फर्जी सिम से मांगी फिरौती
जयपुर। भांजी को अगवा कर फिरौती वसूलने के लिए रवि और उसके साथियों ने शातिराना अंदाज में योजना बनाई थी, लेकिन यह धरी रह गई। अभियुक्तों ने फिरौती के खातिर फोन के लिए जवाहरात व्यवसायी निर्मल कोठारी की आईडी पर दो सिम खरीदी। पुुलिस सिम धारक के पते पर पहंुची तो इसका खुलासा हुआ। निर्मल गोपालपुरा बाइपास स्थित कृष्णा नगर में रहते हैं। सिम उनके ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर मालवीय नगर में त्रिमूर्ति अपार्टमेंट के पास मामा जनरल स्टोर से खरीदी गई। पुलिस को इसके पीछे कोठारी के पुराने नौकर पर संदेह है।
पढ़ाई एमबीए की...
रवि ने मुम्बई से एमबीए के बाद काम भी शुरू किया, लेकिन उसकी आदतें बिगड़ती गईं। काम में घाटे के बाद मौज मस्ती जारी थी। एडिशनल कमिश्नर गिरिराज मीणा ने बताया कि रवि के डॉली से अवैध संबंध हैं। उसने डॉली को वैशाली नगर में फ्लैट दिला रखा है। डॉली के मोबाइल की सिम रवि के भाई की आईडी पर जारी है। रवि के आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से संबंध हैं। उसे रामबाबू गुप्ता को कुछ रकम चुकानी थी। रामबाबू पर गुण्डा एक्ट लग चुका है। वह क्रिकेट की सट्टेबाजी में गिरफ्तार हो चुका है। ऎसे काम में रवि भी लिप्त हो सकता है।
ऊपर नीचे नोट चिपका कर बनवाई गडि्डयां
रवि ने मां सुशीला को बताया कि उसने फिरौती के 18 लाख रूपए दोस्तों से इकट्ठा किए हैं। यकीन दिलाने के लिए उसने मां को नोटों से भरा बैग दिखाया। हालांकि बैग में कागज की गडि्डयां थीं। गçaयों के ऊपर और नीचे एक-एक असली नोट लगाए गए थे। डॉली ने अपने फ्लैट पर ये गडि्डयां तैयार की थीं। बच्ची को उठाने के बाद कुलदीप व वरूण उसे डॉली के फ्लैट पर ले गए। दूसरी ओर रवि दोस्तों से रूपए लेने की बात कह कर चुपचाप अपनी मां के साथ वैशाली नगर चला गया। मां को बैग दिखाते हुए उसने बताया कि 18 लाख की व्यवस्था हो गई। कार में बैग रख वह मां के साथ कॉम्पलेक्स गया। वापस लौटने से पहले उसके साथी बच्ची को छोड़ बैग ले गए। तब भी मां को बेटे की नौटंकी पर संदेह नहीं हुआ।
सुबह से ही चालू था नाटक
भांजी के गायब होने के बाद रवि बनावटी व्यवहार करता रहा और पड़ोसियों के यहां चक्कर लगाने लगा। सूचना पर पास में रहने वाले आकृति के पिता ब्रजेश व मां छाया भी पहंुचे। कुछ ही देर में परिजन व आसपास के लोग जुट गए। साथी वकील, बार एसोसियेशन के अध्यक्ष व पदाधिकारी भी पहुंच गए। बच्ची के सकुशल पहुंचने के आधा घंटे तक घर में जश्न का माहौल रहा, मिठाइयां बंटी, लेकिन रवि और अन्य की कलई खुलते ही सब अवाक रह गए।
जयपुर। भांजी को अगवा कर फिरौती वसूलने के लिए रवि और उसके साथियों ने शातिराना अंदाज में योजना बनाई थी, लेकिन यह धरी रह गई। अभियुक्तों ने फिरौती के खातिर फोन के लिए जवाहरात व्यवसायी निर्मल कोठारी की आईडी पर दो सिम खरीदी। पुुलिस सिम धारक के पते पर पहंुची तो इसका खुलासा हुआ। निर्मल गोपालपुरा बाइपास स्थित कृष्णा नगर में रहते हैं। सिम उनके ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर मालवीय नगर में त्रिमूर्ति अपार्टमेंट के पास मामा जनरल स्टोर से खरीदी गई। पुलिस को इसके पीछे कोठारी के पुराने नौकर पर संदेह है।
पढ़ाई एमबीए की...
रवि ने मुम्बई से एमबीए के बाद काम भी शुरू किया, लेकिन उसकी आदतें बिगड़ती गईं। काम में घाटे के बाद मौज मस्ती जारी थी। एडिशनल कमिश्नर गिरिराज मीणा ने बताया कि रवि के डॉली से अवैध संबंध हैं। उसने डॉली को वैशाली नगर में फ्लैट दिला रखा है। डॉली के मोबाइल की सिम रवि के भाई की आईडी पर जारी है। रवि के आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से संबंध हैं। उसे रामबाबू गुप्ता को कुछ रकम चुकानी थी। रामबाबू पर गुण्डा एक्ट लग चुका है। वह क्रिकेट की सट्टेबाजी में गिरफ्तार हो चुका है। ऎसे काम में रवि भी लिप्त हो सकता है।
ऊपर नीचे नोट चिपका कर बनवाई गडि्डयां
रवि ने मां सुशीला को बताया कि उसने फिरौती के 18 लाख रूपए दोस्तों से इकट्ठा किए हैं। यकीन दिलाने के लिए उसने मां को नोटों से भरा बैग दिखाया। हालांकि बैग में कागज की गडि्डयां थीं। गçaयों के ऊपर और नीचे एक-एक असली नोट लगाए गए थे। डॉली ने अपने फ्लैट पर ये गडि्डयां तैयार की थीं। बच्ची को उठाने के बाद कुलदीप व वरूण उसे डॉली के फ्लैट पर ले गए। दूसरी ओर रवि दोस्तों से रूपए लेने की बात कह कर चुपचाप अपनी मां के साथ वैशाली नगर चला गया। मां को बैग दिखाते हुए उसने बताया कि 18 लाख की व्यवस्था हो गई। कार में बैग रख वह मां के साथ कॉम्पलेक्स गया। वापस लौटने से पहले उसके साथी बच्ची को छोड़ बैग ले गए। तब भी मां को बेटे की नौटंकी पर संदेह नहीं हुआ।
सुबह से ही चालू था नाटक
भांजी के गायब होने के बाद रवि बनावटी व्यवहार करता रहा और पड़ोसियों के यहां चक्कर लगाने लगा। सूचना पर पास में रहने वाले आकृति के पिता ब्रजेश व मां छाया भी पहंुचे। कुछ ही देर में परिजन व आसपास के लोग जुट गए। साथी वकील, बार एसोसियेशन के अध्यक्ष व पदाधिकारी भी पहुंच गए। बच्ची के सकुशल पहुंचने के आधा घंटे तक घर में जश्न का माहौल रहा, मिठाइयां बंटी, लेकिन रवि और अन्य की कलई खुलते ही सब अवाक रह गए।
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