रविवार, 6 जुलाई 2014

जैसलमेर में फिर एक दर्दनाक हादसा। 6 की मौत, 8 घायल। शादी की खुषिया मातम में बदली।


जैसलमेर में फिर एक दर्दनाक हादसा। 6 की मौत, 8 घायल। शादी की खुषिया मातम में बदली।

जैसलमेर से 6 किलोमीटर दूर सम रोड पर मूल सागर के पास एक बोलेरो केंपर के पलटी खा जाने से 6 जनो की मौके पर ही मृत्यु हो गई तथा 8 घायल। मृतकों में 4 महिलाऐं व 2 पुरुष शामिल हैं। कनोई गांव के ये लोग जैसलमेर में एक शादी समारोह में हिस्सा लेकर मायरा की रस्म अदा कर वापिस गांव लौट रहे थे, जितने में मूल सागर गांव से एक किलोमीटर आगे आलाजी के थान के पास गाड़ी का टायर फटा जिसे गाड़ी हवा में उछल कर एक पेड़ से टकरा कर कई बार पलटी खाई। इस दर्दनाक हादसे में 6 की मौत हो गई व 8 गंभीर रुप से घायल हो गए जिनमें 6 को जोधपुर रैफर किया गया हैं। घायलों में 4 पुरुष, 2 बच्चे व 2 महिलाऐं शामिल हैं। बोलेरो केंपर में सवार सभी कुंभार जाति के लोग थे जो शादी में हिस्सा लेकर वापिस लौट रहे थे। घटना की जानकारी मिलने पर विधायक छोटू सिंह भाटी, जिला प्रमुख अब्दुला फकीर, भाजपा नेता कंवराज सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरुण माच्या, अतिरिक्त जिला कलेक्टर भारीरथ शर्मा, एस.डी.एम गजेन्द्र सिंह चारण सहित कही पुलिस व प्रषासनिक अधिकारी तथा जन प्रतिनिधि पहुंचे तथा घायलो आदि की चिकित्सा व्यवस्था देखी तथा घायलों की कुषलक्षेम पूछी। उधर इस दर्ददान हादसे के बाद विवाह की खुषिया मातम में बदली।

राजीव गांधी के हत्यारों पर नरमी नहीं दिखाएगी मोदी सरकार



केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़े जाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का विरोध जारी रखेगी। नरेंद्र मोदी सरकार भले ही कांग्रेस और यूपीए के खिलाफ जोरदार संघर्ष के बाद सत्ता में पहुंची है लेकिन उसने पॉलिटिकल मतभेदों से अलग इस अहम मुद्दे पर यूपीए के स्टैंड को कायम रखने का फैसला किया है।
Rajiv
19 फरवरी को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने राजीव गांधी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सात लोगों को रिहा करने का फैसला किया था। यूपीए सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। फिलहाल इनकी रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टे लगा है।

बीजेपी जहां एक ओर कांग्रेस के खिलाफ कड़े और तीखे संघर्ष के बाद सत्ता में आई है, वहीं वह एआईडीएमके सुप्रीमो जयललिता से अच्छे संबंध भी बनाना चाहती है। फिर भी उसने आतंक और अपराध के खिलाफ अपने कड़े रुख पर कायम रहने का फैसला किया है। उस समय भी अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद जैसे नेताओं ने तमिलनाडु सरकार के कदम का विरोध किया था। अब मोदी सरकार में अरुण जेटली रक्षा और वित्त जबकि प्रसाद कानून जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सात में तीन आरोपियों को पहले फांसी की सजा हुई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिकाओं में काफी देरी के कारण उनकी सजा कम करके उम्रकैद में बदल दी थी। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सातों आरोपियों की बाकी की सजा माफकर उन्हें रिहा करने का फैसला किया था। केंद्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या देश के खिलाफ अपराध है। साथ ही यह भी दलील दी गई थी कि इन हत्यारों और साजिशकर्ताओं ने कोई अफसोस नहीं दिखाया है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाया था कि अगर इस देश में एक प्रधानमंत्री के हत्यारों को छोड़ दिया जाता है तो आम आदमी कैसे न्याय की उम्मीद कर सकता है। 25 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले को 5-सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दिया था। मंगलवार को पीठ इस बात पर सुनवाई करेगी कि इन दोषियों को छोड़ना तमिलनाडु सरकार के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं। इसके अलावा वह फांसी की सजा को कम करने पर आजीवन कारावास की परिभाषा पर भी विचार करेगी।

पूर्व प्रेमिका के पति का काटा कान, भेजा गया जेल



अपनी पूर्व प्रेमिका को उसके पति के साथ देखकर भारतीय मूल के एक युवक ने अपना आपा खो दिया और उसका कान काट लिया.

