छिपकर दूसरी शादी रचाने वाला 'दूल्हा' अपनी पहली पत्नी को सामने देखकर विवाह-मंडप से भाग निकला। यह घटना छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर के मानस भवन की है, जहां रामनवमी के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था।
इसमें पहले से शादीशुदा तितुरडीह का आलोक उर्फ प्रेम प्रकाश गोंड, उषा नामक लड़की के साथ शादी करने पहुंचा था। दूसरी शादी करने के लिए पहुंचे इस युवक ने विभाग द्वारा दिया जाने वाला शादी का सामान भी प्राप्त कर लिया था।
मंडप में बैठने की तैयारी हो ही रही थी कि अचानक उर्मिला तांडी नामक एक महिला अपने भाई त्रिनाथ के साथ पुलिस लेकर पहुंची। पुलिस को सामने देखकर आलोक घबरा गया और मंडप से ही नौ दो ग्यारह हो गया। बाद में पता चला कि उर्मिला, आलोक की पत्नी है और पहली पत्नी के रहते हुए वह दूसरी शादी करने जा रहा था, वह भी सरकारी खर्च पर। उसके भागने के बाद आलोक के साथ शादी करने आई युवती उषा के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वे उर्मिला को भला-बुरा कहने लगे।
माहौल बिगड़ता देखकर पुलिस पीड़िता व उसके भाई को कोतवाली थाना ले गई। थाने में पीड़िता ने बताया कि वह बिलासपुर में अपने भाई के साथ रहती है। आरोपी भी बिलासपुर का ही रहना वाला है। तीन साल साथ रहने के बाद वह भागकर तितुरडीह आ गया। यहां पड़ोस में रहने वाली लड़की उषा को उसने प्रेमजाल में फंसा लिया था।
रामनवमी को आयोजित सामूहिक विवाह में वह उसी से शादी करने वाला था। उसने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के लिए पंजीयन कराया था।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी आर.एल. कश्यप ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उनके मुताबिक, शादी के पहले परीक्षण किया जाता है और उसके बाद ही जोड़ों को मंडप में बिठाया जाता है। आलोक व उसके परिजनों ने शादी की जानकारी छुपाई। मामला पुलिस को सौंप दिया गया है।
इसमें पहले से शादीशुदा तितुरडीह का आलोक उर्फ प्रेम प्रकाश गोंड, उषा नामक लड़की के साथ शादी करने पहुंचा था। दूसरी शादी करने के लिए पहुंचे इस युवक ने विभाग द्वारा दिया जाने वाला शादी का सामान भी प्राप्त कर लिया था।
मंडप में बैठने की तैयारी हो ही रही थी कि अचानक उर्मिला तांडी नामक एक महिला अपने भाई त्रिनाथ के साथ पुलिस लेकर पहुंची। पुलिस को सामने देखकर आलोक घबरा गया और मंडप से ही नौ दो ग्यारह हो गया। बाद में पता चला कि उर्मिला, आलोक की पत्नी है और पहली पत्नी के रहते हुए वह दूसरी शादी करने जा रहा था, वह भी सरकारी खर्च पर। उसके भागने के बाद आलोक के साथ शादी करने आई युवती उषा के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वे उर्मिला को भला-बुरा कहने लगे।
माहौल बिगड़ता देखकर पुलिस पीड़िता व उसके भाई को कोतवाली थाना ले गई। थाने में पीड़िता ने बताया कि वह बिलासपुर में अपने भाई के साथ रहती है। आरोपी भी बिलासपुर का ही रहना वाला है। तीन साल साथ रहने के बाद वह भागकर तितुरडीह आ गया। यहां पड़ोस में रहने वाली लड़की उषा को उसने प्रेमजाल में फंसा लिया था।
रामनवमी को आयोजित सामूहिक विवाह में वह उसी से शादी करने वाला था। उसने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के लिए पंजीयन कराया था।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी आर.एल. कश्यप ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उनके मुताबिक, शादी के पहले परीक्षण किया जाता है और उसके बाद ही जोड़ों को मंडप में बिठाया जाता है। आलोक व उसके परिजनों ने शादी की जानकारी छुपाई। मामला पुलिस को सौंप दिया गया है।
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