रविवार, 10 जून 2012

पूर्व नरेश गजसिंह के राजतिलक के 60 वां वर्ष, नुसरत के शिष्यों ने बंधा समां!



जोधपुर.मरुप्रदेश के सिंहद्वार सूर्यनगरी में शनिवार की शाम को पाकिस्तान के मशहूर कव्वाल रिजवान और मुअज्जम ने अपने रूहानी नातिया-कलाम और खूबसूरत नज्मों को ध्रुवपद की गरजती गमक तथा परंपरागत कव्वाली से यादगार बना दिया। विख्यात गायक एवं संगीतकार नुसरत फतेहअली खान के इन शिष्यों ने शास्त्रीय संगीत की लय के साथ कानों में रस घोलती गायकी की ऐसी जुगलबंदी पेश की कि सुधि श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
 
खान बंधुओं ने ये जमीं जब न थी, ये जहां जब न था.चांद सूरज जब न थे, आसमां जब न था.जब न था कुछ यहां.था मगर तू ही तू ..अल्ला हू अल्ला हू.सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम.तेरे दरवाजे पे चिलमन देखी नहीं जाती.मनवा जप ले अली अली.जिस्म अली जान अली जैसे सूफियाना कलाम.और ये जो हलका हलका सुरूर है.जो तेरी नजर का कुसूर है. जिसने शराब पीना सिखा दिया.तेरी बहकी बहकी निगाह ने मुझे शराबी बना दिया.जैसे श्रृंगार रस में घुले अनवर फिरोजपुरी के कलाम की प्रस्तुति से श्रोताओं को दाद देने पर मजबूर कर दिया।

पूर्व नरेश गजसिंह के राजतिलक के साठ वें वर्ष में मनाए जा रहे उत्सवों के तहत स्वरसुधा व मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शाम-ए-कव्वाली में पाकिस्तान से आए कव्वाल रिजवान व मुअज्जम के साथ हारमोनियम पर राहत अली व मुश्ताक अहमद खान ने, तबले पर जफर अली व कोरस में मोहम्मद औरंगजेब, बशीर अली व तारीफ ने शिरकत की। पाकिस्तान से आए ग्रुप प्रबंधक अजीम अहमद का संस्थान अध्यक्ष आरके कासट व सचिव बीडी जोशी ने स्वागत किया। संचालन अनुराधा आडवानी व जफर खान सिंधी ने किया। ध्रुपद से रॉक व पॉप तक
बीबीसी एशिया अवार्ड व फ्रेंच म्यूजिकल अवार्ड पाने वाले रिजवान और मुअज्जम का कहना था कि सात सौ वर्ष से कव्वाली का परचम लहराने वाले उनके संगीत घराने ने दुनिया भर में कव्वाली को कुछ अलग तरह से ही पेश किया है। परंपरागत कव्वाली में ध्रुपद के पदों से लेकर शास्त्रीय आलाप और आधुनिक रॉक व पॉप तक का फ्यूजन करते हुए कव्वाली का रंग ही बदल डाला है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स में हाजिरी लगाकर जोधपुर पहुंचे रिजवान और मुअज्जम का कहना था कि संगीत को कोई सीमाओं मे नहीं बांध सकता।

मोहम्मद गजनवी के साथ भारत आए थे

रिजवान के पूर्वज आठ सौ साल पहले मोहम्मद गजनवी के साथ भारत आए व बाद में जालंधर में ही बस गए। पार्टीशन के बाद फैसलाबाद में बसने वाले इस संगीत घराने को नुसरत फतेहअली खां व उनके वालिद मुजाहिद अली खान ने कव्वाली के साथ हिंदुस्तानी संगीत को परवान चढ़ाया।

खम्मा खम्मा हो म्हारी रुणिचे रा धनियां थाणे मनावे सारो माडवाड हो सारो गुजरात हो अजमलजी रा कंवरां...खम्मा खम्मा हो म्हारा....



