रविवार, 21 अप्रैल 2013
अर्जुन राम मेघवाल को दूसरी बार मिला ’सांसद रत्न अवार्ड
’राजनीति , लोकतंत्र और शासन‘‘ पर चर्चा
मद्रास में आई.आई. टी. कैम्पस में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में प्राईम पोईन्ट फाउन्डेशन चैन्नई द्वारा लोक सभा मे सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले चार पुरूष संासदों तथा दो महिला सांसदो को ’’सांसद रत्न अवार्ड‘‘ से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तमिलनाडू के राज्यपाल डॉ. के. रोसैया, अध्यक्षता प्रो. के रामामुर्ति निदेशक आईआईटी मद्रास, विशिष्ठ अतिथि टी. एस. कृष्णा मुर्ति पूर्व मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार उपस्थित थें।
बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को टी. एस. कृष्णा मुर्ति पूर्व मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार ने सांसद रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। यह अवार्ड बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल द्वारा अबतक के लोक सभा संसद के १५ सत्रों मे अबतक सबसे ज्यादा ३८६ डिबेट मे भाग लेने तथा ९९ प्रतिशत उपस्थिति के लिए दिया गया। (सांसद बनने से आज तक केवल १ दिन की ही अनुपस्थिति रही है जिससे ९९ प्रतिशत है)। बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को इससे पूर्व वर्ष २०१२ के लिए भी सांसद रत्न अवार्ड मिल चुका है।
इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति माननीय ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने अपना संदेश भेजा। संदेश कहा कि मैं संसद रत्न 2013 पुरस्कार लोकसभा सांसदों और राजनीति, लोकतंत्र और शासन पर आयोजित की जा रही राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रदर्शन के शीर्ष ij संसद रत्न 2013 पुरस्कार विजेताओं और पैनल और राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागियों को मेरा अभिवादन.
इसके अलावा वाद विवाद और सामाजिक परिवर्तन और परिवर्तनों के लिए कानून अभिनीत में अपनी मूल क्षमता का उपयोग कर रहा है, और भारत में बल्कि वैश्विक दुनिया में न केवल प्रतिस्पर्धी होने के लिए भारतीयों को सशक्त बनाने के लिए संसद में चर्चा के लिए योगदान से, माननीय सांसदों शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत , इमारत ज्ञान समाज के बुनियादी आधार हैं जो साक्षरता और कौशल विकास मिशन.
उन्होंने यह भी टैंक और जल निकायों गाद निकालने से बेहतर जल प्रबंधन के लिए लाने के लिए और अपने राज्यों में स्मार्ट जल तरीके बनाने के लिए काम करते हैं और एक कार्बन न्यूट्रल गांवों में गांवों में परिणत करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान कर सकते हैं.
वे प्रभावी ढंग से विकास की राजनीति दृष्टिकोण के माध्यम से वर्ष 2020 से पहले देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से साथी नागरिकों के लाभ के लिए मील का पत्थर विधान है लाने के लिए चर्चा के लिए उपलब्ध समय का उपयोग करना चाहिए.
मैं सभी पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान उद्देश्यपूर्ण चर्चा के लिए प्रतिभागियों और पैनल की कामना करते हैं.
अवार्ड फक्शनं के बाद आई.आई.टी. चैन्नई परिसर मे विद्यार्थियो के साथ एक पैनल डिस्कशन का कार्यक्रम हुआ जिसमें विषय ’’राजनीति , लोकतंत्र और शासन‘‘ पर चर्चा हुई।
महिला को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना अपराध
महिला को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना अपराध
भोपाल। फेसबुक पर महिला को लगातार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना भी अपराध है। इस शिकायत को पुलिस नजरअंदाज नहीं कर सकती। यदि करती है, तो उसे भी जिम्मेदार मानते हुए सह आरोपी बनाया जा सकता है। यह जानकारी सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों ने पुलिस अफसरों को दी। कानून में हुए नए संशोधन की बारीकियां समझाने के लिए शनिवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष में अफसरों की क्लास लगाई गई थी।
इस दौरान कई संशोधनों से अफसर वाकिफ नहीं थे। कई अफसरों को नई जानकारी मिली तो वे सवाल-जवाब करते नजर आए। बैठक में पुलिस अधीक्षक, एएसपी, सीएसपी के अलावा थाना प्रभारी मौजूद थे। कानून के संशोधनों की जानकारी देने के लिए सहायक लोक अभियोजन अधिकारी उदयभान सिंह रघुवंशी और लोकेन्द्र द्विवेदी पहुंचे थे। सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों ने कानून के नए संशोधनों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें समाज को भी जोड़ा गया है। कई मामलों में आया है कि व्यक्ति घटना देखने के बाद मूकदर्शक बना रहता है।
अब ऎसा नहीं होगा। संशोधनों में ऎसे व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने के संबंध में कानून बनाया गया है। बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामले में यदि कोई व्यक्ति जानकारी होने के बावजूद पुलिस को सूचना नहीं देता है, तो वह धारा 21 के उल्लंघन की श्रेणी में आएगा। यदि कोई सूचना देता है और उसे पुलिस दर्ज नहीं करती है, तो वह भी उसी श्रेणी का मामला माना जाएगा।
क्यों दिया गया प्रशिक्षण
दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद बालकों और महिलाओं से संबंधित अपराध कानूनों की समीक्षा की गई। इस समीक्षा के बाद कोर्ट स्तर पर होने वाली कार्रवाई में फेरबदल किया गया। आईपीसी और सीआरपीसी से जुड़े आपराधिक कानून में करीब एक दर्जन से अधिक फेरबदल हुए हैं। इनकी जानकारी अफसरों को तो थी, लेकिन वे इनकी बारीकियों से वाकिफ नहीं थे।