पूर्व प्रेमिका के पति का कान काटने के जुर्म में एक भारतीय को दो साल और तीन महीने की सजा सुनाई गई.

ऑकलैंड डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक दिन पहले 28 वर्षीय अनीश राव को जेल भेजने के आदेश दिए. राव ने पिछले साल अपनी पूर्व प्रेमिका विकाशनी आश्री के पति रितेश राम के बाएं कान में काट लिया था.
पूर्व प्रेमिका के पति का काटा कान, भेजा गया जेल

राव, पिछले साल राम के ऑकलैंड के बाहरी इलाके में बने फ्लैट में उस वक्त घुसा था, जब राम पत्नी के साथ सो रहा था. वो दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा और उसने राम पर हमला किया और उसका बाएं कान में काट लिया. राव ने इसके बाद आश्री के चेहरे पर भी मुक्का मारा था. अशारी और राम की तीन साल की बेटी भी है.

राम के कान से खून निकलता देखकर राव भाग निकला था. ऑकलैंड डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राव के कृत्य को संवदेनहीन और ईर्ष्या से भरा मानते हुए उसे सजा सुनाई. उसे दरवाजे को नुकसान पहुंचाने के लिए 500 डालर का जुर्माना भी सुनाया गया.

बाड़मेर अंधेरगर्दी कोतवाली पुलिस ने भगाया ,महिला पुलिस ढूंढ रही हे अब छेड़छाड़ के आरोपी को

बाड़मेर अंधेरगर्दी कोतवाली पुलिस ने भगाया ,महिला पुलिस ढूंढ रही हे अब छेड़छाड़ के आरोपी को

बाड़मेर बाड़मेर पुलिस की सुस्त और कर्तव्यमुंढ कार्यवाही चर्चा में हैं। शनिवार को बीच चौराहे महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को जनता के दबाव में हिरासत में लेने बिना की क़ानूनी कार्यवाही के भगा दिया अब महिला पुलिस थाना उसी आरोपी को तलाश रही हैं। पुलिस विभाग में मची अंधेरगर्दी का ही नतीजा हे की बाड़मेर जैसे शहर में खौफ मनचलो के मन से ख़त्म हो गया ,शहरी क्षेत्र में दिन अहिंसा चौराहे पर सरे आम एक विवाहिता के साथ छेड़छाड़ हुई.जनता ने आरोपी को पकड़ा ,पुलिस के हवाले किया ,मागय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय भीड़ छांटते ही आरोपी को भगा दिया ,अब पीड़ित महिला ने जब महिला थाने में मुक़दमा कराया तो महिला पुलिस तलाश में जुट गयी ,बाड़मेर पुलिस की शिथिल कार्यवाही के कारन ही शहरी क्षेत्र में अब अपराधी सरे राह घटनाओ को अंजाम दे रहे हैं ,इधर कोतवाली पुलिस की बेशर्मी देखिये दिन भर ठाणे के बेसिक फोन पर कॉल करने के बावजूद कोई उसे उठा ही नहीं रहा ,पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर लोगो में आक्रोश हैं ,इधर छेड़छाड़ के मामले में को चेतावनी दी हैं की छोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की को तत्काल गिरफ्तार किया जाये नहीं तो थानो का घेराव कर प्रदर्शन किया जायेगा ,अब पुलिस के गल्ले आ गयी ,हाथ आये आरोपी को छोड़ने पर पुलिस को जवाब देना भरी पद रहा हैं

पढ़िए क्या था  पूरा मामला 

बाड़मेर
शनिवार को शहर के रेलवे स्टेशन के सामने राह चलती एक महिा के छेड़छाड़ के मामले ने तूल पकड़ लिया। घटना के बाद मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई, वहीं सूचना के बाद भी कोतवाली पुलिस काफी देर बाद घटनास्थल पर पहुंची। इस बीच आरोपी एक दुकान में जाकर छिप गया। आक्रोशित लोग महिला थाने पहुंच गए और पुलिसकर्मियों की आनाकानी के बाद मामला दर्ज करवाया।
बाड़मेर शहर में दूसरे दिन भी बीच चौराहे पर महिला के साथ छेड़छाड़ की घटना ने शर्मसार कर दिया। इतना ही घटनाओं से पुलिस सबक नहीं ले रही है। शनिवार को बलाऊ गांव निवासी एक महिला अपने पति के साथ बच्चों के लिए किताबें कॉपियां लेने बाजार आई थी। खरीदारी के बाद वापस तिलक बस स्टैंड की तरफ जाते व्यक्त अहिंसा सर्किल पर ही एक बाइक सवार युवक ने महिला के साथ छेड़छाड़ की। जिसके बाद बीच-बचाव में आए उसके पति के साथ ही बदतमीज धक्का-मुक्की की। इस घटना को देख आसपास के लोगों की भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई। लोगों ने आक्रोश जताते हुए युवक जयेश खत्री को पकड़ने की कोशिश की। इस बीच एक मिठाई की दुकान के कुछ लोग बीच-बचाव में आए और युवक को दुकान के अंदर लेकर चले गए। इस घटना के बाद बवाल मच गया। लोगों ने छेड़छाड़ की घटना की निंदा की। वहीं कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। घटना के आधा घंटा बाद पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को इतर-बीतर कर युवक को पकड़ कर ले गई।




