लंदन। चाहे दुनिया में कहीं भी चले जाइए लेकिन सुबह सवेरे ऑफिस टाइम में रेल या बस का सफर आपाधापी भरा होता है। इस दौरान सफर में अक्सर सीट के लिए मारामारी रहती है। ऎसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई अपनी सीट किसी और को दे दे चाहे सामने वाला कितना भी जरूरतमंद क्यों न हो।
लेकिन हाल ही घटी इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि एकता में कितनी शक्ति होती है और अगर सभी मिल जाएं तो बड़ी से बड़ी मुसीबत पर भी आसानी से पार पाया जा सकता है।
लेकिन हम आपको ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में इसी व्यस्त समय के दौरान घटी एक ऎसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने इंसानियत की नई जीती जागती मिसाल पेश की है।
सुबह का समय था। सभी ऑफिस जाने की जल्दी में अपने रूट की ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जल्दी जल्दी मेंट्रेन के डिब्बे में चढ़ रहा एक यात्री मुसीबत का शिकार हो गया। उसका बांया पैर प्लेटफॉर्म और ट्रेन के डिब्बे के बीच फंस गया।
काफी कोशिशों के बाद भी वह बदनसीब यात्री अपना पैर वापस बाहर निकालने में नाकामयाब रहा।
इतने में कुछ यात्री ट्रेन को धक्का मारने की असंभव कोशिश करने लगे। वह ट्रेन को दूसरी तरफ झुकाना चाह रहे थे ताकि फंसा पैर निकाला जा सके।
तभी उनकी देखादेखी प्लेटफॉर्म पर जमा लोगों की भीड़ उस ट्रेन को धक्का मारने लगी। देखते ही देखते धक्का मारने वाले लोगों की तादाद हजारों में जा पहुंची।
लेकिन हाल ही घटी इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि एकता में कितनी शक्ति होती है और अगर सभी मिल जाएं तो बड़ी से बड़ी मुसीबत पर भी आसानी से पार पाया जा सकता है।
लेकिन हम आपको ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में इसी व्यस्त समय के दौरान घटी एक ऎसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने इंसानियत की नई जीती जागती मिसाल पेश की है।
सुबह का समय था। सभी ऑफिस जाने की जल्दी में अपने रूट की ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जल्दी जल्दी मेंट्रेन के डिब्बे में चढ़ रहा एक यात्री मुसीबत का शिकार हो गया। उसका बांया पैर प्लेटफॉर्म और ट्रेन के डिब्बे के बीच फंस गया।
काफी कोशिशों के बाद भी वह बदनसीब यात्री अपना पैर वापस बाहर निकालने में नाकामयाब रहा।
इतने में कुछ यात्री ट्रेन को धक्का मारने की असंभव कोशिश करने लगे। वह ट्रेन को दूसरी तरफ झुकाना चाह रहे थे ताकि फंसा पैर निकाला जा सके।
तभी उनकी देखादेखी प्लेटफॉर्म पर जमा लोगों की भीड़ उस ट्रेन को धक्का मारने लगी। देखते ही देखते धक्का मारने वाले लोगों की तादाद हजारों में जा पहुंची।
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