कौन-कौन सी दी गई जानकारी
महिला पर तेजाब फेंकने पर धारा 326 लगाई जाती थी। अब पुलिस अफसरों को धारा 326 ए लगाना होगी।
यौन शोषण के मामले में इलाज करने से मना करता है, तो उसके खिलाफ 166 बी के तहत कार्रवाई होगी।
यौन शोषण के मामले में पुलिस अधिकारी या कर्मचारी एफआईआर दर्ज करने से इनकार करता है, तो वह 166 ए की श्रेणी में आएगा।
महिला से जुड़े मामलों के बयान अब थाने की बजाय घर पर पुलिस अधिकारी या कर्मचारी दर्ज करेंगे।
महिला का कोई पीछा करे या फिर महिला को फेसबुक या अन्य कोई सोशल साइट पर लगातार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है, तो वह धारा 354 डी के तहत दर्ज किया जाएगा।
किस विषय पर सर्वाधिक पूछे गए सवाल
सहायक अभियोजन अधिकारियों ने कानून के नए संशोधनों की जानकारी दी। इसके बाद हुए सवाल-जवाब में कुछ प्रश्न ऎसे थे, जिसके संबंध में बार-बार पुलिस अधिकारियों ने जवाब मांगे।
महिला के लगातार पीछा करने वाले मामले पर।
चिकित्सक और पुलिस अफसरों के कार्रवाई नहीं किए जाने के मामले पर।
भोपाल। फेसबुक पर महिला को लगातार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना भी अपराध है। इस शिकायत को पुलिस नजरअंदाज नहीं कर सकती। यदि करती है, तो उसे भी जिम्मेदार मानते हुए सह आरोपी बनाया जा सकता है। यह जानकारी सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों ने पुलिस अफसरों को दी। कानून में हुए नए संशोधन की बारीकियां समझाने के लिए शनिवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष में अफसरों की क्लास लगाई गई थी।
इस दौरान कई संशोधनों से अफसर वाकिफ नहीं थे। कई अफसरों को नई जानकारी मिली तो वे सवाल-जवाब करते नजर आए। बैठक में पुलिस अधीक्षक, एएसपी, सीएसपी के अलावा थाना प्रभारी मौजूद थे। कानून के संशोधनों की जानकारी देने के लिए सहायक लोक अभियोजन अधिकारी उदयभान सिंह रघुवंशी और लोकेन्द्र द्विवेदी पहुंचे थे। सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों ने कानून के नए संशोधनों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें समाज को भी जोड़ा गया है। कई मामलों में आया है कि व्यक्ति घटना देखने के बाद मूकदर्शक बना रहता है।
अब ऎसा नहीं होगा। संशोधनों में ऎसे व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने के संबंध में कानून बनाया गया है। बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामले में यदि कोई व्यक्ति जानकारी होने के बावजूद पुलिस को सूचना नहीं देता है, तो वह धारा 21 के उल्लंघन की श्रेणी में आएगा। यदि कोई सूचना देता है और उसे पुलिस दर्ज नहीं करती है, तो वह भी उसी श्रेणी का मामला माना जाएगा।
क्यों दिया गया प्रशिक्षण
दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद बालकों और महिलाओं से संबंधित अपराध कानूनों की समीक्षा की गई। इस समीक्षा के बाद कोर्ट स्तर पर होने वाली कार्रवाई में फेरबदल किया गया। आईपीसी और सीआरपीसी से जुड़े आपराधिक कानून में करीब एक दर्जन से अधिक फेरबदल हुए हैं। इनकी जानकारी अफसरों को तो थी, लेकिन वे इनकी बारीकियों से वाकिफ नहीं थे।
कौन-कौन सी दी गई जानकारी
महिला पर तेजाब फेंकने पर धारा 326 लगाई जाती थी। अब पुलिस अफसरों को धारा 326 ए लगाना होगी।
यौन शोषण के मामले में इलाज करने से मना करता है, तो उसके खिलाफ 166 बी के तहत कार्रवाई होगी।
यौन शोषण के मामले में पुलिस अधिकारी या कर्मचारी एफआईआर दर्ज करने से इनकार करता है, तो वह 166 ए की श्रेणी में आएगा।
महिला से जुड़े मामलों के बयान अब थाने की बजाय घर पर पुलिस अधिकारी या कर्मचारी दर्ज करेंगे।
महिला का कोई पीछा करे या फिर महिला को फेसबुक या अन्य कोई सोशल साइट पर लगातार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है, तो वह धारा 354 डी के तहत दर्ज किया जाएगा।
किस विषय पर सर्वाधिक पूछे गए सवाल
सहायक अभियोजन अधिकारियों ने कानून के नए संशोधनों की जानकारी दी। इसके बाद हुए सवाल-जवाब में कुछ प्रश्न ऎसे थे, जिसके संबंध में बार-बार पुलिस अधिकारियों ने जवाब मांगे।
महिला के लगातार पीछा करने वाले मामले पर।
चिकित्सक और पुलिस अफसरों के कार्रवाई नहीं किए जाने के मामले पर।
पहले फैलाई सनसनी,भागने में गई जान
पहले फैलाई सनसनी,भागने में गई जान
अलवर। अलवर के कलसाड़ा बाग कंजर बस्ती में दो दिनों से फायर कर सनसनी फैलाने वाले एक हमलावर को इस वारदात की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। रविवार को लगातार दूसरे दिन तीन युवकों ने बस्ती में जाकर फायरिंग और पथराव किया।
घटना के बाद भागते समय बाइक फिसलने से हमलावर युवकों में एक लोकेश की मौत हो गई। बस्ती का एक अन्य युवक भी गोली लगने से घायल हो गया। ग्रामीणों और पुलिस ने अन्य दो हमलावरों को दबोच लिया।
मालाखेड़ा थानाप्रभारी अशोक खत्री ने बताया कि रविवार सुबह करीब दस बजे हिण्डौनसिटी के खेडिया गांव निवासी लोकेश मीणा, कुडगांव-करौली के गांव परीता निवासी सागर मीणा (23) पुत्र प्रीतमसिंह मीणा और अलवर के मालवीय नगर निवासी संजीव (21) पुत्र गीलाराम मीणा कलसाड़ा बाग कंजर बस्ती पहंुचा और पथराव शुरू कर दिया। बस्ती के कुछ लोग बाहर आए तो युवक ने पिस्टल से फायर किया।
