिस पर मुकदमा संख्या 56 दिनांक 14.7.2017 धारा 407,420,120बी भादस पुलिस थाना नागाणा मंे दर्ज कर तफतीष जाब्ता षुरू की गई। चालक सताराम व हेल्पर धर्माराम से टेंकर नम्बर आरजे 19 जीडी 8999 को जब्त किया गया। मुलजिमानों से इस सम्बन्ध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।

जोधपुर तीन दिवसीय राष्ट्रीय ओडिय़ा-राजस्थानी अनुवाद कार्यशाला जोधपुर में शुरू

जोधपुर तीन दिवसीय राष्ट्रीय ओडिय़ा-राजस्थानी अनुवाद कार्यशाला   जोधपुर में शुरू

बीकानेर/जोधपुर/१४ जुलाई। साहित्य अकादेमी दिल्ली के तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय ओडिय़ा-राजस्थानी अनुवाद कार्यशाला शुक्रवार को स्थानीय चन्द्राइन होटल जोधपुर में शुरू हुई। अनुवाद कार्यशाला में सात राजस्थानी साहित्यकार एवं चार ओडिय़ा भाषा के साहित्यकार शिरकत कर रहे है।
उद्घाटन अवसर पर साहित्य अकादेमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक डॉ. अर्जुन देव चारण ने कहा कि अनुवाद दो भाषाओं की संस्कृति का मिलन करवाते है, एक संस्कृति को दूसरी संस्कृति में गोता लगाने का काम अनुवाद करवाता है। डॉ. चारण ने कहा कि अनुवाद आसान कार्य नहीं है, अनुवाद करना मुश्किल होता है, उन्होंने कहा कि उड़िया भाषा की सर्वश्रेष्ठ कहानियों का अनुवाद इस कार्यशाला के दौरान किया जाएगा। डॉ. चारण ने अनुवाद को दो भाषाओं के सेतु बनाने की संज्ञा दी।
इस अवसर पर साहित्य अकादेमी में ओड़िया परामर्श मंडल के संयोजक डॉ. गौर हरिदास ने कहा कि यह अनुवाद कार्यशाला ओड़िया परामर्श मंडल की और से जोधपुर में आयोजित की जा रही है, उन्होंने कहा कि इससे पूर्व उडिया का राजस्थानी में पर्याप्त अनुवाद नहीं हुआ है, जबकि राजस्थानी भाषा, संस्कृति अत्यंत प्राचीन एवं समृद्ध है, डॉ. गौर हरिदास ने उड़िया कहानियों के राजस्थानी अनुवाद को संस्कृति में सहभागिता से सम्मान का अनुभव करते है। उन्होंने कहा कि उड़िया लेखकों के मन में राजस्थानी लेखकों और उनके लेखन को जानने समझने की आतुरता रहती है।
अनुवाद कार्यशाला में राजस्थानी के साहित्यकार डॉ.सत्यनारायण, श्री चैनसिंह परिहार, श्री मीठेश निर्मोही, उदयपुर के अरविंद सिंह आशिया एवं डॉ. राजेन्द्र बारहठ, बीकानेर के श्री मधु आचार्य 'आशावादी' एवं राजेन्द्र जोशी दो-दो उड़िया कहानीकारों की कहानियों का राजस्थानी में अनुवाद कर रहे है। कार्यशाला में उड़िया लेखक श्री बनोज त्रिपाठी, डॉ. अरविंद राय एवं श्री दीप्ति प्रकाश महापात्र भी शिकरत कर रहें है।

जोधपुर.उच्च शिक्षा मंत्री के सामने जेएनवीयू के कुलपति पर चले लात घूसे, यूं उड़ा दिए गए मर्यादा के परखच्चे



जोधपुर.उच्च शिक्षा मंत्री के सामने जेएनवीयू के कुलपति पर चले लात घूसे, यूं उड़ा दिए गए मर्यादा के परखच्चे

उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी शुक्रवार को जोधपुर में थी। वे यहां जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज के इंक्यूबेशन सेंटर के उद्घाटन के लिए पहुंची थी। उन्हीं के सामने सारी मर्यादा तोड़ते हुए एक युवक ने कुलपति को लातों और घूसों से मारना शुरू कर दिया। ताज्जुब की बात ये थी कि ये सब उच्च शिक्षा मंत्री की आंखों के सामने हुआ। यहां छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को काले झंडे भी दिखाए।आपको बता दें कि कुलपति प्रोफेसर सिंह उस समय उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के साथ इंजीनियरिंग कॉलेज के इंक्यूबेशन सेंटर के उद्घाटन के पश्चात निरीक्षण करवा रहे थे। इसी दौरान बाड़मेर के धोरीमना स्थित दूदू गांव के लव कुश महाविद्यालय के खरताराम बाना ने कुलपति के साथ मारपीट की है। लव कुश महाविद्यालय खरताराम की पत्नी का है। खरताराम का कहना है कि कुलपति ने बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम के कहने पर उनके पूरे कॉलेज का रिजल्ट रोक रखा है। कॉलेज में 1253 छात्र-छात्राएं हैं, जो पिछले दो दिनों से विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। विशेष बात यह है कि आज जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय का 55 वां स्थापना दिवस समारोह है और समारोह के मौके पर ही कुलपति की पिटाई हो गई