"हरियाणा के सभी कुंवारों की बिहार की लड़कियों से शादी करवा देंगे" -



गुड़गांव। भाजपा नेता और किसान मोर्चो के अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है कि पार्टी हरियाणा के कुंवारे लड़कों की बिहार की लड़कियों से शादी करवा देगी। निरवाना में शुक्रवार को किसान महासम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
BJP leader gives controversial statement in Haryana, promises brides from Bihar
हरियाणा में रहने वाले पूर्वाचल के लोगों ने बयान की निंदा करते हुए धनखड़ को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है। धनखड़ ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो पार्टी बिहार से लड़कियां लाकर हरियाणा के सभी पुरूषों की शादी करवा देगी। जब पूर्वाचल के समूहों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी तो धनखड़ ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।

बकौल धनखड़ मीडिया ने मेरे बयान को गलत अर्थ में पेश किया गया है। हम चाहते हैं कि बिहार के गरीब क्षेत्रों से तस्करी के जरिए हरियाणा लाई जाने वाली लड़कियों को सुरक्षा और सम्मान दिया जाए। यहां के लड़कों से शादी करवाकर उन्हें सही तरीके से पुनर्वासित किया जाए। पूर्वाचल एकता मंच ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि अगर धनखड़ ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

मंच के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि धनखड़ ने सिर्फ बिहार का जिक्र किया लेकिन यह पश्चिम बंगाल,ओडिशा सहित कई अन्य राज्यों में होता है। हमने लोकसभा चुनाव भाजपा को वोट दिया था। हमें यही अच्छे दिन देखने थे। हरियाणा में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या सबसे कम है। 2011 के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 1000 पुरूषों पर महिलाओं की संख्या 879 है।

जमीन के लिए विधवा से अपनों ने की हैवानियत

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उदयपुर। राजसमंद जिले के देवपुरिया गांव में 10 बीघा जमीन के लिए विधवा ऎजीबाई की देवरानी-जेठानियों और उनकी बहूओं ने पीट-पीटकर हडि्डयां तोड़ दी। इतने पर भी जी नहीं भरा तो उसके गुप्तांग में लकड़ी डाल दी। इससे ऎजीबाई तीन घंटे बेसुध पड़ी रही। जख्मों से रिसते खून पर चीटियां चिपटने लगीं लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। यह घटना पिछले 27 जून की है। पीडिता के अनुसार घटना वाले दिन सुबह वह पशुओं को संभालने पहुंची थी। इस दौरान देवरानी-जेठानी और उनकी बहुओं सहित घर की 7 महिलाएं आई और उस पर हमला कर दिया।सबने मिलकर उसे जमकर पीटा। घर की चाबी छीन ली। बाद में पूर्व सरपंच की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया। दोनों पांवों, कुहनी और घुटनों में फ्रैक्चर के चलते उसे 7 यूनिट रक्त चढ़ाया गया। उसका आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज होने के 8 दिन बाद भी पुलिस एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई।

यह कैसी दीवानगी, प्रेमी के लिए घरवालों को दिया जहर

भरतपुर। जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र के गंाव नगला बोहरा में शनिवार रात एक युवती परिजनों को भोजन में विषाक्त पदार्थ खिलाकर घर से जेवरात व नकदी लेकर चंपत हो गई। घटना की जानकारी रविवार सुबह अन्य परिजन के घर पर पहुंचने पर हुई। Young girl gave parents poisoning in Bharatpur
जिस पर चारों अचेत लोगों को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें जयपुर रैफर कर दिया। उधर, पुलिस कोई जानकारी नहीं दे पा रही, हालांकि मामला प्रेम-प्रसंग का प्रतीत हो रहा है। जिस कारण अन्य परिजन चुप्पी साधे हुए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार गांव नगला बोहरा निवासी अमर सिंह (48) पुत्र फूल सिंह जाट की बड़ी पुत्री (20) ने रात में भोजन में विषाक्त पदार्थ मिला दिया। भोजन करने के बाद अमर सिंह, उसकी पत्नी गंगादेवी (45), पुत्र चेतन (18), पुत्री नीतू (17) अचेत हो गए।