गोली मौके पर खड़े पिंटू नाम के व्यक्ति को लगी। इसके बाद युवक मोटरसाइकिल स्टार्ट कर वहां से भाग छूटे। पुलिस को पीछा करने देख हमलावरों ने कई राउंड फायर भी किए। इसी दौरान हमलावरों की बाइक फिसल गई और वहां पेड़-पत्थरों से टकराकर लोकेश की मौत हो गई। दो हमलावर सागर और संजीव पहाड़ी पर भागे, जिन्हें ग्रामीण और पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया।
अलवर। अलवर के कलसाड़ा बाग कंजर बस्ती में दो दिनों से फायर कर सनसनी फैलाने वाले एक हमलावर को इस वारदात की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। रविवार को लगातार दूसरे दिन तीन युवकों ने बस्ती में जाकर फायरिंग और पथराव किया।
घटना के बाद भागते समय बाइक फिसलने से हमलावर युवकों में एक लोकेश की मौत हो गई। बस्ती का एक अन्य युवक भी गोली लगने से घायल हो गया। ग्रामीणों और पुलिस ने अन्य दो हमलावरों को दबोच लिया।
मालाखेड़ा थानाप्रभारी अशोक खत्री ने बताया कि रविवार सुबह करीब दस बजे हिण्डौनसिटी के खेडिया गांव निवासी लोकेश मीणा, कुडगांव-करौली के गांव परीता निवासी सागर मीणा (23) पुत्र प्रीतमसिंह मीणा और अलवर के मालवीय नगर निवासी संजीव (21) पुत्र गीलाराम मीणा कलसाड़ा बाग कंजर बस्ती पहंुचा और पथराव शुरू कर दिया। बस्ती के कुछ लोग बाहर आए तो युवक ने पिस्टल से फायर किया।
गोली मौके पर खड़े पिंटू नाम के व्यक्ति को लगी। इसके बाद युवक मोटरसाइकिल स्टार्ट कर वहां से भाग छूटे। पुलिस को पीछा करने देख हमलावरों ने कई राउंड फायर भी किए। इसी दौरान हमलावरों की बाइक फिसल गई और वहां पेड़-पत्थरों से टकराकर लोकेश की मौत हो गई। दो हमलावर सागर और संजीव पहाड़ी पर भागे, जिन्हें ग्रामीण और पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया।
अब मोबाइल फोन कराएगा 'सेक्स' का अहसास!
अभी तक आपने तकनीक के विभिन्न रंग हॉलीवुड की फिल्मों में ही देखे होंगे कि कैसे उन फिल्मों में तकनीक की मदद से सैकड़ों क्लोन तैयार हो जाते हैं या फिर कैसे तकनीक की मदद से लोग एक दूसरे से अभिसाररत हुए बगैर चरम सुख पा लेते हैं। तकनीक के यह रंग अब हकीकत में तब्दील हो रहे हैं। कांडोम बनाने वाली कंपनी ड्यूरेक्स ने एक ऐसा मोबाइल ऐप और अंडरवियर बनाया है, जिससे एक दूसरे से दूर रहने वाले प्रेमी जोड़े फोन पर ही सहवास का आनंद प्राप्त कर सकेंगे। कंपनी ने इस ऐप को कैसे यूज करना है, इसका वीडियो यू ट्यूब पर डाला है जिसे अब तक 17 लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है।
अंडरवियर से कनेक्ट रहेगा आईफोन
यू ट्यूब पर कंपनी ने इस ऐप और अंडरवियर के बारे में बताया है। इन अंडरवियर्स को कंपनी ने फंडावियर्स का नाम दिया है। यह फंडावियर्स सिर्फ आईफोन पर काम करेंगे। आईफोन से फंडावियर्स को कनेक्ट करने के लिए कंपनी ने किस वायरलेस तकनीक का प्रयोग किया है, यह नहीं बताया गया है, बहरहाल, आईफोन आपके उस अंडरवियर से कनेक्ट रहेगा, जो कंपनी ने स्पेशली इस ऐप के लिए बनाए हैं। इन फंडावियर्स में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग कास्ट्यूम हैं।
सेंसर से पैदा होती है सिहरन
इस वीडियो में बताया गया है कि महिला और पुरुष के अंडरवियर में सेंसर लगाए गए हैं। आईफोन के लिए बनाया गया ऐप का कनेक्शन इन्हीं सेंसर्स से रहता है। दूर बैठा साथी जब उस ऐप की मदद से अंडरवियर के किसी हिस्से को छूता है तो वहां लगे सेंसर शरीर में सिहरन पैदा करते हैं। कंपनी का दावा है कि इन सेंसर्स से उत्तेजना पैदा होती है। हालांकि अभी इस ऐप को फाइनली जारी नहीं किया गया है, कंपनी के मुताबिक अभी इस पर और प्रयोग जारी हैं। यूट्यूब पर जारी वीडियो में इस ऐप के लिए ऑस्ट्रेलिया के युगल ने मॉडलिंग की है।
हजार गुना तेज चार्ज होंगी मोबाइल बैटरी
थ्री-डी इलेक्ट्रोड्स के इस्तेमाल से इलिनॉय युनिवर्सिटी की एक रिसर्च टीम ने ऐसी माइक्रो बैटरी बनाई है, जो मौजूदा बैटरियों की तुलना में एक हजार गुना तेज चार्ज होती है। इनका इस्तेमाल स्मार्टफोन और अन्य गैजेट में हो सकता है। हालांकि, ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी के प्रो. पीटर एडवर्ड कहते हैं लीथियम-कोबाल्ट ऑक्साइड बैटरियों की तरह ही इस माइक्रो बैटरी में खुद ही जल उठने की संभावना है। रिसर्च टीम का कहना है कि वे इस सुरक्षित बनाने के लिए पोलिमर बेस्ड इलोक्ट्रोलाइट का इस्तेमाल करेंगे।
आई लव जैसलमेर ने बदली सोनार दुर्ग की तस्वीर
आई लव जैसलमेर ने बदली सोनार दुर्ग की तस्वीर
श्रम के बूंदों से खिला सौन्दर्य, विभिन्न संगठनों ने ब चकर निभाई भागीदारी
जैसलमेर। विश्वविख्यात सोनार दुर्ग को स्वच्छ बनाए रखने के लिए आई लव जैसलमेर द्वारा चलाए जा रहे अभियान का अंतिम पडाव आमजन के मानस में गहरी छाप छोड गया। आई लव जैसलमेर के अध्यक्ष मानवेन्द्रसिंह ने बताया कि पिछले दो माह से चलाए रहे अभियान के तहत सोनार दुर्ग की गलियों, मोरियों, पठठों में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। आई लव जैसलमेर अभियान के तहत सण्डे फोर सोनार कार्यक्रम से आमजन को जोडने का काम किया गया। सण्डे फोर सोनार के अंतिम पडाव में सोनार दुर्ग के परकोटों के चारों ओर फैली गंदगी व मलबे को हटाया गया। सवेरे से ही श्रमदान को लेकर आमजन में नजर आया विशेष उत्साह सांझ लने तक जारी रहा।
श्रम की बूंदों से निखरा सौन्दर्य : श्रमदान अभियान के तहत सोनार दुर्ग के परकोटों पर फैली गंदगी को जेसीबी व ट्रेक्टर की सहायता से हटाया गया। इसी प्रकार समूचे शहर से उमडे जनसमूह ने श्रमदान में अपनी भागीदारी निभाई। बरसों से दुर्ग के चारों और फैले मलबे को हटाया गया। आई लव जैसलमेर द्वारा सण्डे फोर सोनार कार्यक्रम में हो रही सफाई व्यवस्था की आमजन ने जमकर सराहना की। नगरपरिषद सभापति अशोक तंवर ने भी सफाई व्यवस्था का जायजा लिया तथा अभियान को सराहा। वार्ड पार्षद अरूणा देवडा ने भी अभियान को सराहा तथा अभियान में अपनी भागीदारी निभाई।
