अमेरिका ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, कहा 'भारत में कोई हमला न होने पाए'
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे को लेकर दोनों देश की सुरक्षा एजेंसिया रात-दिन सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करने में जुटी हैं और अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान सीमापार से किसी भी तरह की आतंकी गतिविधी हुई तो उसे बहुत बड़ा अंजाम भुगतना पड़ सकता है।
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि वह पाकिस्तान की पुरानी आदतों को बखूबी जानते हैं ऐसे में वो अपनी पुरानी हरकतें ना दोहराए तो ही अच्छा होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान वे दो घंटे तक खुले मंच पर मौजूद रहेंगे। उनकी यात्रा के मद्देनजर भारत-अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सावधानी बरत रही हैं। गौरतलब है कि साल 2000 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 36 सिखों की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में अमेरिका दूतावास को भी अलर्ट किया गया है।
भारत और अमेरिका मिलकर बनाएंगे ओबामा की 'भारत यात्रा' को सुखद
26 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पहली बार इस खास दिन को अपना भाषण देंगे तो मंच पर उनके साथ होंगे अमेरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा देश के लिए ऐसे गौरवपूर्ण क्षण को भारत की जनता के लिए साक्षी बनाने में भारत व अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों का अहम योगदान रहेगा क्योंकि इस मौके को देश के दुश्मन बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। ओबामा की भारत यात्रा को देखते हुए सरकार सुरक्षा पर काफी खर्चा कर रही है लेकिन अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से दो कदम ही आगे है और उनकी और से ही सब चीज़ें सुनिश्चित की जा रही है और तो और अमेरिकन एडवांस टीम ने तो भारत में पहले से ही उन जगहों का गहनता से निरिक्षण कर लिया है जहां जहां से ओबामा गुजरने वाले हैं।
जानिए ओबामा की भारत यात्रा से जुड़े कुछ तथ्य
15000 सीसीटीवी कैमरे मगर जूम इन सुविधा नहीं
बराक ओबामा दिल्ली के आईटीसी मौर्य होटल में ठहरेंगे और होटल के आसपास लगभग 75 सीसीटीवी कैमरे लगे है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार चार साल पहले भी जब ओबामा भारत दौरे पर आए थे तो इसी होटल में ठहरे थे लेकिन तब यहां रास्तों में कैमरे नहीं लगाए गए थे। लेकिन यह कैमरे एटीएम केंद्रो पर लगने वाले कैमरों जैसे नहीं है जिनमें चेहरे साफ साफ देखे जा सके।
अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा 'हमें सड़को पर सुरक्षाकर्मी चाहिए अंधेरा नहीं
अमेरिकी रक्षा एजेंसियों ने कहा है कि बम कहीं भी और आसानी से छुपाए जा सकते हैं ऐसे में भारत की स्पेशल सैल व क्राइम ब्रांच को राजपथ व इंडिया गेट के रास्तों पर लगे गमलों की भी जांच करनी होगी।
रोज़ आ रही है आतंकी हमलों की धमकियां
एक अंग्रेज़ी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक जिस दिन से ओबामा के भारत यात्रा पर आने का ऐलान हुआ है उस दिन से लगभग रोज़ाना मोदी व ओबामा पर हमले की धमकियां दी जा रही हैै। अब सुरक्षा एजेंसियां इन सभी धमकियों के डेटा पर कार्य कर रहे है।
होटल को अपने कब्ज़े में लेंगे ओबामा के सुरक्षाकर्मी
सूत्रों के अनुसार शैरेटन होटल को 20 जनवरी से ओबामा के भारत से जाने तक अमेरिकी सुरक्षाकर्मी अपने कब्जे में लेंगे।
80,000 दिल्ली पुलिसकर्मी रहेंगे चौकन्ने
ओबामा की सुरक्षा में जमीनी स्तर पर लगभग 10,000 पैरामिलट्री के जवान और करीब 80,000 दिल्ली पुलिस कर्मीयों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मगर मज़ेदार बात यह है कि किसी को भी नहीं पता की इतने सुरक्षाकर्मीयों के बावजूद अमेरिकी सेना के कितने जवान वहां मौजूद होंगे। इसके अलावा अमेरिकन एजेंसियां दिल्ली की इमारतों पर स्नाईपरों को भी तैनात कर सकती है।
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि वह पाकिस्तान की पुरानी आदतों को बखूबी जानते हैं ऐसे में वो अपनी पुरानी हरकतें ना दोहराए तो ही अच्छा होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान वे दो घंटे तक खुले मंच पर मौजूद रहेंगे। उनकी यात्रा के मद्देनजर भारत-अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सावधानी बरत रही हैं। गौरतलब है कि साल 2000 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 36 सिखों की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में अमेरिका दूतावास को भी अलर्ट किया गया है।
भारत और अमेरिका मिलकर बनाएंगे ओबामा की 'भारत यात्रा' को सुखद
26 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पहली बार इस खास दिन को अपना भाषण देंगे तो मंच पर उनके साथ होंगे अमेरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा देश के लिए ऐसे गौरवपूर्ण क्षण को भारत की जनता के लिए साक्षी बनाने में भारत व अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों का अहम योगदान रहेगा क्योंकि इस मौके को देश के दुश्मन बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। ओबामा की भारत यात्रा को देखते हुए सरकार सुरक्षा पर काफी खर्चा कर रही है लेकिन अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से दो कदम ही आगे है और उनकी और से ही सब चीज़ें सुनिश्चित की जा रही है और तो और अमेरिकन एडवांस टीम ने तो भारत में पहले से ही उन जगहों का गहनता से निरिक्षण कर लिया है जहां जहां से ओबामा गुजरने वाले हैं।
जानिए ओबामा की भारत यात्रा से जुड़े कुछ तथ्य
15000 सीसीटीवी कैमरे मगर जूम इन सुविधा नहीं
बराक ओबामा दिल्ली के आईटीसी मौर्य होटल में ठहरेंगे और होटल के आसपास लगभग 75 सीसीटीवी कैमरे लगे है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार चार साल पहले भी जब ओबामा भारत दौरे पर आए थे तो इसी होटल में ठहरे थे लेकिन तब यहां रास्तों में कैमरे नहीं लगाए गए थे। लेकिन यह कैमरे एटीएम केंद्रो पर लगने वाले कैमरों जैसे नहीं है जिनमें चेहरे साफ साफ देखे जा सके।
अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा 'हमें सड़को पर सुरक्षाकर्मी चाहिए अंधेरा नहीं
' अमेरिकी सुरक्षा अधिकारीयों की डिमांड पर मौर्य होटल के पीछे बनें रिज क्षेत्र में उन्हें लाइटें जला कर रखनी होगी इसे अलावा सुरक्षा के लिए 24 घंटे सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए जाएंगे।
गमलों की सुरक्षा
गमलों की सुरक्षा
अमेरिकी रक्षा एजेंसियों ने कहा है कि बम कहीं भी और आसानी से छुपाए जा सकते हैं ऐसे में भारत की स्पेशल सैल व क्राइम ब्रांच को राजपथ व इंडिया गेट के रास्तों पर लगे गमलों की भी जांच करनी होगी।
रोज़ आ रही है आतंकी हमलों की धमकियां
एक अंग्रेज़ी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक जिस दिन से ओबामा के भारत यात्रा पर आने का ऐलान हुआ है उस दिन से लगभग रोज़ाना मोदी व ओबामा पर हमले की धमकियां दी जा रही हैै। अब सुरक्षा एजेंसियां इन सभी धमकियों के डेटा पर कार्य कर रहे है।
होटल को अपने कब्ज़े में लेंगे ओबामा के सुरक्षाकर्मी
सूत्रों के अनुसार शैरेटन होटल को 20 जनवरी से ओबामा के भारत से जाने तक अमेरिकी सुरक्षाकर्मी अपने कब्जे में लेंगे।
80,000 दिल्ली पुलिसकर्मी रहेंगे चौकन्ने
ओबामा की सुरक्षा में जमीनी स्तर पर लगभग 10,000 पैरामिलट्री के जवान और करीब 80,000 दिल्ली पुलिस कर्मीयों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मगर मज़ेदार बात यह है कि किसी को भी नहीं पता की इतने सुरक्षाकर्मीयों के बावजूद अमेरिकी सेना के कितने जवान वहां मौजूद होंगे। इसके अलावा अमेरिकन एजेंसियां दिल्ली की इमारतों पर स्नाईपरों को भी तैनात कर सकती है।