रविवार सुबह अमर सिंह के भतीजे की बहू घर पर चीनी लेने आई थी, उसने परिजनों को जगाया तो नहीं उठे, इस पर उसने घर जाकर सूचना दी।

मौके अमर सिंह के ताऊ व अन्य परिजन पहुंच गए, इनके अचेतावस्था में होने पर चारों को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उपचार के बाद जयपुर रैफर कर दिया। उधर, सूचना मिलने पर एएसआई अर्जुन सिंह अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली है।

जेवरात व नकदी गायब
प्रकरण में अन्य परिवारीजन चुप्पी साधे हुए हैं और ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि भोजन में कुछ गिर गया था, जिससे सभी अचेत हो गए। जबकि घर की एक बुजुर्ग महिला ने बड़ी पुत्री पर जेवरात व नकदी ले जाने की बात कही है।

छोटे भाई-बहन बचे
घटना में अमर सिंह की छोटी पुत्र व पुत्री बच गए। ये लोग शनिवार रात घर में ताऊ व अन्य परिजनों के घर पर ही सो गए थे, जिससे ये भोजन करने से बच गए।

इकलौते 'कल्पवृक्ष' का वजूद खतरे में



वाराणसी। छावनी क्षेत्र में एक ऐसा भी वृक्ष है जिसके साथ लोगों की आस्था और विश्वास जुड़ा है। अनंत फलदायी कल्पवृक्ष के रूप में पूजित वृक्ष कल्पतरु की शाखा है या नहीं, सवाल श्रद्धालुओं की भावनाओं पर ही छोड़ दें तो भी लगभग 34 फीट की विशाल परिधि वाला यह वृक्ष पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी संरक्षण और संवर्धन के प्रयास मांगता है।

चिंता की बात यह है कि समय के थपेड़े झेलते-झेलते जर्जर हो चला पूर्वाचल में अपने वंश का यह बिरला पेड़ वजूद के संकट के दौर से गुजर रहा है। उसकी छाल ढीली पड़ चुकी है और स्थूल तनों तथा सुपुष्ट शाखाओं में कीड़े लग जाने से छिद्र भी दीखने लगे हैं।

बंगला नंबर 29 है पता - हरियाले छावनी क्षेत्र में वृक्ष का पता बंगला नंबर 29 है जो स्व. प्रो. बीबी सिंह बिसेन के नाम है। बताते हैं कि करीब पांच वर्ष पूर्व स्व. श्री विसेन के बंगले पर मांगलिक समारोह था जिसमें शामिल होने के लिए तत्कालीन वन संरक्षक (वाराणसी मंडल) आर हेमंत कुमार भी पहुंचे थे। उनकी नजर वृक्ष पर पड़ी तो वे ठिठक गए। सुबह फिर बंगले पर पहुंचे तो जांच में वृक्ष कल्पतरु निकला। 134 फीट मोटा है वृक्ष का तना - बताते हैं कि जब आर हेमंत कुमार ने जांच की थी तो उस वक्त पेड़ के तने की मोटाई करीब 30 फीट थी लेकिन वर्तमान में उसके तने की मोटाई करीब 34 फीट हो गई है। पेड़ की दो शाखाओं की मोटाई भी काफी अधिक है

वृक्ष से जुड़ी जरूरी जानकारियां

-फ्रांसीसी वैज्ञानिक माइकल अडनसन ने वर्ष 1775 में अफ्रीका में सेनेगल में सर्वप्रथम देखा था। पाया जाता है फ्रांस, इटली, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया। भारत में रांची, अल्मोड़ा, नर्मदा के तटीय क्षेत्रों और कर्नाटक आदि में। औसत आयु 2500-3000 साल। मोटा तना, टहनी लंबी, कमल के फूल में रखी किसी छोटी गेंद में निकले मरमरी रेशे वाले फूल, नारियल की तरह फल।

वृक्ष से स्वास्थ्य लाभ

आयुर्विज्ञानियों के अनुसार वृक्ष की 3 से 5 पत्तियों का सेवन करने से दैनिक पोषण की जरूरत पूरी, उम्र बढ़ाने में सहायक।