नई दिल्ली।पहले की फेसबुक पर लड़की से दोस्ती, फिर शादी के नाम पर डेढ़ साल तक करता रहा शारीरिक शोषण



नई दिल्ली।पहले की फेसबुक पर लड़की से दोस्ती, फिर शादी के नाम पर डेढ़ साल तक करता रहा शारीरिक शोषण
पहले की फेसबुक पर लड़की से दोस्ती, फिर शादी के नाम पर डेढ़ साल तक करता रहा शारीरिक शोषण

दिल्ली में फेसबुक पर दोस्त बनाना एक लड़की के लिए दुखद साबित हुआ। जहां लड़की को उसके फेसबुक दोस्त ने शादी का झांसा देकर उसके साथ लगातार डेढ़ साल तक शारीरिक संबंध बनाता रहा। लव सेक्स और धोखे से जुड़ी ये वारदात दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज की है। तो वहीं पीड़िता के शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दरअसल, डेढ़ साल पहले 26 साल की एक युवती की दोस्ती रोहित नाम के लड़के से फेसबुक के जरिए हुई। जिसके बाद कुछ दिनों की ये दोस्ती आपसी बातचीत के दौरान प्यार में तब्दील हो गई। जिसके बाद दोनों प्रेमी युगल की तरह घर से बाहर मिलने लगे। मुलाकात का फायदा उठाकर लड़के ने लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने की मांग कर दी।


शारीरिक संबंध की मांग को लड़की ने खारिज कर दिया। जिसके बाद लड़के ने मामले को संभालते हुए युवती से शादी का वादा किया। फिर जब लड़की युवक के झांसे में आते दिख गई तो उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए हामी भरवा ली। इसके बाद आरोपी युवक लगातार युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। लेकिन वह शादी की बात को अक्सर टाल देता था। इसी दौरान लड़की गर्भवती भी हो गई, लेकिन उसने लड़की का गर्भपात करा दिया।मामले को लेकर तब खुलासा जब लड़की को पता लगा कि आरोपी युवक का संबंध किसी और लड़की से भी है। जिसके बाद लड़की को समझ आया कि झूठे प्रेमजाल में फांसकर युवक उसके साथ लगातार डेढ़ साल तक बलात्कार करता रहा। इस रिश्ते आहत लड़की ने फिर मामले की शिकायत पुलिस को कर दी। जिसके बाद पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपी लड़के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

फिलहाल पुलिस आरोपी युवक की तलाश में जुटी है। जो कि मामले की शिकायत के बाद से ही फरार है।

क्या यह मानवाधिकार है, एक बेटी को पापा के अंतिम संस्कार में शामिल होने का भी हक नहीं दिया- चीनू

क्या यह मानवाधिकार है, एक बेटी को पापा के अंतिम संस्कार में शामिल होने का भी हक नहीं दिया- चीनू


नागौर. आनंदपाल के अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस का दावा है कि शव का अंतिम संस्कार आनंदपाल के परिजनों की सहमति से किया गया है वहीं एक ऑडियो में कथित रूप से दुबई में रह रही आनंदपाल की बड़ी बेटी चीनू का कहना है कि उनके पिता का अंतिम संस्कार जबरन किया गया है और उनकी मां, दादी, बहन योगिता, भाई व बुआ को पुलिस ने धक्का देकर मारपीट कर कमरे में बंदकर शव जबरन ले गए। एक मिनट 56 सैकण्ड के ऑडियो में आवाज को कथित रूप से चीनू की बताया जा रहा है। ऑडियो में चीनू कहती है ‘अंतिम संस्कार को लेकर परिवार की सहमति नहीं ली गई। परिवार में मैं भी पापा की बेटी हूं, मेरी सहमति नहीं है, भाई, बहन की सहमति नहीं है तो किसकी सहमति से अंतिम संस्कार किया गया है।’ बिल्कुल पापा के शव को जबरदस्ती लेकर गए। रात को अंतिम संस्कार करने का कौनसा समय होता है। ये लोग रात में अंतिम संस्कार करने लेकर गए। सूरज डूबने के बाद अंतिम संस्कार कर रहे हैं। चीनू कहती है कि शव के अंतिम संस्कार में परिवार के लोग शामिल नहीं हुए। जो भी शामिल हो रहे हैं उनको पुलिस जबरदस्ती शामिल कर रही है। दबाव बनाकर व ट्रॉचर करके अंतिम संस्कार में शामिल किया जा रहा है। ऑडियो में भावुक हुई चीनू कहती है कि क्या यह न्याय है, यह मानवाधिकार है, एक बेटी को उसके पापा के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का भी हक नहीं दिया गया सरकार की तरफ से।





गैंगस्टर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर व पत्नी राज कंवर की तबीयत बिगड़ी...

गैंगस्टर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर व पत्नी राज कंवर की तबीयत बिगड़ी...