विभिन्न संगठनों का रहा योगदान : आई लव जैसलमेर अभियान के सण्डे फोर सोनार कार्यक्रम के तहत पुलिस, आर्मी, एयरफोर्स के जवानों ने श्रमदान में अपनी अहम भागीदारी निभाई। इसके अलावा भाजयुमो जिलाध्यक्ष दलपत मेघवाल के साथ ही सुभाष चानिया, नवीन भाटिया, नवल चौहान ने भी अपनी सेवाएं दी। श्रमदान अभियान के तहत प्रधान मूलाराम चौधरी, नगर परिषद एवं भाजपा प्रवक्ता कंवराजसिंह द्वारा जेसीबी की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। इस अवसर पर आई लव जैसलमेर के युवा कार्यकर्ताओं ने श्रमदान करके स्वर्णनगरी को स्वच्छ बनाने का संदेश दिया। इस अवसर पर आई लव जैसलमेर टीम के मधुसूदन व्यास, विमल गोपा, योगेश गज्जा, मनोज पुरोहित, सिकंदर शेख, देवेन्द्रसिंह, अगरसिंह, संदीप चौहान, जयसिंह, मुकेश व्यास, राकेश व्यास, गिरिराज व्यास, अरूण पुरोहित, मनीष गज्जा सहित युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
विदेशी पर्यटकों ने भी निभाया साथ : सोनार दुर्ग में चलाए गए सण्डे फोर सोनार अभियान की विदेशी पर्यटकों ने भी जमकर सराहना की। अभियान से प्रेरित होकर यूएसए के पीटर सोलटिन व इटली की एलिसिया ने भी श्रमदान किया। विदेशी मेहमानों ने भी सोनार दुर्ग के चारों ओर फैली गंदगी को साफ किया।
सोनिया के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन
सोनिया के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली। दिल्ली में पांच साल की मासूम से दरिंदगी के खिलाफ लोगों को गुस्सा उबाल मार रहा है। घटना के विरोध में प्रदर्शन जारी है।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दस जनपथ स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। पुलिस ने करीब 30 महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इन पर धारा 144 के उल्लंघन का आरोप है।
प्रदर्शन के दौरान एक महिला कार्यकर्ता बेहोश हो गई। विरोध प्रदर्शनों के चलते सोनिया गांधी,गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने अशोक रोड स्थित पार्टी मुख्यालय से मार्च निकाला। इस दौरान महिला प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली पुलिस के खिलाने नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सोनिया और शीला दीक्षित हाय-हाय के नारे लगाए। मार्च के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की। मार्च के दौरान पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ साथ चलते रहे।
मोर्चा जब कांग्रेस अध्यक्ष के आवास की ओर मुड़ा तब पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोकने की कोशिश की लेकिन वे अवरोधक तोड़ते हुए सोनिया गांधी के आवास के करीब पहुंच गई और नारेबाजी करने लगी।
उधर नीरज कुमार को पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने की मांग को लेकर आप पार्टी के
कार्यकर्ताओं का पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन जारी है। आप के कार्यकर्ता शनिवार से धरने पर बैठे हुए हैं। एम्स के बाहर भी प्रदर्शन जारी है।
नई दिल्ली। दिल्ली में पांच साल की मासूम से दरिंदगी के खिलाफ लोगों को गुस्सा उबाल मार रहा है। घटना के विरोध में प्रदर्शन जारी है।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दस जनपथ स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। पुलिस ने करीब 30 महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इन पर धारा 144 के उल्लंघन का आरोप है।
प्रदर्शन के दौरान एक महिला कार्यकर्ता बेहोश हो गई। विरोध प्रदर्शनों के चलते सोनिया गांधी,गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने अशोक रोड स्थित पार्टी मुख्यालय से मार्च निकाला। इस दौरान महिला प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली पुलिस के खिलाने नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सोनिया और शीला दीक्षित हाय-हाय के नारे लगाए। मार्च के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की। मार्च के दौरान पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ साथ चलते रहे।
मोर्चा जब कांग्रेस अध्यक्ष के आवास की ओर मुड़ा तब पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोकने की कोशिश की लेकिन वे अवरोधक तोड़ते हुए सोनिया गांधी के आवास के करीब पहुंच गई और नारेबाजी करने लगी।
उधर नीरज कुमार को पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने की मांग को लेकर आप पार्टी के
कार्यकर्ताओं का पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन जारी है। आप के कार्यकर्ता शनिवार से धरने पर बैठे हुए हैं। एम्स के बाहर भी प्रदर्शन जारी है।
पत्नी की अश्लील क्लिपिंग फेसबुक पर डाली
पत्नी की अश्लील क्लिपिंग फेसबुक पर डाली
बूंदी. लाखेरी. जोधपुर जिले के लूणी में पंचायत समिति कार्यालय में सरकारी कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत पति ने अपनी पत्नी की अश्लील क्लिपिंग बनाकर पांच लाख रूपए की मांग की और मांग पूरी नहीं करने पर अश्लील क्लिपिंग एक सोशल नेटवर्क फेसबुक पर डाल दी।