जैसलमेर राजस्थान का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर ज़िले की पोकरण तहसील में एक धार्मिक आस्थास्थल है, राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता रामदेवरा जी की समाधि यहाँ स्थित हैं। कुछ लोगों का यह मत है कि सन् 1458 ई. में रामदेव जी ने यहाँ स्वयं समाधि ली थी। 'रुणेचा' रामदेवरा का प्राचीन नाम है। यहाँ लगने वाला मेला राज्य में साम्प्रदायिक सदभाव का प्रतीक माना जाता है क्योंकि रामदेव जी हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के आराध्य देवता माने जाते हैं। रामदेवरा जी की समाधि के निकट ही बीकानेर के महाराजा गंगासिंह द्वारा 1931 में बनवाया गया भव्य मंदिर स्थित हैं। भादों सुदी दो से भादों सुदी ग्यारह तक यहाँ प्रतिवर्ष एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता हैं। इस अवसर पर 'कामड' जाति की स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला 'तेरह ताली नृत्य' विशेष आकर्षण होता हैं। ये लोग रामदेव जी के भोपे होते हैं। रामदेवरा रेल और सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ हैं।

शनिवार, 9 जून 2012

Madhuban Khushboo Deta Hai (Solo)

Madhuban Khushboo Deta Hai (Solo)

is ishq mohabbat ki kuch hai ajeeb rasme

खैरवाड़ा एसडीएम और रीडर 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार


खैरवाड़ा एसडीएम और रीडर 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार


जयपुर. उदयपुर जिले के खैरवाड़ा के एसडीएम मोहन लाल प्रतिहार एवं उनके रीडर अर्जुन लाल मीणा को एसीबी ने शनिवार को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसडीएम ने रिश्वत की राशि नामांतरण खोलने की एवज में ली थी। एसडीएम प्रतिहार खैरवाड़ा में अगस्त 2011 से कार्यरत थे।

एसीबी के आईजी उमेश मिश्र ने बताया कि इस संबंध में खेरवाड़ा निवासी लक्ष्मी लाल मीना एवं दिनेश मीना ने एसीबी से शिकायत की थी कि उन्होंने पास ही के गांव में आधा बीघा जमीन खरीदी थी। जिसका नामांतरण खुलवाना था। इसके लिए एसडीएम से मिले तो उन्होंने उनके रीडर से बात करने की कही। रीडर ने इसके लिए 25 हजार रुपए मांगे। एसीबी ने मामले का सत्यापन कराया तो सही निकला।

शनिवार को लक्ष्मी लाल एवं दिनेश ने एसडीएम के रीडर अर्जुन लाल को 25 हजार रुपए दिए तो एसीबी के एएसपी राजेन्द्र गोयल के नेतृत्व ने रीडर को दबोच लिया। तब रीडर ने रिश्वत एसडीएम मोहन लाल के लिए लेने को कहा। इस पर एसीबी ने रीडर को एसडीएम के पास रिश्वत की राशि लेकर भेजा। रीडर से एसडीएम ने रुपए ले लिए। तब टीम ने एसडीएम को भी दबोच लिया। शाम तक उनके सरकारी आवास की तलाशी ली जा रही थी।

अफगानी तस्कर को राहत

अफगानी तस्कर को राहत

जोधपुर। हाईकोर्ट ने पाकिस्तान से 21 किलो हेरोईन लेकर भारत आए अफगानी तस्कर को निचली अदालत की ओर से दो मामलों में सुनाई गई सजाएं एक साथ चलाने के आदेश दिए हैं। अदालत के इस आदेश के बाद एनडीपीएस एक्ट एवं फॉरेनर्स एक्ट के अपराध के लिए बारह साल से जेल में बंद काबुल (अफगानिस्तान) निवासी मीर वाइज की रिहाई का रास्ता साफ हो सकेगा।

मीर को जुर्माने के तौर पर 6 लाख रूपए जमा करवाने होंगे। इसके बाद वह वतन-वापसी कर सकेगा। उज्ज्च न्यायालय ने मीर के बेटे नाजेबुर्रहमान की याचिका मंजूर करते हुए सीआरपीसी की धारा-427 के तहत उसके पिता की एनडीपीएस एक्ट के तहत 12 साल एवं फॉरेनर्स एक्ट के तहत 3 साल की सजा साथ-साथ चलाने के आदेश दिए हैं। मीर से पहले उसके साथी खान जमान को हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने ऎसी ही राहत दी थी। मीर पर 21 किलो 650 ग्राम एवं खान जमान पर 13 किलो 650 ग्राम हेरोईन श्रीगंगानगर सीमा से भारत में लाने का आरोप है।

क्या था मामला?
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर 8 दिसम्बर 1999 को सीमा पार से आए दो अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया। उनके पास एक बैग और सूटकेस में कुल 35 किलो 300 ग्राम हेरोईन बरामद हुई।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
 

पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।