नागौर. सांवराद में गुरुवार को आनंदपाल की अन्त्येष्टि के बाद शुक्रवार दोपहर में आनंदपाल की मां निर्मल कंवर व पत्नी राज कंवर की तबीयत बिगड़ी, जिला प्रशासन की अनुमति से लाडनूं से बीसीएमएचओ डॉ. राकेश जैन व अन्य चिकित्सकों ने किया स्वास्थ्य परीक्षण। सांवराद में तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा कफ्र्यू, साढे पांच से साढ़े सात तक दो घंटे दी ढील, गांव में तनाव का माहौल। पुलिस जाब्ते के साथ एएसपी ज्ञानप्रकाश यादव, डिप्टी नरसीलाल मीणा, डीडवाना एसडीएम उत्तम सिंह, लाडनूं तहसीलदार आदू राम, एडीएम छगनलाल गोयल सांवराद में उपस्थित मौजूद है। गौरतलब है कि आनंदपाल के शव का गुरुवार शाम को कुछ रिश्तेदारों की मौजूदगी में पुलिस ने अंतिम संस्कार करवा दिया था। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के 20वें दिन गुरुवार शाम आनंदपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। शव को साढ़े छह बजे डी-फ्रिज सहित घर के बाहर बरामदे में रखवाया गया। वहां से शव को डी-फ्रिज सहित मुक्तिधाम ले जाया गया और मुखाग्नि दी गई। अंतिम संस्कार करने के लिए देर रात लगाए गए कफ्र्यू में एक घंटे ढील दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान गांव में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा।गुरुवार दोपहर प्रशासन ने मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी किया गया नोटिस एपी के घर चस्पा कर बताया कि शुक्रवार दोपहर तक या तो परिजन शव का अंतिम संस्कार करें अन्यथा प्रशासन को उसका अंतिम संस्कार कराना पड़ेेगा। इसपर गुरुवार शाम एडीजी अजीतसिंह समेत संभागीय आयुक्त एचएस मीणा, आईजी मालिनी अग्रवाल समेत अन्य ने आनंदपाल के परिजनों से अंतिम संस्कार को लेकर वार्ता की।





पुलिस ने जबरन कराया गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार, इलाके में तनाव बरकरार

पुलिस ने जबरन कराया गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार, इलाके में तनाव बरकरार

राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच आंनदपाल का अंतिम संस्कार कराया. इससे पहले आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई मांग लेकर राजपूत समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया. बुधवार की रात कई वाहनों में आगजनी भी की गई थी. आनंदपाल के गांव और आस-पास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है.


जानकारी मिली है कि पुलिस प्रशासन ने आनंदपाल सिंह के परिवार को एक नोटिस देकर कहा था कि अगर उन्होंने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो मजबूरी में यह काम पुलिस प्रशासन करेगा. इस चेतावनी के बाद गुरुवार को मुक्तिधाम में बीस दिनों बाद राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया.


पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच आनंदपाल का दाह संस्कार करा दिया

पुलिस ने शाम को पुलिस ने घरवालों को कहा कि अंतिम संस्कार करना होगा और आनंदपाल के बेटे को साथ चलने को कहा मगर बेटा नहीं माना तो पुलिस जबरन उसे साथ ले गई. पुलिस ने गांव के पांच लोगों को भी साथ लिया और उन्हें अंतिम संस्कार में ले आई. इसके अंतिम संस्कार की कार्रवाई पूरी की गई.




सुबह से राजस्थान के जेल डीजी और राजपूत अधिकारी अजीत सिंह को परिवार को दाहसंस्कार करने के लिए राजी करने के लिए लगा रखा था. दिन में ढाई बजे पुलिस ने आनंदपाल के घर पर मानवाधिकार आयोग का नोटिस घर पर चस्पा किया गया था कि आप 24 घंटे के अंदर दाह संस्कार कीजिए. इसके लिए मानवाधिकार ने आनंदपाल के लाश के मानवाधिकार और उसकी प्रतिष्ठा का सवाल बनाया था. मगर चार घंटे बाद ही दाह संस्कार कर दिया गया.




राजस्थान पुलिस के अनुसार गांव में एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी और दाह संस्कार के लिए एक जगह एकत्रित होने के लिए कहा गया था. सूत्रों के अनुसार आनंदपाल की मां इस बात पर अड़ी थी कि अगर बेटे के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से नहीं कराई गई और जबरन दाह संस्कार कराया तो बेटे के साथ वो भी जलेंगी. इस वजह से पुलिस ने पूरे मामले को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया.




तनाव को देखते हुए आनंदपाल की शव यात्रा में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था. बताते चलें कि नागौर में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. इससे पहले बुधवार की रात राजपूतों की गुस्साई भीड़ ने नागौर में पुलिस पर हमला कर दिया था. इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए कई राउंड फायरिंग भी की थी.




उधर, गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल है. मीडिया को गांव में घुसने की इजाजत नहीं दी गई. दाह संस्कार देखने की इजाजत भी मीडिया को नहीं मिली. डीजी जेल अजीत कुमार सिंह ने कहा कि दाह संस्कार के दृश्य मीडिया को दे दिए जाएंगे. इस बीच राजपूतों ने भी इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए अपनी अगली रणनीति शुक्रवार को बनाने का ऐलान किया है

