बीयर पीते, इश्क फरमाते भिक्षु अरेस्ट
बीजिंग। चीन में शराब पीनेवाले और महिलाओं के साथ मौज करते दो नकली बौद्ध भिक्षुओं को हिरासत में ले लिया गया है।
बीते हफ्ते इंटरनेट पर दो लोगों की कई तस्वीरें अपलोड की गई थी, इन तस्वीरों में भिक्षुओं की तरह पीले चोगे पहने हुए ये दो लोग लोकल ट्रेन में महिलाओं के साथ बैठकर बीयर पी रहे थे। उन्हें एक एटीएम में पैसे जमा करवाते और एक होटल में जाते भी देखा गया जहां एक ने एक महिला को बांहों में लिया हुआ था। इन तस्वीरों को लेकर खासी प्रतिक्रिया हो रही थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ये उस समय दबोच लिया गया जब वे एक मंदिर में वहां के भिक्षुओं को उनपर संदेह हुआ। एक भिक्षु ने इन लोगों को महिलाओं के साथ टहलते देखा जबकि दूसरे भिक्षु प्रार्थना कर रहे थे। चाइना डेली अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग स्थित फायुआन मंदिर के भिक्षुओं ने इन दोनों का संदेहास्पद व्यवहार देख पुलिस को बुलाया, जिन्होंने उन्हें पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया।
एक वरिष्ठ भिक्षु के अनुसार दोनों ने तो हमारे किसी सवाल का जवाब दिया और न ही कोई मंत्र बोल पाए जिससे उनके वास्तविक भिक्षु होने का पता चल पाता। दोनों अपने भिक्षु होने के बारे में कोई प्रमाणपत्र नहीं दिखा सके जिसके बाद यह साफ हो गया कि दोनों नकली भिक्षु थे।
बीजिंग। चीन में शराब पीनेवाले और महिलाओं के साथ मौज करते दो नकली बौद्ध भिक्षुओं को हिरासत में ले लिया गया है।
बीते हफ्ते इंटरनेट पर दो लोगों की कई तस्वीरें अपलोड की गई थी, इन तस्वीरों में भिक्षुओं की तरह पीले चोगे पहने हुए ये दो लोग लोकल ट्रेन में महिलाओं के साथ बैठकर बीयर पी रहे थे। उन्हें एक एटीएम में पैसे जमा करवाते और एक होटल में जाते भी देखा गया जहां एक ने एक महिला को बांहों में लिया हुआ था। इन तस्वीरों को लेकर खासी प्रतिक्रिया हो रही थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ये उस समय दबोच लिया गया जब वे एक मंदिर में वहां के भिक्षुओं को उनपर संदेह हुआ। एक भिक्षु ने इन लोगों को महिलाओं के साथ टहलते देखा जबकि दूसरे भिक्षु प्रार्थना कर रहे थे। चाइना डेली अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग स्थित फायुआन मंदिर के भिक्षुओं ने इन दोनों का संदेहास्पद व्यवहार देख पुलिस को बुलाया, जिन्होंने उन्हें पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया।
एक वरिष्ठ भिक्षु के अनुसार दोनों ने तो हमारे किसी सवाल का जवाब दिया और न ही कोई मंत्र बोल पाए जिससे उनके वास्तविक भिक्षु होने का पता चल पाता। दोनों अपने भिक्षु होने के बारे में कोई प्रमाणपत्र नहीं दिखा सके जिसके बाद यह साफ हो गया कि दोनों नकली भिक्षु थे।
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