विवाहिता की रिपोर्ट पर शनिवार को मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। थाना प्रभारी नागरमल कुमावत ने बताया कि 22 वर्षीय पीडिता की शादी गत 27 मई 2012 को टोंक के मेहबूब खां के साथ हुई थी। इस दौरान उसने मोबाइल से पत्नी की अश्लील क्लिपें बना ली और पांच लाख रूपए की मांग करने लगा। विवाहिता एवं ससुराल वालों के मना करने पर उसने अश्लील क्लिपिंग फेसबुक पर डाल दी।
बूंदी. लाखेरी. जोधपुर जिले के लूणी में पंचायत समिति कार्यालय में सरकारी कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत पति ने अपनी पत्नी की अश्लील क्लिपिंग बनाकर पांच लाख रूपए की मांग की और मांग पूरी नहीं करने पर अश्लील क्लिपिंग एक सोशल नेटवर्क फेसबुक पर डाल दी।
विवाहिता की रिपोर्ट पर शनिवार को मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। थाना प्रभारी नागरमल कुमावत ने बताया कि 22 वर्षीय पीडिता की शादी गत 27 मई 2012 को टोंक के मेहबूब खां के साथ हुई थी। इस दौरान उसने मोबाइल से पत्नी की अश्लील क्लिपें बना ली और पांच लाख रूपए की मांग करने लगा। विवाहिता एवं ससुराल वालों के मना करने पर उसने अश्लील क्लिपिंग फेसबुक पर डाल दी।
सगे भाइयों ने बहन से किया दुष्कर्म
सगे भाइयों ने बहन से किया दुष्कर्म
अजमेर। रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक घटना ने शहर का सिर फिर नीचे झुका दिया है। आदर्श नगर स्थित बड़गांव में सोमवार रात तीन सगे भाइयों ने दूर के रिश्ते में बहन को घर के बाहर से अगवा कर हवस का शिकार बना डाला। अभियुक्तों ने बुधवार शाम तक पीडिता को बंधक बनाकर रखा। 17 वर्षीय पीडिता के परिजनों ने शुक्रवार को आदर्श नगर थाने में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस ने शुक्रवार रात पीडिता का मेडिकल मुआयना करवाया है। आदर्श नगर थानाप्रभारी मुकेश यादव ने बताया कि परबतपुरा गांव निवासी तीनों सगे भाइयों का पीडिता के घर आना-जाना था। मामले में दो भांइयों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि सबसे छोटे भाई को शांति भंग के आरोप में पहले ही धर लिया गया था। वह फिलहाल जेल में है। गिरफतार तीनों भाइयों की उम्र 32,29 व 27 वर्ष है। पुलिस के अनुसार पीडिता का एक वर्ष पहले विवाह हुआ था। लेकिन वह माता-पिता के साथ ही रह रही थी।
पहले से ताक में बैठे थे
पुलिस के अनुसार पीडिता सोमवार रात करीब 11.30 बजे लघुशंका के लिए घर से बाहर निकली थी। पहले से ही घर के पास छिप कर बैठे तीनों अभियुक्तों ने मौकेा देख उसको पकड़ लिया और धमका अपने साथ ले गए। काफी दूर जंगल में ले जाकर तीनों ने बारी-बारी उससे दुष्कर्म किया।
इस दौरानस पीडिता के गायब हो जाने पर हड़कम्प मच गया। परिजनों ने रातभर उसे तलाशा नहीं मिलने पर सुबह आदर्श नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। उधर,अभियुक्तों ने बुधवार शाम पीडिता को उसके घर के बाहर छोड़ा। साथ ही उन्होंने किसी को कुछ भी न बताने के लिए धमकाया।
एक भाई पहले ही आ गया था हाथ
घर पहुंच पीडिता ने आपबीती बताई। मामला सामने आने पर परिजनों का अभियुक्तों में से एक से झगड़ा हो गया। परिजनों के इस संबंध में मामला दर्ज करवाने पर पुलिस ने उसको शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार भाई को अदालत में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस उसको अपहरण व दुष्कर्म मामले में भी गिरफ्तार करेगी।
अजमेर। रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक घटना ने शहर का सिर फिर नीचे झुका दिया है। आदर्श नगर स्थित बड़गांव में सोमवार रात तीन सगे भाइयों ने दूर के रिश्ते में बहन को घर के बाहर से अगवा कर हवस का शिकार बना डाला। अभियुक्तों ने बुधवार शाम तक पीडिता को बंधक बनाकर रखा। 17 वर्षीय पीडिता के परिजनों ने शुक्रवार को आदर्श नगर थाने में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस ने शुक्रवार रात पीडिता का मेडिकल मुआयना करवाया है। आदर्श नगर थानाप्रभारी मुकेश यादव ने बताया कि परबतपुरा गांव निवासी तीनों सगे भाइयों का पीडिता के घर आना-जाना था। मामले में दो भांइयों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि सबसे छोटे भाई को शांति भंग के आरोप में पहले ही धर लिया गया था। वह फिलहाल जेल में है। गिरफतार तीनों भाइयों की उम्र 32,29 व 27 वर्ष है। पुलिस के अनुसार पीडिता का एक वर्ष पहले विवाह हुआ था। लेकिन वह माता-पिता के साथ ही रह रही थी।
पहले से ताक में बैठे थे
पुलिस के अनुसार पीडिता सोमवार रात करीब 11.30 बजे लघुशंका के लिए घर से बाहर निकली थी। पहले से ही घर के पास छिप कर बैठे तीनों अभियुक्तों ने मौकेा देख उसको पकड़ लिया और धमका अपने साथ ले गए। काफी दूर जंगल में ले जाकर तीनों ने बारी-बारी उससे दुष्कर्म किया।
इस दौरानस पीडिता के गायब हो जाने पर हड़कम्प मच गया। परिजनों ने रातभर उसे तलाशा नहीं मिलने पर सुबह आदर्श नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। उधर,अभियुक्तों ने बुधवार शाम पीडिता को उसके घर के बाहर छोड़ा। साथ ही उन्होंने किसी को कुछ भी न बताने के लिए धमकाया।
एक भाई पहले ही आ गया था हाथ
घर पहुंच पीडिता ने आपबीती बताई। मामला सामने आने पर परिजनों का अभियुक्तों में से एक से झगड़ा हो गया। परिजनों के इस संबंध में मामला दर्ज करवाने पर पुलिस ने उसको शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार भाई को अदालत में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस उसको अपहरण व दुष्कर्म मामले में भी गिरफ्तार करेगी।
क्लिक की फोटो, दिखा भूतों का जोड़ा
एक महिला उस समय दंग रह गई जब उसने अपने भतीजे की तस्वीरे खींची और उस तस्वीर में भूतों का जोड़ा दिखाई दिया.