बाड़मेर रात 10 बजे कलेक्टर ने देखे शहर में पानी निकासी के हालात


रात 10 बजे कलेक्टर ने देखे शहर में पानी निकासी के हालात


गुरुवारशाम शुरू हुई बारिश के रात दस बजे बंद होने के बाद शहर में पानी के भराव वाले स्थानों और इलाकों का दौरा किया। शहर के फेल ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए कलेक्टर प्रयास कर रहे हैं। जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते गुरुवार रात 10 बजे जब बारिश थम गई तो नगर परिषद के आयुक्त श्रवण विश्नोई, एसडीएम चेतन त्रिपाठी, पटवारी ओमप्रकाश के साथ शहर के निरीक्षण पर निकल पड़े। कलेक्टर ने शास्त्रीनगर, चामुंडा मंदिर, विष्णु कॉलोनी, गांधीनगर, रीको, कृषि उपज मंडी, शहीद चौराहा, अहिंसा सर्किल, कलेक्टर कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान पानी निकासी के इंतजाम और प्लानिंग को लेकर अधिकारियों काे आवश्यक निर्देश दिए। शहीद चौराहे पर पानी निकासी के लिए सिणधरी रोड के दोनों ओर नाले बनाने और हाइवे के नीचे से पानी निकासी की व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए गए। कृषि उपज मंडी के सामने बंद पड़े नाले को खोलने और रीको के अंदर से पानी निकासी की व्यवस्था किए जाने को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान शहीद चौराहे पर रात में भी जेसीबी लगाकर बरसाती पानी को नाले में डालने का काम शुरू करवाया। कलेक्टर ने आयुक्त को ड्रेनेज सिस्टम को लेकर पूरा मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

गंभीर लापरवाही पर बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट, सेड़वा में रिश्वत लेने वाले ऑपरेटर को हटाने के निर्देश



गंभीर लापरवाही पर बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट, सेड़वा में रिश्वत लेने वाले ऑपरेटर को हटाने के निर्देश

गंभीर लापरवाही पर बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट, सेड़वा में रिश्वत लेने वाले ऑपरेटर को हटाने के निर्देश 
4.30 घंटे चली जनसुनवाई में पहली बार सर्वाधिक 200 प्रकरण दर्ज, 50 % शिकायतें राजस्व विभाग की 
 बाड़मेर
तहसीलपंचायत समिति स्तर के अफसरों की लापरवाही का नतीजा है कि कलेक्टर की जिला स्तरीय सुनवाई में फरियादियों की फेहरिस्त लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को कलेक्ट्री के अटल सेवा केंद्र में हुई जनसुनवाई में सर्वाधिक 200 परिवाद दर्ज हुए। स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर अनियमितताओं का मामला प्रकाश में आने पर कलेक्टर ने बाड़मेर बीसीएमएचओ को चार्जशीट के आदेश दिए। सुनवाई में पंचायत समिति सेड़वा के कंप्यूटर ऑपरेटरों की ओर से काम की एवज में रिश्वत लेने का मामला सामने आया। इस पर कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंस से सेड़वा बीडीओ को इस मामले की जांच कर तीन दिन में ऑपरेटर को हटाने के निर्देश दिए। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर सीसीबी को संबंधित व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा गया। सुबह 10.30 बजे शुरू हुई सुनवाई शाम 4 बजे तक जारी रही। इस दौरान अधिकांश प्रकरण अतिक्रमण,पानी,बिजली, सड़क से जुड़े शामिल थे।
कलेक्ट्री स्थित अटल सेवा केंद्र में सुबह 10.30 बजे कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते ने सुनवाई शुरू की। सुबह से सेवा केंद्र में फरियादियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक अटल सेवा केंद्र में सैकड़ों लोग पहुंच गए। परिवेदनाओं की सुनवाई में अधिकांश मामले राजस्व पंचायतीराज विभाग से जुड़े होने पर कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अफसरों को जमकर फटकार लगाई। अफसरों को कहा कि ये लोग तहसील पंचायत समिति स्तर की शिकायतों का निस्तारण नहीं होने पर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेंवे। इस दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, एसपी डॉ.गगनदीप सिंगला,जिला परिषद सीईओ एम.एल.नेहरा, एडीएम ओ.पी.बिश्नोई,भूमि अवाप्ति अधिकारी अशोक सांगवान आदि मौजूद थे।
आमजन की परिवेदनाएं लिखने के निर्देश | जनसुनवाई में आने वाले ग्रामीणों को अगली बार होने वाली जन सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन की ओर से अटल सेवा केन्द्र में उनकी परिवेदनाएं लिखने की भी व्यवस्था की जाएगी। कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने आगामी जन सुनवाई के दौरान इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश एडीएम ओ.पी.बिश्नोई को दिए है।
सुनवाई में 50 फीसदी शिकायतें तो सिर्फ राजस्व विभाग की | कलेक्टरकी सुनवाई में 50 फीसदी मामले राजस्व विभाग से जुड़े हैं। जमीन की पैमाइश,सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें दर्ज की गई। तहसीलदार स्तर की शिकायतों का निस्तारण नहीं होने से फरियादी बार-बार सुनवाई में पहुंच रहे हैं। इस मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राजस्व अधिकारियों को फटकार लगाते हुए त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। सेड़वा में गोचर भूमि से अतिक्रमण,पचपदरा में सीमा ज्ञान, बलाई गांव में गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की शिकायतें दर्ज की गई।
बाड़मेर.जनसुनवाई में समस्याएं सुनते कलेक्टर। 

