धार। गुरूवार सुबह बदनामी के डर से एक बीस साल की लड़की बहुत ही जघन्य कदम उठा डाला। लोकलाज के चलते अपना गलत काम छुपाने के लिए बिनब्याही मां ने अपने गर्भ में पल रहे 7 महीने के बच्चे को अपने हाथ से निकाल 7 मंजिल ऊपर बने कमरे से फेंक दिया। यह घटना धार जिले की तिरूपति नगर की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लड़की घटलोरी (बाग) की रहने वाली है और इस साल उसने शहर के पीजी कॉलेज में बीएसी प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। लड़की के चाचा की बेटी पहले से ही धार में रहकर पढ़ाई कर रही है, प्रवेश मिलने के बाद दोनों एक साथ तिरूपति नगर के एक मकान में सातवें मंजिल पर कमरा लेकर रहने लगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लड़की घटलोरी (बाग) की रहने वाली है और इस साल उसने शहर के पीजी कॉलेज में बीएसी प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। लड़की के चाचा की बेटी पहले से ही धार में रहकर पढ़ाई कर रही है, प्रवेश मिलने के बाद दोनों एक साथ तिरूपति नगर के एक मकान में सातवें मंजिल पर कमरा लेकर रहने लगे।
लड़की की चचेरी बहन के मुताबिक उसे इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी कि उसकी बहन गर्भवती है। लड़की ने अपनी बहन को भी गुमराह कर रखा था। चचेरी बहन का कहना है कि उसके पूछने पर लड़की ने बताया था कि वह तमाम तरह की दवाईयों का इस्तेमाल करती है इसीलिए उसका पेट फूला रहता है।
गुरूवार सुबह लड़की ने अपने चचेरी बहन से कहा कि उसका सिरदर्द हो रहा है और उसे दवा लेने के लिए बाहर भेज दिया। बहन के जाते ही लड़की ने अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को पेट से बाहर निकाला और सात मंजिल ऊपर से नीचे फेंक दिया। काफी ऊंचाई से गिरने के कारण बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गर्भस्थ शिशु लड़का था और वह सात महीने का था। उधर, लड़की भी ब्लीडिंग ज्यादा होने से बेहोश हो गई जिसका जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है। -
गुरूवार सुबह लड़की ने अपने चचेरी बहन से कहा कि उसका सिरदर्द हो रहा है और उसे दवा लेने के लिए बाहर भेज दिया। बहन के जाते ही लड़की ने अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को पेट से बाहर निकाला और सात मंजिल ऊपर से नीचे फेंक दिया। काफी ऊंचाई से गिरने के कारण बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गर्भस्थ शिशु लड़का था और वह सात महीने का था। उधर, लड़की भी ब्लीडिंग ज्यादा होने से बेहोश हो गई जिसका जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है। -