"मैं सुसराल नहीं जाऊंगी"
जोधपुर। दूधमुंही बच्ची थी तभी गोद में लेकर फेरे करवा दिए ....अब बालिग हुई तो घर वाले गौने के लिए कह रहे हैं...मुझे मालूम ही नहीं है कि कब मेरा ब्याह हो गया...तो ऎसे सुसराल व पति के पास जाने का क्या फायदा। मुझे बाल विवाह मंजूर नहीं है।
यह कहना है राजस्थान के जोधपुर जिले के लूणी कस्बे की लक्ष्मी का। जो अपना बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए आगे आई है। लक्ष्मी ने रविवार को एनजीओ पुनर्वास मनोवैज्ञानिक सारथी संस्थान के माध्यम से पत्रकारों के सामने व्यथा रखी। उसने बताया कि वर्ष 1996 में नानी के मृत्यु भोज के दौरान विवाह कर दिया गया था। अब ससुराल पक्ष के लोग आखातीज पर गौने का दबाव डाल रहे हैं, वह उस विवाह को ही निरस्त करवाना चाहती है। महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम निदेशक इंदु ने कहा कि संभवत: पहला मामला है, जिसमें किसी युवती ने बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए कानून की मदद ली है।
बचपन में की गई शादी मान्य नहीं है। फिर भी अगर लड़की की इच्छा है कि विवाह को निरस्त करवाया जाए तो ऎसे में हिन्दू विवाह अधिनियम-1956 के सेक्शन 11 के तहत कार्रवाई करवाएंगे, जिसमें बाल विवाह निरस्त हो जाएगा।
शकंुतला मेहता कच्छवाह अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय
सगाई टूटने पर युवती को सरेराह चाकू से गोदा
टोंक . यहां कालीपलटन स्थित अजीमुल्ला बजाज के कुएं के समीप सगाई तोड़ने से नाराज युवक ने रविवार दोपहर युवती की सरेराह चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
पुलिस ने बताया कि बनेठा निवासी संतोष यहां गेंदी की चौकी निवासी बड़ी बहन ममता कोली के साथ रहती थी। दोपहर को संतोष, ममता व उसकी सास सीतादेवी कपडे सिलवाने बाजार जा रहे थे। इस दौरान छोटूलाल कोली आया और संतोष पर चाकू से वार कर दिए। बीच-बचाव करने पर ममता पर भी वार किया। दोनों बहनों की चीख सुनकर लोग दौड़े। उन्हें देखकर आरोपित फरार हो गया। संतोष ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। ममता को टोंक के सआदत अस्पताल से जयपुर रैफर कर दिया गया। संतोष के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। करीब एक साल पहले संतोष की सगाई छोटूलाल से की थी, लेकिन किन्हीं कारणों से सगाई तोड़ दी गई।
परिजनों ने बताया कि संतोष का कोटा में रिश्ता तय कर दिया था। शादी 30 अप्रेल को होनी थी।
जोधपुर। दूधमुंही बच्ची थी तभी गोद में लेकर फेरे करवा दिए ....अब बालिग हुई तो घर वाले गौने के लिए कह रहे हैं...मुझे मालूम ही नहीं है कि कब मेरा ब्याह हो गया...तो ऎसे सुसराल व पति के पास जाने का क्या फायदा। मुझे बाल विवाह मंजूर नहीं है।
यह कहना है राजस्थान के जोधपुर जिले के लूणी कस्बे की लक्ष्मी का। जो अपना बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए आगे आई है। लक्ष्मी ने रविवार को एनजीओ पुनर्वास मनोवैज्ञानिक सारथी संस्थान के माध्यम से पत्रकारों के सामने व्यथा रखी। उसने बताया कि वर्ष 1996 में नानी के मृत्यु भोज के दौरान विवाह कर दिया गया था। अब ससुराल पक्ष के लोग आखातीज पर गौने का दबाव डाल रहे हैं, वह उस विवाह को ही निरस्त करवाना चाहती है। महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम निदेशक इंदु ने कहा कि संभवत: पहला मामला है, जिसमें किसी युवती ने बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए कानून की मदद ली है।
बचपन में की गई शादी मान्य नहीं है। फिर भी अगर लड़की की इच्छा है कि विवाह को निरस्त करवाया जाए तो ऎसे में हिन्दू विवाह अधिनियम-1956 के सेक्शन 11 के तहत कार्रवाई करवाएंगे, जिसमें बाल विवाह निरस्त हो जाएगा।
शकंुतला मेहता कच्छवाह अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय
सगाई टूटने पर युवती को सरेराह चाकू से गोदा
टोंक . यहां कालीपलटन स्थित अजीमुल्ला बजाज के कुएं के समीप सगाई तोड़ने से नाराज युवक ने रविवार दोपहर युवती की सरेराह चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
पुलिस ने बताया कि बनेठा निवासी संतोष यहां गेंदी की चौकी निवासी बड़ी बहन ममता कोली के साथ रहती थी। दोपहर को संतोष, ममता व उसकी सास सीतादेवी कपडे सिलवाने बाजार जा रहे थे। इस दौरान छोटूलाल कोली आया और संतोष पर चाकू से वार कर दिए। बीच-बचाव करने पर ममता पर भी वार किया। दोनों बहनों की चीख सुनकर लोग दौड़े। उन्हें देखकर आरोपित फरार हो गया। संतोष ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। ममता को टोंक के सआदत अस्पताल से जयपुर रैफर कर दिया गया। संतोष के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। करीब एक साल पहले संतोष की सगाई छोटूलाल से की थी, लेकिन किन्हीं कारणों से सगाई तोड़ दी गई।
परिजनों ने बताया कि संतोष का कोटा में रिश्ता तय कर दिया था। शादी 30 अप्रेल को होनी थी।