गुरुवार, 13 जुलाई 2017

एक एपिसोड हुआ खत्म आनंदपाल का हुआ अंतिम संस्कार

एक एपिसोड हुआ खत्म  आनंदपाल 19 दिन बाद हुआ का हुआ अंतिम संस्कार 

अन्कॉउंटर में मारे गए आनंदपाल का आज अंतिम संस्कार आखिर हो गया ,पुलिस महकमे के साथ साथ राज्य सरकार ने भी राहत की साँस ली ,आनंदपाल के अंतिम संस्कार के दौरान  सांवराद में लगे कर्फ्यू में एक घंटे की ढील दी गयी थी ,ताकि गांव के लोग शव यात्रा में शामिल हो सके ,जानकारी के अनुसार मानव अधिकार आयोग ने कल रत चौबीस घंटे में आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार करवाने के आदेश राज्य सरकार को दिए थे जिसके चलते आज दिन में पुलिस विभाग के आला अधिकारियो के साथ जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ,जिला कलेक्टर सहित कई अधिकारी पहुंचे ,आनंदपाल के परिजनों से वार्ता कर उन्हें शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया ,गैंगस्टर आनंदपालसिंह एनकाउण्टर प्रकरण की सीबीआई जांच सहित अन्य मांगों को लेकर 19 दिन बाद आयोग के आदेश पर आखिर 20वें दिन गुरुवार शाम निकग के रिश्तेदारों की उपस्थिति में शव का  अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

सूत्रों के अनुसार आनंदपाल मां, पत्नी, बेटी योगिता सहित अन्य परिजनों ने उनकी मांगें माने बिना अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिजनों ने आनंदपाल के बेटे को भी अंतिम संस्कार में नहीं भेजा। बताया जा रहा है कि आनंदपाल के मामा मोहनसिंह, अमरसिंह, मामा के बेटे रणजीतसिंह व मौसी के बेटे गजेन्द्रसिंह को समझाइश कर अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया गया। इसके बाद गांव व रिश्तेदारी के करीब 40-50 लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया। एपी के चाचा ने मुखाग्नि दी।  बुधवार को श्रद्धांजलि सभा के बाद हुए उपद्रव के बाद बिगड़ी स्थिति एवं मानवाधिकार आयोग के नोटिस  पर पुलिस के दबाव के चलते देर शाम आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कफ्र्य में एक घंटे की ढील भी दी गई तथा पुलिस की ओर से गांव मुनादी भी कराई गई कि यदि कोई ग्रामीण चाहे तो अंतिम संस्कार में शामिल हो सकता है। बावजूद इसके अंतिम संस्कार में गिने-चुने लोग ही शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने मीडियाकर्मियों को भी सांवराद में प्रवेश नहीं करने दिया। 

परिजनों की मांगों को लेकर अलग-अलग बातें सामने आईं। सूत्रों के अनुसार राजपूत समाज से जुड़े पुलिस के आला अधिकारी ने मध्यस्ता करते हुए परिजनों को इस बात के लिए राजी किया कि यदि वे सीबीआई जांच की मांग को लेकर सरकार के समक्ष आवेदन पेश करेंगे तो उनकी मांग पर गंभीरता से गौर किया जाएगा। वहीं पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने जयपुर में मीडिया को बयान दिया कि परिजन बिना शर्त अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। इससे पहले पुलिस ने मानवाधिकार आयोग की ओर से दिए गए नोटिस के आधार पर गुरुवार दोपहर करीब २ बजे परिजनों को नोटिस जारी करते हुए २४ घंटे में अंतिम संस्कार करने का अल्टीमेटम दिया।

आनंदपाल एनकाउंटरः नागौर में तनाव जारी, सरकार ने CBI जांच की मांग ठुकराई

आनंदपाल एनकाउंटरः नागौर में तनाव जारी, सरकार ने CBI जांच की मांग ठुकराई


जयपुर / नागौर। पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपालसिंह के पैतृक गांव सांवराद में कर्फ्यू के बावजूद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग सिरे से खारिज कर दी है।

सरकार ने कहा है कि मानवाधिकार आयोग के आदेश के अनुसार आनंदपाल सिंह के शव का चौबीस घंटे के अंदर परिजनों ने अंतिम संस्कार नहीं किया तो सरकार अपने स्तर पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करेगी। सांवराद में बुधवार को हुंकार रैली के दौरान हुई हिंसा में गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे पहले पुलिस के साथ संघर्ष में 24 पुलिसकर्मियों सहित 32 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख और उनका अंगरक्षक भी शामिल हैं। घायलों में से एक पुलिसकर्मी की हालत नाजुक बताई जा रही है।


आनंदपाल सिंह के लिए चित्र परिणाम

सरकार ने खारिज की आनंदपाल सिंह की मौत की सीबीआई जांच की मांग
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने गुरुवार को जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मृतक आंनदपाल सिंह के परिजनों और राजपूत समाज के कई संगठनों की ओर से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा, मैं अपने पुलिस के खिलाफ ही जांच के आदेश कैसे दे सकता हूं और वह कोर्ट (अदालत) जाएं, यदि अदालत आदेश देगा तो उसका पालन की जाएगा।