कब मिलेगी रेल लाइन की स्वीकृति

जैसलमेर। जैसलमेर से बाड़मेर को जोड़ने के लिए रेल लाइन बिछाने की योजना अभी भी स्वीकृति के इंतजार में है। रेल बजट से पहले इस रेल लाइन को मंजूरी मिलने का जैसलमेर व बाड़मेर के बाशिंदे हर बार इंतजार करते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। जैसलमेर से बाड़मेर के बीच रेल लाइन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाए तो यह लाइन जैसलमेर को बड़े स्टेशनों से सीधा जोड़ने के साथ देश की सुरक्षा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी। जैसलमेर से बाड़मेर से बीच प्रस्तावित रेल लाइन को सीमा के सटे गांवों से निकालने का प्रस्ताव तो बना था, लेकिन अभी तक इसे स्वीकृति मिलनी शेष है। there is a hidden treasure in this stream
कई बार हो चुका सर्वे
जैसलमेर से बाड़मेर के बीच रेल लाइन बिछाने को लेकर रेलवे विभाग व सुरक्षा एजेंसियां कई बार सर्वे करवा चुकी है और इस रेल लाइन के स्वीकृति की अनुशंसा भी कर चुकी है, बावजूद इसके इस लाइन को स्वीकृति नहीं मिल पा रही है।

सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण
जैसलमेर-बाड़मेर की प्रस्तावित रेल लाइन को इस रेल बजट में स्वीकृति मिले तो पश्चिमी छोर की सुरक्षा को मजबूती मिल सकेगी। भारत-पाकिस्तान सीमा का बड़ा भाग बाड़मेर व जैसलमेर से सटा होने के कारण यह लाइन देश की सुरक्षा व भारतीय सेना के लिए बड़ी उपयोगी साबित हो सकती है।

आय में भी बढ़ोतरी
जैसलमेर-बाड़मेर के बीच रेल लाइन चलाने से जैसलमेर व बाड़मेर में निकल रहे खनिज की ढुलाई कर रेलवे को इस लाइन से करोड़ों की आय अर्जित हो सकेगी। बाड़मेर में निकले पेट्रोल और जैसलमेर का लाइम स्टोन व अन्य खनिज देश रेल लाइन के सहारे देश व भारतीय रेल की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकेंगे।

लोकसभा क्षेत्र में नहीं रेल लाइन
जैसलमेर-बाड़मेर एक ही लोकसभा क्षेत्र मे शामिल हैं, बावजूद इसके दोनों को जिलों को अभी रेल लाइन से जुड़ने का इंतजार ही है। दोनो जिलो के बाशिंदो को रेल लाइन बिछने और ट्रेन शुरू होने की उम्मीद अभी भी है।

हैरतअंगेज, अरबो का खजाना दबा पड़ा हिमाचल की इस झील में

आज हम आपको एक ऎसी झील के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में कहा जाता है की उसमे अरबो रूपए का खजाना दफन है।there is a hidden treasure in this stream
यह है हिमाचल प्रदेश के पहाड़ो में स्थित कमरूनाग झील।

पूरे साल में 14 और 15 जून को यानी देसी महीने के हिसाब से एक तारीख और हिमाचली भाषा में साजा। गर्मियों के इन दो दिनों में बाबा कमरूनाग पूरी दुनिया को दर्शन देते है। इसलिए लोगों का यहां जन सेलाव पहले ही उमड़ पड़ता है। क्योंकि बाबा घाटी के सबसे बड़े देवता हैं और हर मन्नत पूरी करते हैं।

हिमाचल प्रदेश के मण्डी से लगभग 60 किलोमीटर दूर आता है रोहांडा, यहीं से पैदल यात्रा शुरू होती है। कठिन पहाड़ चड़कर घने जंगल से होकर गुजरना पड़ता है। इस तरह लगभग 8 किलोमीटर चलना पड़ता है।

कहां से आया यह खजाना?
मंदिर के पास ही एक झील है, जिसे कमरूनाग झील के नाम से जाना जाता है। यहां पर लगने वाले मेले में हर साल भक्तों की काफी भीड़ जुटती है और पुरानी मान्यताओं के अनुसार भक्त झील में सोने-चांदी के गहनें तथा पैसे डालते हैं। सदियों से चली आ रही इस परम्परा के आधार पर यह माना जाता है कि इस झील के गर्त में अरबों का खजाना दबा पड़ा है।

बाबा कमरूनाग की पौराणिक गाथा
कमरूनाग जी का जिक्र महाभारत में भी आता है। इन्हें बबरूभान जी के नाम से भी जाना जाता था। ये धरती के सबसे शक्तिशाली योद्धा थे। लेकिन कृष्ण नीति से हार गए। इन्होने कहा था कि कौरवों और पांडवों का युद्ध देखेंगे और जो सेना हारने लगेगी में उसका साथ दूंगा। लेकिन भगवान् कृष्ण भी डर गए कि इस तरह अगर इन्होने कौरवों का साथ दे दिया तो पाण्डव जीत नहीं पाएंगे।