यह घटना अमेरिका के टेक्सास प्रांत की है.
स्थानीय मीडिया में छपी खबर के अनुसार अमेरिकी महिला मारसेला डेविस ने बताया कि क्लीवलैंड हाईस्कूल में जब वह महिला अपने भतीजे की इच्छा के विरुद्ध उसकी तस्वीरें ले रही थी तब अचानक वह पीछे धूम गया. इसकी वजह से वह उसकी पीठ की तस्वीर ही ले पाई.
महिला के अनुसार उसकी बेटी ने जब कैमरा देखा तब उसे तस्वीर में उसके भतीजे के आसपास कोई नजर आया.
उसने अपनी मां को दिखाया तो उस तस्वीर में दो अन्य लोग भी थे. मगर वास्तव में तस्वीर खिंचवाते वक्त महिला के भतीजे के पास कोई भी खड़ा नहीं था.
सूत्रों के अनुसार तस्वीर में एक आदमी हल्के रंग के कपड़ो में था और उसके पीछे एक औरत भी खड़ी थी.
चुनाव से पहले मुलायम की मुस्लिम सियासत हुई तेज
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आम चुनाव से पहले मुस्लिम समुदाय को रिझाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके लिए वह सभी प्रभावशाली मुस्लिम संगठनों से संपर्क साधने और उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश में लगे हैं।
उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शीर्ष लोगों के साथ मुलायम लगातार संपर्क में हैं। दूसरी ओर बरेलवी समाज में पैठ रखने वाले मौलाना तौकीर रजम खान को भी साथ लेने की जुगत में हैं।
जमीयत एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने भाषा से कहा कि यह बात सच है कि मुलायम हमारे साथ संपर्क में हैं। वह लखनउ के हमारे कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे और उन्होंने हमसे कुछ वादे किए हैं, जिनमें निर्दोष मुस्लिम युवकों की रिहाई अहम है। अगर वह इन वादों को पूरा करते हैं तो चुनाव में उन्हें मुस्लिम समुदाय की हिमायत हासिल हो सकती है।
पारंपरिक तौर पर जमीयत का झुकाव कांग्रेस की ओर रहा है, लेकिन हाल के कुछ साल में जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी और मुलायम के बीच नजदीकियां देखी गई है। इसकी बानगी हाल ही में जमीयत की ओर से आयोजित कुछ कार्यक्रमों में भी देखने को मिली है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बीते 23 फरवरी को हुए जमीयत के सम्मेलन में अखिलेश मुख्य अतिथि थे। कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी आमंत्रित किए थे, लेकिन वे नहीं पहुंचे।
इसी तरह 17 मार्च को लखनउ में जमीयत के सम्मेलन में पहुंचकर मुलायम ने जमकर सुर्खियां बटोरीं। इस सम्मेलन में कांग्रेस के कुछ नेता पहुंचे थे, लेकिन संगठन ने उनके प्रति वो गर्मजोशी नहीं दिखाई जो मुलायम के प्रति दिखाई।
उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शीर्ष लोगों के साथ मुलायम लगातार संपर्क में हैं। दूसरी ओर बरेलवी समाज में पैठ रखने वाले मौलाना तौकीर रजम खान को भी साथ लेने की जुगत में हैं।
जमीयत एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने भाषा से कहा कि यह बात सच है कि मुलायम हमारे साथ संपर्क में हैं। वह लखनउ के हमारे कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे और उन्होंने हमसे कुछ वादे किए हैं, जिनमें निर्दोष मुस्लिम युवकों की रिहाई अहम है। अगर वह इन वादों को पूरा करते हैं तो चुनाव में उन्हें मुस्लिम समुदाय की हिमायत हासिल हो सकती है।
पारंपरिक तौर पर जमीयत का झुकाव कांग्रेस की ओर रहा है, लेकिन हाल के कुछ साल में जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी और मुलायम के बीच नजदीकियां देखी गई है। इसकी बानगी हाल ही में जमीयत की ओर से आयोजित कुछ कार्यक्रमों में भी देखने को मिली है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बीते 23 फरवरी को हुए जमीयत के सम्मेलन में अखिलेश मुख्य अतिथि थे। कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी आमंत्रित किए थे, लेकिन वे नहीं पहुंचे।
इसी तरह 17 मार्च को लखनउ में जमीयत के सम्मेलन में पहुंचकर मुलायम ने जमकर सुर्खियां बटोरीं। इस सम्मेलन में कांग्रेस के कुछ नेता पहुंचे थे, लेकिन संगठन ने उनके प्रति वो गर्मजोशी नहीं दिखाई जो मुलायम के प्रति दिखाई।
'सरकारी शादी' करने पहुंचा दूल्हा पत्नी को देख भागा
छिपकर दूसरी शादी रचाने वाला 'दूल्हा' अपनी पहली पत्नी को सामने देखकर विवाह-मंडप से भाग निकला। यह घटना छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर के मानस भवन की है, जहां रामनवमी के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था।
इसमें पहले से शादीशुदा तितुरडीह का आलोक उर्फ प्रेम प्रकाश गोंड, उषा नामक लड़की के साथ शादी करने पहुंचा था। दूसरी शादी करने के लिए पहुंचे इस युवक ने विभाग द्वारा दिया जाने वाला शादी का सामान भी प्राप्त कर लिया था।
मंडप में बैठने की तैयारी हो ही रही थी कि अचानक उर्मिला तांडी नामक एक महिला अपने भाई त्रिनाथ के साथ पुलिस लेकर पहुंची। पुलिस को सामने देखकर आलोक घबरा गया और मंडप से ही नौ दो ग्यारह हो गया। बाद में पता चला कि उर्मिला, आलोक की पत्नी है और पहली पत्नी के रहते हुए वह दूसरी शादी करने जा रहा था, वह भी सरकारी खर्च पर। उसके भागने के बाद आलोक के साथ शादी करने आई युवती उषा के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वे उर्मिला को भला-बुरा कहने लगे।