आनंदपाल का अंतिम संस्कार नहीं किया तो सरकार शुरू करेगी अपनी प्रक्रिया
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गये आनंदपाल सिंह के शव का अंतिम संस्कार करवाने के संबंध में मानवाधिकार आयोग की ओर से प्राप्त आदेश के तामिल हेतु पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है। परिजनों को यह आदेश सौंपने के बाद यदि तय समय सीमा में अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो, सरकार अपनी ओर से प्रक्रिया शुरू कर देगी। कटारिया ने कहा कि बुधवार की घटना में 24 पुलिसकर्मियों सहित 32 लोग घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक की हालत नाजुक है। अब तक 150-200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और गिरफ्तारियां संभव हैं।

हिंसा में एक व्यक्ति की मौत
उन्होंने कहा, आयोजकों ने शांतिपूर्ण श्रद्धाजंलि कार्यक्रम करने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने उसे हिंसक बना दिया। उनका ध्यान इस मामले में कांग्रेस के एक युवा नेता की ओर दिलाये जाने पर कहा कि वोटों की राजनीति ने सभी मयार्दाओं को तिलाजंलि दे दी है, अपराधी, बदमाश की कोई जाति नहीं होती। जिसने अपराध किया है उसे सजा मिलेगी, सरकार इसमें कोई रियायत नहीं करेगी।

कटारिया ने कहा कि सांवराद में हुई हिंसा में मारे गये व्यक्ति की पहचान हरियाणा के लाल चंद के रूप में हुई है। लाल चंद वहां कैसे पहुंचा इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपराध किया है उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी, सरकार किसी को नहीं बख्शेगी।

राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन आर के रेड्डी के अनुसार लाल चंद की मौत पुलिस गोली से नहीं हुई है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में कोई गोली नहीं चलाई है। उन्होंने कहा, रैली में आए लोगों ने अचानक उत्तेजित होकर पुलिस पर पथराव किया जिसमें नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख, आईपीएस अधिकारी मोनिका सेन सहित 24 चौबीस पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। सूत्रों के अनुसार, उन्मादी पुलिस अधीक्षक के अंगरक्षक की एके 47 और एक अन्य पुलिसकर्मी की रिवाल्वर छीन कर फरार हो गये। रेड्डी ने बताया कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं। स्थानीय हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

उक्त रैली श्रीराजपूत करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों ने पुलिस मुठभेड़ में 24 जून को मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाये जाने समेत चार सूत्रीय मांग को लेकर बुलायी गयी थी। आनंदपाल सिंह का शव उसके पैतृक गांव सांवराद में रखा हुआ है, परिजन मांगे पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं।

वहीं सांवराद में मौजूदा हालात के कारण रेल और बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रेलवे के प्रवक्ता कमल जोशी के अनुसार गाड़ी संख्या 74851 रतनगढ़-सरदारशहर और सरदारशहर-रतनगढ़ एक्स्रप्रेस का संचालन आगामी आदेश तक रद्द कर दिया गया है। जोधपुर हिसार एक्स्प्रेस को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है।

रोडवेज प्रवक्ता सुधीर भाटी के अनुसार कल नागौर, बीकानेर, झुंझुनू और सीकर जिले में बस सेवाओं का संचालन प्रभावित हुआ था लेकिन गुरुवार को सांवराद इलाके से गुजरने वाली बसों को छोड़कर शेष मार्ग पर बसों का संचालन सामान्य हो गया है।

सांवराद से जयपुर के रास्ते सील, राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा- 24 घंटे के भीतर हाे आनन्दपाल का अंतिम संस्कार



सांवराद से जयपुर के रास्ते सील, राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा- 24 घंटे के भीतर हाे आनन्दपाल का अंतिम संस्कार



जयपुर / आनन्दपाल के अंतिम संस्कार को लेकर जारी तनाव के बीच राज्य मानवाधिकार आयोग ने 24 घंटे के भीतर उसका अंतिम संस्कार कराने को कहा है। आयोग ने कहा है कि परिवार वाले अंतिम संस्कार नहीं कराएं, तो सरकार जिम्मेदारी निभाए। बुधवार को आदेश की कॉपी मुख्य सचिव व प्रमुख गृह सचिव को देकर 20 जुलाई तक पालना रिपोर्ट मांगी है। परिवार ने नोटिस के बावजूद अंतिम संस्कार नहीं कराया है, एेसे में सरकार को आगे आना चाहिए। आयोग अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने स्वप्रेरणा से दर्ज प्रकरण में यह आदेश दिया है।

आयोग के तर्क

🔵 अंतिम क्रिया के अतिरिक्त अन्य किसी भी कार्य के लिए मृत शरीर को रखा नहीं जा सकता, क्योंकि मानव शरीर कोई बाजार में बिकने वाली वस्तु नहीं है।




जिस तरह जीवित व्यक्ति को बंधक नहीं बनाया जा सकता, उसी तरह मृत का तत्काल अंतिम संस्कार नहीं करना व उसे कब्जे में रखना कानूनन, सामाजिक मान्यता व शालीनता के खिलाफ है। मृत शरीर से दुर्गंध के साथ ही चमड़ी उतरने लगी थी। फिर भी अंतिम संस्कार नहीं करा रहा है तो यह सरकार का दायित्व है। यह सुप्रीम कोर्ट पहले ही निर्देश दे चुका है।

🔵कोख में आते ही मानव अधिकार जन्म ले लेते हैं, उसी तरह मृत्यु के बाद भी मानवाधिकार रहता है। कोई भी इसके लिए स्वयं संघर्ष नहीं कर सकता। एेसे में उसके परिजन और सगे सम्बन्धी या सामाजिक संस्था मृतक का अंतिम संस्कार करा सकती हैं। वे भी नहीं कराएं तो सरकार को जिम्मेदारी उठानी चाहिए।

🔵आयोग ने इस मामले में पिछले दिनों भी स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। साथ ही मौताणे को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। गृह विभाग से पूछा था कि अंतिम संस्कार नहीं कराने के मामलों पर सरकार की क्या नीति है?

