नसबंदी कराने गई महिला की मौत का मामला
६२ घंटे बाद उठाया शव
मकराना मकराना में दो दिन पहले नसबंदी ऑपरेशन कराने आई बाला देवी की मौत के मामले में परिजनों ने सोमवार को नहीं बल्कि मंगलवार की रात ही शव उठाया। इससे पहले परिजन व जनप्रतिनिधि मंगलवार शाम तक अड़े रहे। वार्ता का स्थायी हल निकलने पर परिजन अजमेर पहुंचे। मंगलवार रात करीब दस बजे तक अजमेर में शव लेने की कार्रवाई चली। पूरे घटनाक्रम के चलते परिजनों ने बालादेवी का शव परिजनों ने करीब 62 घंटे बाद शव उठाया।
हुडिय़ा की बाला देवी पत्नी मोतीराम मेघवाल की मौत के तीसरे दिन मंगलवार को भी दिनभर शव अजमेर अस्पताल में रहा। उधर मकराना में अनेक जनप्रतिनिधियों, परिजनों व मेघवाल समाज के लोगों ने सरकारी अस्पताल के बाहर टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष श्याम प्रताप सिंह, बसपा जिलाध्यक्ष पुखराज मेघवाल, लगन शाह अस्पताल अध्यक्ष अब्दुल समद सिसोदिया, पूर्व प्रधान श्रीराम भींचर, गंगाराम मेघवाल, मोतीलाल शर्मा धरने में शामिल हुए। इन्होंने बाला देवी के परिवार के हालात बयां करते हुए मुआवजे व दोषी डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग दोहराई। बसपा जिलाध्यक्ष मेघवाल ने कहा कि जब तक दोषी डॉक्टरों को गिरफ्तार नहीं किया जाता एवं दस लाख रुपए मुआवजा नहीं मिलेगा, वे अजमेर के अस्पताल में रखा शव नहीं लेंगे। प्रदर्शन उग्र होते देख एसडीएम एसएम शाह, तहसीलदार सुरेश चावला व थानाधिकारी मोटाराम बेनीवाल धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सरकार की ओर से दो लाख रुपए एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष से बीस हजार रुपए देने की बात कही। इसमें से पचास हजार रुपए का चैक तुरंत जारी करने व बाकी की रकम प्रक्रिया के अनुसार पीडि़त परिवार को देने की बात कही। इस पर परिजन व जनप्रतिनिधि राजी नहीं हुए। अधिकारियों ने कलेक्टर से निर्देश लिए।
मुश्किल से बनी बात
मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत व डीडवाना विधायक रूपा राम डूडी भी मौके पर पहुंचे। सामूहिक वार्ता के बाद दोनों विधायकों ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता की एवं उन्हें बताया कि एक लाख रुपए सरपंचों से व एक लाख रुपए पालिका सदस्यों के सहयोग से दिलवा देंगे एवं बाकी राशि सरकारी सहयोग से दी जाएगी। उन्होंने दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। एक बारगी मेघवाल समाज के लोग शव उठाने को राजी हो गए मगर बसपा जिलाध्यक्ष पुखराम, सरपंच अमरा राम चौधरी व पूर्व प्रधान श्रीराम भींचर सहित अनेक लोगों ने आश्वासन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए शव उठाने से मना कर दिया। इसके चलते विधायक गैसावत की सरपंच अमरा राम व पूर्व प्रधान भींचर से तकरार हुई। वहां मौजूद लोगों व अधिकारियों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया। इसके बाद विधायक व अधिकारी रात्रि लगभग 7:30 बजे वापस पालिका भवन में चले गए एवं पुन: वार्ता का दौर चला। वार्ता के बाद समाज के प्रतिनिधि सामूहिक रूप से धरना समाप्त करने एवं शव लेने को राजी हो गए। गंगाराम मेघवाल ने बताया कि बाला देवी का बुधवार को हुडिय़ा गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
खेत की मेड़ पर बोरी में मिला महिला का शव मेड़ता रोडत्न कस्बे की रेल पटरियों के पास एक खेत की मेड़ पर मंगलवार को एक महिला का शव बोरी में बंधा मिला। शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। देर रात तक जीआरपी व सिविल पुलिस इसी बात को लेकर बहस करती रही कि शव किसके सीमा क्षेत्र में है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मेड़ता रोड-जयपुर रेलमार्ग के मध्य मेड़ता रोड के रेल फाटक संख्या सी 99 से मात्र आधा किमी की दूरी पर रेल पटरियों के पास स्थित एक खेत की मेड़ पर रूपचंद बिश्नोई ने बंद बोरी दिखाई देने पर सिविल पुलिस को सूचना दी। इस पर थानाधिकारी दातारसिंह शाम छह बजे मौके पर पहुंचे। बोरी को खोलने पर देखा तो उसमें हाथ, पैर बांधे हुए एक महिला की लाश थी। महिला की उम्र 25- 30 वर्ष के बीच है। महिला के आसमान कलर के सलवार सूट पहने हुए है। शव करीब दो दिन पुराना लग रहा है। बोरी के ऊपर कूलर में लगाने वाले टाट भी लपेटे थे। थानाधिकारी की सूचना पर मेड़ता पुलिस उपाधीक्षक अर्जुनसिंह मौके पर पहुंचे, शव व घटनास्थल को देखने पर प्रतीत हुआ कि संभवतया क्षेत्राधिकार जीआरपी का हो सकता है। इस पर रेल अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। मौके पर रेल पथ निरीक्षक नत्थूलाल मीणा पहुंचे और नाप चौप शुरू किया गया। कई घंटे चली बहस शव मौके पर था और जीआरपी तथा सिविल पुलिस इसकी गुत्थी सुलझाने की बजाय इस विवाद में जुट गई कि आखिरकार यह मामला किसके खाते में जाएगा। मामला अज्ञात शव का होने की वजह से इस परेशानी से सिविल पुलिस व जीआरपी दोनों ही बचने के प्रयास करते रहे। शाम सात बजे से दोनों विभागों के अफसरों में बहस शुरू हुई। सरहद का नाप चौप भी हुआ। जीआरपी थानाधिकारी बनवारीलाल ने जोधपुर बैठे अधिकारियों को इसकी सूचना दी। बुधवार को अधिकारियों के आने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम होगा। शव फिलहाल मोर्चरी में रखवाया गया है। |
पति व पुत्र के खिलाफ फिर पेश हुई महिला
नागौर शहर के राठौड़ी कुआं की एक महिला रिश्तेदारों, परिचितों व मोहल्ले के लोगों को साथ लेकर अपने पति व पुत्र के खिलाफ लगातार मुकदमा दर्ज करने व उनके आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा रही है, मगर पुलिस कार्रवाई करने की बजाय इस समस्या को वार्तालाप से हल कराने में जुटी है।
नत्थी देवी सांखला के साथ मंगलवार को ज्ञापन देने पहुंचे लोगों का कहना था कि नत्थी देवी को उसके पति व पुलिसकर्मी पुत्र ने मारपीट कर घर से निकाल दिया है। उसने एसपी को बताया कि पूर्व में भी उसने मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई और आरोपी पति व पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बावजूद पुलिस उसकी समस्या पर गौर नहीं कर रही है। नत्थी का कहना है कि एसपी ने मामले की जांच उप अधीक्षक से कराने का आश्वासन दिया था, मगर पुलिस अधिकारियों ने जांच करने की बजाय दूसरे मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया। उसकी तरफ से पेश परिवाद पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।