कृष्ण जी ने एक शर्त लगा कर इन्हे हरा दिया और बदले में इनका सिर मांग लिया। लेकिन कमरूनाग जी ने एक खवाइश जाहिर की कि वे महाभारत का युद्ध देखेंगे। इसलिए भगवान् कृष्ण ने इनके काटे हुए सिर को हिमालय के एक उंचे शिखर पर पहुंचा दिया। लेकिन जिस तर्फ इनका सिर घूमता वह सेना जीत की ओर बढ्ने लगती।

तब भगवान कृष्ण जी ने सिर को एक पत्थर से बाँध कर इन्हे पांडवों की तरफ घुमा दिया। इन्हें पानी की दिक्कत न हो इसलिए भीम ने यहाँ अपनी हथेली को गाड कर एक झील बना दी।

खजाने की चोरी करने वाले को सजा
यह भी कहा जाता है कि इस झील में सोना चांदी चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है। लोग अपने शरीर का कोई भी गहना यहाँ चढ़ा देते हैं। झील पैसों से भरी रहती है, ये सोना-चांदी कभी भी झील से निकाला नहीं जाता क्योंकि ये देवताओं का होता है।

ये भी मान्यता है कि ये झील सीधे पाताल तक जाती है। इस में देवताओं का खजाना छिपा है। हर साल जून महीने में 14 और 15 जून को बाबा भक्तों को दर्शन देते हैं। झील घने जंगल में है और इन् दिनों के बाद यहाँ कोई भी पुजारी नहीं होता। यहाँ बर्फ भी पड़ जाती है।

यहाँ से कोई भी इस खजाने को चुरा नहीं सकता। क्योंकि माना जाता है कि कमरूनाग के खामोश प्रहरी इसकी रक्षा करते हैं। एक नाग की तरह दिखने बाला पेड इस पहाड के चारों ओर है। जिसके बारे मे कहते हैं कि ये नाग देवता अपने असली रूप में आ जाता है। अगर कोई इस झील के खजाने को हाथ भी लगाए।

एक अद्भूत मंदिर: राधा-कृष्ण के इस स्वर्ण मंदिर पर रीझेगी दुनिया



मथुरा। ब्रज भूमि में अब भव्यता की बहार है। प्रेम मंदिर से भव्य देवालयों की शुरुआत हुई। अब ब्रह्मजी की नगरी चौमुहां में हाइवे किनारे श्रीराधा-कृष्ण का स्वर्ण मंदिर बनेगा, जो दुनिया में संभवत: सबसे भव्य और महंगा होगा। 108 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित मंदिर के चारों ओर ताज की तरह चार मीनार जैसे स्ट्रकचर होंगे।

वैदिक संस्कृति, विज्ञान व नौ गृहों के प्रारूप से प्रस्तावित मंदिर का शिलान्यास भी शानदार होगा। भगवान श्री लक्ष्मीनारायन महाशक्ति पीठ धाम नई दिल्ली द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। देश के नामचीन दो दर्जन इंजीनियरों की टीम पिछले एक साल से मंदिर की डिजायन बनाने के लिए दुनियाभर में भव्य मंदिर, गुरुदारा, मस्जिद व खास इमारतों का अध्ययन कर रही है।

कान्हा की नगरी मथुरा के वृंदावन में भव्य मंदिरों के निर्माण का सिलसिला शुरू हुआ। प्रेम मंदिर और वैष्णो माता मंदिर बनने के बाद वात्सल्य ग्राम में सर्वमंगला मंदिर और भव्य चंद्रोदय मंदिर निर्माणाधीन हैं। इसके बाद अब श्रीराधा-कृष्ण स्वर्ण मंदिर का प्रस्ताव तैयार है। भगवान श्रीलक्ष्मी नारायन धाम नई दिल्ली के महासचिव गुरुदास सुशील वर्मा और चीफ कोर्डिनेटर विश्व रमण निर्मल ने 'जागरण' को बताया कि प्रस्तावित मंदिर के लिए 108 एकड़ जमीन में मंदिर खास होगा। इसमें ताज जैसी कुछ झलक मिलेंगी। इसमें राधा-कृष्ण की स्वर्ण जड़ित मूर्तियां होंगी और मंदिर भी सोने का ही होगा। सभी प्रमुख देवी-देवताओं की स्वचालित झांकियां मंदिर में स्थापित होंगी। इसके लिए दुनियाभर में अध्ययन का दौर चल रहा है। उन्होंने बताया कि एक टीम तिरुपति बालाजी के पास नारायणी स्वर्ण मंदिर गई है, जो वहां प्लान नोट करेगी।