माहौल बिगड़ता देखकर पुलिस पीड़िता व उसके भाई को कोतवाली थाना ले गई। थाने में पीड़िता ने बताया कि वह बिलासपुर में अपने भाई के साथ रहती है। आरोपी भी बिलासपुर का ही रहना वाला है। तीन साल साथ रहने के बाद वह भागकर तितुरडीह आ गया। यहां पड़ोस में रहने वाली लड़की उषा को उसने प्रेमजाल में फंसा लिया था।
रामनवमी को आयोजित सामूहिक विवाह में वह उसी से शादी करने वाला था। उसने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के लिए पंजीयन कराया था।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी आर.एल. कश्यप ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उनके मुताबिक, शादी के पहले परीक्षण किया जाता है और उसके बाद ही जोड़ों को मंडप में बिठाया जाता है। आलोक व उसके परिजनों ने शादी की जानकारी छुपाई। मामला पुलिस को सौंप दिया गया है।
इसमें पहले से शादीशुदा तितुरडीह का आलोक उर्फ प्रेम प्रकाश गोंड, उषा नामक लड़की के साथ शादी करने पहुंचा था। दूसरी शादी करने के लिए पहुंचे इस युवक ने विभाग द्वारा दिया जाने वाला शादी का सामान भी प्राप्त कर लिया था।
मंडप में बैठने की तैयारी हो ही रही थी कि अचानक उर्मिला तांडी नामक एक महिला अपने भाई त्रिनाथ के साथ पुलिस लेकर पहुंची। पुलिस को सामने देखकर आलोक घबरा गया और मंडप से ही नौ दो ग्यारह हो गया। बाद में पता चला कि उर्मिला, आलोक की पत्नी है और पहली पत्नी के रहते हुए वह दूसरी शादी करने जा रहा था, वह भी सरकारी खर्च पर। उसके भागने के बाद आलोक के साथ शादी करने आई युवती उषा के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वे उर्मिला को भला-बुरा कहने लगे।
माहौल बिगड़ता देखकर पुलिस पीड़िता व उसके भाई को कोतवाली थाना ले गई। थाने में पीड़िता ने बताया कि वह बिलासपुर में अपने भाई के साथ रहती है। आरोपी भी बिलासपुर का ही रहना वाला है। तीन साल साथ रहने के बाद वह भागकर तितुरडीह आ गया। यहां पड़ोस में रहने वाली लड़की उषा को उसने प्रेमजाल में फंसा लिया था।
रामनवमी को आयोजित सामूहिक विवाह में वह उसी से शादी करने वाला था। उसने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के लिए पंजीयन कराया था।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी आर.एल. कश्यप ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उनके मुताबिक, शादी के पहले परीक्षण किया जाता है और उसके बाद ही जोड़ों को मंडप में बिठाया जाता है। आलोक व उसके परिजनों ने शादी की जानकारी छुपाई। मामला पुलिस को सौंप दिया गया है।
भारतीय महिला से इंग्लैंड में कई साल रेप
भारतीय महिला से इंग्लैंड में कई साल रेप
लंदन। इंग्लैंड में एक 40 वर्षीय भारतीय महिला के साथ वर्षो से दुष्कर्म करने, उसकी पिटाई करने, घटिया भोजन देने और तीन मध्यवर्गीय परिवारों के बीच उसे गुलाम बनाकर रखे जाने की घटना प्रकाश में आई है। इस महिला को अशिक्षित बताया गया है।
समाचार पत्र "द इंडिपेंडेंट" के अनुसार महिला ने हर्टफोर्डशायर पुलिस के साथ-साथ कई धर्मार्थ संगठनों एवं अन्य सरकारी एजेंसियों से सहायता की गुहार लगाई। लेकिन पुलिस ने जब भी महिला से बातचीत की तो महिला के साथ अभद्रता करने वाले एक रसूखदार व्यक्ति को ही दुभाषिया बनाया गया।
महिला को हर बार उसके "मालिक" को सौंप दिया जाता और मालिक के परिवार को बदनाम करने के लिए उसे और अधिक प्रताडित किया जाता, उसे धमकी दी जाती कि उसे पीछे वाले बगीचे में गाड़ दिया जाएगा। महिला को तीन वर्षो से अधिक समय तक प्रताडित करने के आरोप में तीन लोगों को दोषी ठहराया गया। तीनों व्यक्तियों में से एक ऑप्टीशियन, एक कसाई और एक सेक्रेटरी है।
समाचार पत्र की रपट के अनुसार, महिला को तीनों परिवारों के बीच आदान-प्रदान किया जाता और गुलाम की तरह रखा जाता। उन्होंने महिला का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और वे महिला को फूटी कौड़ी भी नहीं देते थे। अदालती दस्तावेज के अनुसार महिला जब भी भागकर पुलिस के पास सहायता के लिए गई, उसकी याचना को पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया। ऎसा कम से कम 12 बार हुआ।
प्रवासी कामगारों के लिए काम करने वाली एक संस्था द्वारा महिला को शरण दिए जाने और मानवाधिकार संगठन द्वारा महिला का मुद्दा अपने हाथ में लिए जाने के बाद ही महिला के नारकीय जीवन का अंत हो सका।
अभियोजन पक्ष के वकील कैरोलिन हॉफी ने क्रायडन क्राउन अदालत के समक्ष कहा कि अनेक सरकारी संस्थाओं ने उसकी सहायता करने से इनकार कर दिया, सहायता के लिए महिला द्वारा लगाई जा रही बार-बार की गुहार को नजरअंदाज किया गया, जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और ऎसा कहा जा सकता है कि सच्चाई को नजरअंदाज किया गया।
महिला अपने जीवन को बेहतर बनाने तथा भारत में अपने परिवार को कमाकर रूपये भेजने के उद्देश्य से 2005 में भारत के हैदराबाद से इंग्लैंड पहुंची थी। वह जब भी किसी की सहायता प्राप्त करने की कोशिश करती, उसके "मालिक" उसे प्रताडित करते। एक बार तो एक पेशेवर दुभाषिए ने पुलिस को बताया कि महिला झूठ बोल रही है और उसके देश में यह सामान्य बात है।
