फिर एमओयू, बीएस-6 वाली पहली रिफाइनरी राजस्थानबाड़मेर में
जयपुर. राजस्थान की रिफाइनरी देश में बीएस -6 मानक और पैट्रो कैमिकल काॅम्प्लेक्स के साथ बनने वाली पहली रिफाइनरी होगी। इसके लिए मंगलवार को चार साल बाद जयपुर में नए सिरे से सरकार व एचपीसीएल के बीच एमओयू होगा। सीएम वसुंधरा और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद रहेंगे। नौ मिलियन टन क्षमता की रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल काम्प्लेक्स को बनाने में 43 हजार करोड़ रु. खर्च होंगे। इसे तैयार होने में 4 साल लगेंगे। संभावना है कि 2021 में यह रिफाइनरी बनकर तैयार हो जाएगी। उधर, कोटा में गेल की ओर से विकसित किए गए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीडीजी) नेटवर्क को मंगलवार ही आरएसजीएल को स्थानांतरित किया जाएगा।
सालाना 2514 करोड़ रुपए कम देनी होगी राशि
कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में रिफाइनरी लगाने के लिए जो एमओयू किया था। उसके अनुसार राज्य सरकार को अगले 15 साल तक सालाना 3637 करोड़ रु. ब्याज मुक्त ऋण देना था। निगोशिएशन के बाद भाजपा सरकार और एचपीसीएल के बीच डील 1123 करोड़ में ही ब्याज मुक्त लोन देने पर फाइनल हो गई।
इससे राज्य सरकार की सालाना 2514 करोड़ रु. की बचत होगी। गहलोत सरकार में जहां रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल काम्पलेक्स 37320 करोड़ में बनकर तैयार हो रहे थे, वहीं अब एक प्रोसेसिंग यूनिट एक्स्ट्रा लगाने से इसकी लागत बढ़कर 43 हजार करोड़ रु. हो जाएगी। रिफाइनरी के आसपास बड़े पैमाने पर ग्रीनरी विकसित की जाएगी, जिससे बिल्कुल पर्यावरण का किसी प्रकार क्षति न होने पाए। इस रिफाइनरी से बाहर के साथ ही राजस्थान के क्रूड आयल को भी रिफाइंड किया जाएगा।
क्या है बीएस 6
यह रिफाइनरी बीएस-6 मानकों के तेल का उत्पादन करेगी। यह उच्च गुणवत्ता के साथ सबसे रिफाइंड तेल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही 2020 से यूरो 6 नॉर्म यानी बीएस-6 लागू करने का आदेश दिया है। इसको ध्यान में रखकर राजस्थान में बीएस 6 मानक की रिफाइनरी लगाई जा रही है। फिलहाल चौपहिया वाहनों पर बीएस-4 मानक लागू है। बीएस-4 ईंधन में 50 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) जहरीला सल्फर होता है। बीएस-5 व बीएस-6 दोनों तरह के ईंधनों में सल्फर की मात्रा 10 पीपीएम ही होती है।
वेस्ट मैटेरियल से 262 मेगावाट बिजली उत्पादन भी करेंगे
रिफाइनरी से निकलने वाले पेट काक वेस्ट मैटेरियल से 262 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसका उपयोग रिफाइनरी चलाने में होगा। रिफाइनरी के लिए जो गैस का इस्तेमाल किया जाता, उससे पेट्रो केमिकल काम्प्लेक्स चलाया जाएगा।