मनचाही भाषा में दिखेंगी कान्हा की लीलाएं- प्रस्तावित मंदिर में आधा घंटे में भगवान श्री कृष्ण व राधा की सभी बाल लीलाओं का सजीव चित्रण होगा। इसमें बहुभाषी डबिंग होगी। हिंदी, अग्रेजी, बंगाली, ब्रजभाषा, भोजपुरी, राजस्थानी, हरियाणवी, तमिल व अन्य मनचाही भाषा को क्लिक कर राधा-कृष्ण की लीलाओं का बखान भी सुन सकेंगे। मंदिर में दर्शनार्थियों के ठहरने का इंतजाम भी होगा, जो पांच सितारा होटल से कम नहीं होगा। अस्पताल, स्कूल, विधवाश्रम और गौशाला भी- धर्म लोगों के हित के लिए होता है। यह बात अब तेजी से समझ आ रही है। इसीलिए मंदिर प्रांगण में आयुर्वेद, होम्योपैथिक, एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के अस्पताल बनेंगे। दिव्य बीज मंत्रों के जरिए सभी रोगों का इलाज मुफ्त में होगा। कष्ट निवारक कक्ष में बैठने मात्र से रोगी की जांच हो सकेगी। यह भी जनहित के काम

-पांच एकड़ की गौशाला ब्रज की गायों को संरक्षण देगी।

-स्कूल में गरीब छात्र-छात्रओं को हाईटेक एजुकेशन व प्लेसमेंट की व्यवस्था होगी।

-विधवा महिलाओं के संरक्षण को एक आश्रम भी बनाया जाएगा।

-मंदिर में 24 घंटे नि:शुल्क लंगर चलेगा।

शराब से भरी बोलेरो केम्पर पलटी, चालक घायल

बालोतरा। जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाइवे पर सरहद दूदवा में शराब से भरी बोलेरो केम्पर बेकाबू होकर पलट गई।हादसे में चालक को चोटें आई है।बाड़मेर स्थित आबकारी विभाग के डिपो से भारत निर्मित अंग्रेजी शराब के कर्टन लादकर चालक कैलाश पुत्र जालूराम ब्राह्मण निवासी ब्लाऊ जाटी सिमरखिया के लिए रवाना हुआ था। The alcohol-fired Kemper Bolero, driver injured
सरहद दूदवा में शनिवार मध्याह्न चालक के हाथों से बेकाबू होकर वाहन पलट गया। इससे इसमें भरे शराब के कर्टन बिखर गए। शराब की बोतलें फूट गई। चालक कैलाश घायल हो गया। सूचना मिलने पर 108 एम्बुलेंस बालोतरा के पायलट उम्मेदसिंह, ओमप्रकाश माली व ईएमटी धर्मपालसिंह जुगतावत ने मौके पर पहुंचकर घायल चालक को बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। -  

शनिवार, 5 जुलाई 2014

नए राज्यपालों के नामों की घोषणा कर सकता है केंद्र



नई दिल्ली: केंद्र सरकार आज उन राज्यों के लिए राज्यपाल की घोषणा कर सकती है जहां के राज्यपालों ने हाल के दिनों में इस्तीफ़ा दिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं को इन राज्यों का राज्यपाल नियुक्त कर सकती है।
Centre may announce names of new Governors
यशवंत सिन्हा, लालजी टंडन, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह सहित कई नेताओं को राज्यपाल बनाए जाने की अटकलें हैं। नई सरकार बनने के बाद से अब तक पांच राज्यों के राज्यपालों ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा है, जिनमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, गोवा के राज्यपाल बीवी वांचू हैं, जबकि कर्नाटक के राज्यपाल एचआर भारद्वाज और त्रिपुरा के राज्यपाल देवानंद कुंवर पिछले महीने रिटायर हो गए।

बिहार के एक स्कूल में मिड-डे मील में निकला सांप, 54 बच्चे बीमार



सितामढ़ी। सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में लापरवाही बरते जाने के मामले हर दिन सामने आते रहते हैं। अब ताजा मामला बिहार के सितामढ़ी जिले का हैं, जहां पर एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में एक सांप निकला है। मिड-डे मील खाने के बाद स्कूल के 54 बच्चें बीमार हो गए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि जिले के मेघपुर मिडल स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील खाने के बाद उल्टियों की शिकायत होने लगी और फिर वे बेहोश हो गए। बाद में बच्चों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि बच्चों की स्थिती नियंत्रण में बताई गई है।
`Snake` found in mid-day meal, 54 children taken ill in Bihar
एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों को दी गई खिचड़ी को जब्त कर लिया गया है। साथ ही बताया कि उसमें एक काले रंग की कोई लंबी चीज पाई गई है। हमें उसके सांप होने की आशंका है, जिसे खाने के साथ पकाया गया था। खिचड़ी के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।