महिला को पहली बार 2006 में अस्पताल ले जाया गया। महिला का पैर बुरी तरह जख्मी था, क्योंकि उसकी "मालकिन" शमीना यूसुफ ने उसे कप से खींचकर मारा था। रपट में कहा गया है कि हालांकि उस समय कोई कार्रवाई नही की गई, क्योंकि महिला को इसके बारे में किसी को बताने के लिए धमकाया गया था।
महिला दो साल से भी ज्यादा समय के बाद भाग गई, लेकिन अपना पासपोर्ट लेने के लिए वह उस परिवार के दूसरे रिश्तेदारों के पास वापस लौट गई। महिला के वकील ने अदालत को बताया कि महिला सेंट जॉन्स वूड में एक कमरे वाले मकान में रहती थी और कसाई, एंकार्ता बालापोवी ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। महिला किसी तरह भाग गई और उसका मामला इंग्लैंड की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस की तस्करी इकाई को सौंप दिया गया।
ऑप्टीशियन बलराम ओबेराय और सेक्रेटरी यूसुफ को महिला के साथ मारपीट के लिए दोषी करार दिया गया। ओबेराय को जान से मारने की धमकी देने का भी दोषी पाया गया। वहीं कसाई, बालापोवी को दुष्कर्म का दोषी पाया गया। उन्हें अगले महीने सजा सुनाई जाएगी। दो अन्य प्रतिवादियों को छोड़ दिया गया। पीडिता अभी मारपीट के कारण इतनी चोटिल है कि उसे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ रहा है।
लंदन। इंग्लैंड में एक 40 वर्षीय भारतीय महिला के साथ वर्षो से दुष्कर्म करने, उसकी पिटाई करने, घटिया भोजन देने और तीन मध्यवर्गीय परिवारों के बीच उसे गुलाम बनाकर रखे जाने की घटना प्रकाश में आई है। इस महिला को अशिक्षित बताया गया है।
समाचार पत्र "द इंडिपेंडेंट" के अनुसार महिला ने हर्टफोर्डशायर पुलिस के साथ-साथ कई धर्मार्थ संगठनों एवं अन्य सरकारी एजेंसियों से सहायता की गुहार लगाई। लेकिन पुलिस ने जब भी महिला से बातचीत की तो महिला के साथ अभद्रता करने वाले एक रसूखदार व्यक्ति को ही दुभाषिया बनाया गया।
महिला को हर बार उसके "मालिक" को सौंप दिया जाता और मालिक के परिवार को बदनाम करने के लिए उसे और अधिक प्रताडित किया जाता, उसे धमकी दी जाती कि उसे पीछे वाले बगीचे में गाड़ दिया जाएगा। महिला को तीन वर्षो से अधिक समय तक प्रताडित करने के आरोप में तीन लोगों को दोषी ठहराया गया। तीनों व्यक्तियों में से एक ऑप्टीशियन, एक कसाई और एक सेक्रेटरी है।
समाचार पत्र की रपट के अनुसार, महिला को तीनों परिवारों के बीच आदान-प्रदान किया जाता और गुलाम की तरह रखा जाता। उन्होंने महिला का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और वे महिला को फूटी कौड़ी भी नहीं देते थे। अदालती दस्तावेज के अनुसार महिला जब भी भागकर पुलिस के पास सहायता के लिए गई, उसकी याचना को पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया। ऎसा कम से कम 12 बार हुआ।
प्रवासी कामगारों के लिए काम करने वाली एक संस्था द्वारा महिला को शरण दिए जाने और मानवाधिकार संगठन द्वारा महिला का मुद्दा अपने हाथ में लिए जाने के बाद ही महिला के नारकीय जीवन का अंत हो सका।
अभियोजन पक्ष के वकील कैरोलिन हॉफी ने क्रायडन क्राउन अदालत के समक्ष कहा कि अनेक सरकारी संस्थाओं ने उसकी सहायता करने से इनकार कर दिया, सहायता के लिए महिला द्वारा लगाई जा रही बार-बार की गुहार को नजरअंदाज किया गया, जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और ऎसा कहा जा सकता है कि सच्चाई को नजरअंदाज किया गया।
महिला अपने जीवन को बेहतर बनाने तथा भारत में अपने परिवार को कमाकर रूपये भेजने के उद्देश्य से 2005 में भारत के हैदराबाद से इंग्लैंड पहुंची थी। वह जब भी किसी की सहायता प्राप्त करने की कोशिश करती, उसके "मालिक" उसे प्रताडित करते। एक बार तो एक पेशेवर दुभाषिए ने पुलिस को बताया कि महिला झूठ बोल रही है और उसके देश में यह सामान्य बात है।
महिला को पहली बार 2006 में अस्पताल ले जाया गया। महिला का पैर बुरी तरह जख्मी था, क्योंकि उसकी "मालकिन" शमीना यूसुफ ने उसे कप से खींचकर मारा था। रपट में कहा गया है कि हालांकि उस समय कोई कार्रवाई नही की गई, क्योंकि महिला को इसके बारे में किसी को बताने के लिए धमकाया गया था।
महिला दो साल से भी ज्यादा समय के बाद भाग गई, लेकिन अपना पासपोर्ट लेने के लिए वह उस परिवार के दूसरे रिश्तेदारों के पास वापस लौट गई। महिला के वकील ने अदालत को बताया कि महिला सेंट जॉन्स वूड में एक कमरे वाले मकान में रहती थी और कसाई, एंकार्ता बालापोवी ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। महिला किसी तरह भाग गई और उसका मामला इंग्लैंड की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस की तस्करी इकाई को सौंप दिया गया।
ऑप्टीशियन बलराम ओबेराय और सेक्रेटरी यूसुफ को महिला के साथ मारपीट के लिए दोषी करार दिया गया। ओबेराय को जान से मारने की धमकी देने का भी दोषी पाया गया। वहीं कसाई, बालापोवी को दुष्कर्म का दोषी पाया गया। उन्हें अगले महीने सजा सुनाई जाएगी। दो अन्य प्रतिवादियों को छोड़ दिया गया। पीडिता अभी मारपीट के कारण इतनी चोटिल है कि उसे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ रहा है।
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