🔴रैली में कहा...उखाड़ेंगे पटरी, रोकेंगे हाइवे

कुख्यात अपराधी आनंदपाल के एनकाउंटर की सीबीआई जांच सहित परिजनों की मांगों को लेकर बुधवार को सांवराद में आयोजित हुंकार रैली व श्रद्धांजलि सभा में राजपूत एवं रावणा राजपूत समाज के लोग हजारों की संख्या में एकत्र हुए। इस मौके पर राजपूत समाज के नेता लोकेन्द्र सिंह कालवी के नेतृत्व में मौजूद लोगों ने सीबीआई जांच व परिजनों की अन्य मांगों का समर्थन किया। साथ ही आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर को साजिश करार देते हुए इसे सुनियोजित हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि आनन्दपाल सिंह समर्पण करने को तैयार था, लेकिन सरकार की शह पर पुलिस ने उसे विश्वास में लेकर मारा है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

🔴सिपाहियों को जलाने का किया प्रयास

अपराधी आनंदपाल की श्रद्धांजलि सभा के बाद बुधवार रात सांवराद में हालात बेकाबू हो गए। उपद्रवी भीड़ ने रात करीब आठ बजे सांवराद रेलवे स्टेशन पर पटरियां उखाड़ दी। कुछ पुलिसकर्मियों को कमरे में बंद कर आग लगाने का प्रयास किया। सांवराद में उपद्रवियों को पुलिस ने काबू करने का प्रयास किया तो वह और उग्र हो गए। इस दौरान झड़प में हुए घायलों को जयपुर रैफर किया गया। रास्ते में एक घायल लालचंद ने दम तोड़ दिया। इस बीच उपद्रवियों ने पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख की कार पर हमला करके उसमें आग लगा दी। साथ ही उनके गनमैन की एके 47 राइफल छीनकर भाग गए।साथ ही आईपीएस मोनिका सैन को घेर लिया। उनके गनमैन ने भीड़ को काबू करने का प्रयास किया तो उपद्रवी उसकी भी पिस्तौल छीनकर ले गए। दरअसल श्रद्धांजलि सभा में शामिल भीड़ के कुछ लोग दिनभर राज्य सरकार के जवाब के इंतजार में बैठे रहे। शाम को वह सांवराद रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ गए। वहां पहुंचकर उन्होंने पटरियों पर कब्जा कर लिया। मौके पर मौजूद आरपीएफ एवं पुलिस के जवानों ने उन्हें समझाकर हटाने का प्रयास किया। इसमें दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद हालात बिगड़ गए।

🔴सांवराद से जयपुर के रास्ते सील

सांवराद में हालात बिगडऩे के बाद जयपुर में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। वहां से जयपुर आने वाले मार्गों पर पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया है। प्रदर्शनकारियों को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए सभी थानों और लाइन का अतिरिक्त जाप्ता तैनात किया गया है। नागौर व चूरू से आने वाले वाहनों की विशेष निगरानी जारी है।

🔴गृहमंत्री और डीजीपी ने की मीटिंग

गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने देर रात पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट को अपने दफ्तर में बुलाया। वहां अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद हालात से निपटने की रणनीति बनाई गई। दूसरी और राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एन आर के रेड्डी के अनुसार श्रीकरणी राजपूत सेना द्वारा आयोजित कार रैली में आए लोगों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन वह हिंसा पर उतारू होने लगे, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि झड़प में घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। अन्य घायल प्रदर्शनकारी हैं। घायल पुलिसर्किमयों में से दो को नाजुक हालत में जयपुर के अस्पताल भेजा गया है जबकि शेष को नागौर के नजदीक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दो पुलिसकर्मी अभी लापता हैं जिनकी तेजी से तलाश की जा रही है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला  ।



कुछ उपलब्धियां ऐसी होती हैं, जो हासिल करने वाले के अपने जीवन में ‘मील का पत्थर’ तो होती ही हैं, दूसरे लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का सबब भी बनती हैं। 25 वर्षीया तनुश्री पारीक की उपलब्धि भी कुछ ऐसी ही है। वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला हैं। ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ यानी वह भारतीय सीमा की रक्षा में प्रत्यक्ष योगदान देंगी और जरूरत पड़ी तो आमने-सामने दुश्मनों से दो-दो हाथ भी करेंगी।
परंपरागत रूप से सेना और अद्र्धसैनिक बलों में महिलाओं को फील्ड में ड्यूटी पर नहीं रखा जाता, लेकिन पिछले कुछ सालों से नियमों में बदलाव कर महिलाओं को फील्ड में तैनात किया जाने लगा है। अभी कुछ माह पहले ही 2016 में भारतीय वायुसेना ने तीन महिलाओं को पहली बार जेट फाइटर पायलट के रूप में चुना था। राजस्थान के बीकानेर की तनुश्री पारीक ने भी इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए इतिहास रचा है। वर्तमान में ढाई लाख से ज्यादा क्षमता वाले सीमा सुरक्षा बल की स्थापना 1965 में हुई थी, लेकिन यहां महिलाओं को ‘ऑपरेशन ड्यूटी’ के लिए आवेदन करने की अनुमति 2013 में दी गई है। चार चरणों की कठिन भर्ती प्रक्रिया का सामना करने के बाद तनुश्री 2014 में बीएसएफ की पहली ‘महिला असिस्टेंट कमांडेंट’ के रूप में चुनी गईं। अपने साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 67 प्रशिक्षु अधिकारियों की पासिंग आउट परेड का नेतृत्व भी 25 वर्षीया तनुश्री ने ही किया था।