वहीं पुलिस का कहना है कि छात्रों को खाना परोसे जाने के बाद देखा गया कि मिड-डे मील में एक काले रंग की लंबी चीज है, जो कि खाने के साथ पकाई गई है। खाना खाने के बाद बच्चों की तबियत खराब होनी शुरू हो गई और उन्होंने उल्टियां करनी शुरू कर दी।

गौरतलब है कि एक साल पहले बिहार के सारण जिले में जहरीला मिड-डे मील खाने की वजह से एक स्कूल के 23 छात्रों की मौत हो गई थी।

बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर चार रोज पूर्व भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित अंतराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव की टोह लेते पकड़ा गया बांग्ला देशी कट्टरपंथी युवक सम्मासुदीन आंतकवादी गतिविधि को अंजाम देने आया था,उसके साथ कितने साथी बाड़मेर में रह रहे हैं , ख़ुफ़िया एजेंसियों के दिमाग में घूम रहा हैं। समशुदीन के पकडे जाने के बाद बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की धमकी मुस्लिम कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो से मिलना साज़िश का एक हिस्सा लगती हैं ,


सम्शुद्दीन पर गहराया शक ?
शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन सप्ताह पहले मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर सीमा सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ा था ,चूँकि वह रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था इसीलिए उसे रेल वे पुलिस को सुपुर्द किया गया ,उसके पास पाकिस्तानी सिम थी जिसे उसने तत्काल तोड़ कर नष्ट करने का प्रयास किया। सवाल यह उठता हेमन की मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर देश की आधा दर्जन से अधिक ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसिया कार्य करती हैं ,इनसे आँख बचा कर सम्शुद्दीन मुनाबाव रेलवे स्टेशन पहुंचा कैसे ,पहुंचा तो स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे क्यों नहीं पकड़ा ,सम्शुद्दीन पकडे जाने के बाद बाड़मेर लाया गया मगर वह रेलवे देकर भगा गया। चार दिन बादफ उसे पुनः पकड़ा ,इन चार दिनों मरे वह कहा पनाह लिए था इसकी तहकीकात जरुरी हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में ही रेलवे कुआं नंबर तीन के पास स्थित एक मदरसे में रह कर मौलवी बन कर कार्य करता रहा सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी ,


देवबंद से प्रशिक्षित हे सम्शुद्दीन?

पकड़ा गया बांग्लादेशी सम्शुद्दीन सहारनपुर में देवबंद के मडराओ में प्रशिक्षित मौलवी हैं ,उसने उर्दू जुबान और शिक्षा वाही से प्राप्त की ,सम्शुद्दीन के हाव भाव और व्यव्हार से साफ़ लगता हैं की वह बाड़मेर जिले में किसी गतिविधि को अंजाम देने आया था। उसके कुछ साथी बाड़मेर जिले के विभिन स्थानो पर होने की संभावना हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में लम्बे समय से रह रहा था ,आखिर किस उद्देश्य से वह बाड़मेर ठहरा था ,


आंतकवादी संगठनो की धमकी , तो उन्होंने की हे तैयारी ?


बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की आंतकवादी संगठनो की धमकी से साफ़ हैं की वो इन क्षेत्रो में अपने गुर्गे उतार चुके हैं जो धीरे धीरे तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। इन आंतकवादी संगठनो के प्रशिक्षित लोग आम लोगो के साथ रह कर कार्य कर रहे हैं ,सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को इसकी भनक नहीं ,सम्शुद्दीन किसी भी तरह से बंगलादेशी प्रतीत नहीं होता , फिर उसका भारतीय निर्वाचन आयोग से पहचान पात्र कैसे बना बड़ा सवाल हैं।

सरहद पर कट्टरता का पाठ क्यों?

भारत पाकिस्तान की सीमा पर बेस बाड़मेर जिले में कोई साढ़े पांच सौ मदरसे संचालित हो रहे हैं ,इन मदरसो में बाहरी प्रांतो के मुल्ला मौलवी कार्य कर रहे हैं ,इन लोगो के बारे ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं ,सरहदी इलाको में यह लोग धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं। सरहदी क्षेत्र के मुस्लिम परिवारो के पारम्परिक जीवन शैली में पिछले पांच सालो तेजी से बदलाव आया हैं। सम्शुद्दीन जैसे सेकड़ो संदिग्ध मदरसो में कार्य ,जिससे देश की सरहद की सुरक्षा को हैं। इन बाहरी प्रांतो के मौलाना मौलवियो बाड़मेर में भारतीय निर्वाचन आयोग से मतदाता पहचान पात्र भी हासिल कर लिए , जिसकी जाँच होना जरुरी हैं ,फ़िलहाल उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं।