पटना। गरीबी से तंग एक मां ने ममता की बोली लगा दी। शादी के नाम पर बेटी को दलाल के हाथों सौंप दिया। रही सही कसर भाईयों ने पूरी की। वे दलालों के साथ पैसे वसूलने दूसरे प्रदेश जा रहे थे। इसी बीच ट्रेन में महिलाओं के लिए काम करने वाली मंजू सिन्हा को संदेह हुआ। उनकी शिकायत व पहल पर गरीब परिवार की बेटी 'गंगा' शनिवार की रात को बिकने से बच गई।
रेल पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिला निवासी 'गंगा' (काल्पनिक नाम) गरीब परिवार से है। घर में दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी किसी चुनौती से कम नहीं। गंगा की मां ने उसकी शादी तय कर दी। शादी इन्द्रपाल नामक व्यक्ति से तय की गई। इसी बीच गंगा को मालूम हुआ कि उसकी शादी नहीं हो रही, बल्कि बेचा गया है। इस काम में दोनों भाई भी मां का साथ दे रहे हैं, लेकिन गंगा खामोश रही। शनिवार को गंगा को लेकर उसके दोनों भाई, तथाकथित पति और उसका दोस्त रेलवे स्टेशन पहुंचे। वे सहरसा दानापुर इंटरसिटी की एक बोगी में बैठ गए। उसी कोच में स्वयंसेवी संस्था की महिला सदस्य मंजू सिन्हा चल रहीं थीं। लड़की को देख मंजू को संदेह हुआ। मंजू ने जब पूछने की कोशिश की, तो पांचों ने चुप करा दिया। मंजू ने एसपी रेल के सरकारी मोबाइल पर फोन कर लड़की के साथ पहले तो छेड़खानी की सूचना दी। बाद में उन्होंने लड़की बेचे जाने की सूचना दी। पुलिस सतर्क हुई। मोकामा रेल पुलिस ने सहरसा इंटरसिटी के जनरल कोच से 'गंगाÓ को बरामद कर उसके साथ जा रहे दो दलाल व दो भाइयों को हिरासत में ले लिया। चारों से पूछताछ जारी है। एसपी रेल प्रकाशनाथ मिश्र भी देर रात मोकामा थाने पहुंचे। पकड़े गए लोगों और लड़की से पूछताछ की जा रही है।
;-( ;-( bechari!!!!
जवाब देंहटाएं