उपलब्धि का रोमांच
अपनी इस उपलब्धि से उत्साहित तनुश्री का कहना था, ‘मैं इतनी रोमांचित थी कि परेड के लिए मैंने खुद को दुगने उत्साह के साथ तैयार किया। मुझे लगता है कि लड़कियों को कठिन कार्यों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का समय आ गया है।’ उनकी पहली तैनाती पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाली है। तनुश्री ने आज इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है। 13 माह की बेहद कड़ी ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने युद्ध कौशल, खुफिया सूचनाएं जुटाने और सीमा की सुरक्षा से जुड़े दूसरे कार्यों का प्रशिक्षण हासिल किया। अपनी टे्रनिंग के दौरान अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए उन्होंने ‘ड्रिल’, ‘ऑलराउंड बेस्ट ट्रेनी’ और ‘पब्लिक स्पीकिंग’ के तीन पुरस्कार भी हासिल किए।
बीएसएफ के इतिहास में पहली महिला कॉम्बेट ऑफिसर बन कर इतिहास रचने वाली तनुश्री करीब तीन माह पहले अपने गृहनगर बीकानेर पहुंची तो उनका भव्य स्वागत हुआ, जो स्वाभाविक ही है। तनुश्री शुरू से ही मेधावी थीं। उन्होंने बीकानेर के गवर्नमेंट इंजीनियर कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। उसके बाद उन्होंने ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ (इग्नू) से ‘रूरल डेवलपमेंट’ में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी भी की और प्रारंभिक परीक्षा में सफलता हासिल की, हालांकि मेन्स में सफल नहीं हो सकीं।


ऐसे शुरू हुआ वर्दी से प्यार
बीएसएफ या दूसरे सैन्य बलों में जाने की बात मन में पहली बार कब आई? इस सवाल पर तनुश्री का कहना था कि शुरू में वह उन आम बच्चों की तरह ही थीं, जो हर चीज में हिस्सा लेते हैं। वह कहती हैं, ‘बीएसएफ या सैन्य बल में जाना है, इसकी कोई योजना पहले से मेरे मन में नहीं थी। जब मैं कॉलेज में थी, मैंने एनसीसी ज्वाइन किया था। उस समय मैंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की, तो मन में वर्दी के प्रति आकर्षण पैदा हुआ।’


कोई भी लक्ष्य पाना नहीं है मुश्किल
तनुश्री का मानना है कि अगर जिंदगी में कोई लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसे हासिल करने के लिए पूरी तरह जुट जाएं तो असंभव कुछ नहीं हैं। उनका कहना है, ‘मेरा मानना है कि किसी पर निर्भर मत होइए। अपनी जिंदगी में अपना मुकाम हासिल करके आदमी को जो खुशी होती है, उससे एक अलग प्रकार का आत्मविश्वास आता है।’ उनका मानना है कि सैन्य बलों में जाने से जीवन में अनुशासन आता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आज तनुश्री भारत की बहुत सारी युवतियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। बीएसएफ में तनुश्री पारीक जैसी महिलाओं के जाने से सीमा की सुरक्षा में दिन-रात तैनात इस सैन्य बल की क्षमताओं में निश्चित रूप से इजाफा होगा।

डॉ. ललित के पंवार ने राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप डवलपमेंट स्किल यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति का कार्यभार सम्भाला

डॉ. ललित के पंवार ने राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप 

डवलपमेंट स्किल यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति का कार्यभार सम्भाला



 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ललित के पंवार ने बुधवार को राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप डवलपमेंट स्किल यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति का कार्यभार संभाल लिया। डॉ. पंवार 10 जुलाई 2017 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत हुए हैं। डॉ. पंवार ने 10 अगस्त 2015 को यह पद संभाला था। सन् 1979 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. पंवार आईटीडीसी, आरटीडीसी के अध्यक्ष, राज्य व भारत सरकार में पर्यटन सचिव सहित अनेक विभागों के प्रमुख रहे हैं। लंबे समय तक निदेशक माध्यमिक शिक्षा के रूप में अभूतपूर्व कार्य किया। डीपीआर के अतिरिक्त साढ़े तीन साल तक कलक्टर जैसलमेर रहे। संभागीय आयुक्त जोधपुर भी रहे। बाड़मेर जिले के छोटे से गाँव के रहने वाले डॉ. पंवार पर्यटन में पीएचडी है और दुनिया के अधिकांश देशों में राजस्थान व भारत के पर्यटन को पंहुचाया है।