स्वर्णनगरी में छाए बंगाली पर्यटक
जैसलमेर। स्वर्णनगरी में इन दिनों बंगाली पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है। शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इन दिनों देशी व बंगाली पर्यटकों की रेलमपेल देखी जा सकती है। स्वर्णनगरी के पर्यटन उद्योग को गति देने में शुरू से ही बंगाली पर्यटकों का योगदान रहा है। प्रति वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली सैलानी स्वर्णनगरी की सैर को आते हैं। विख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक सत्यजीत रे ने बंगाली भाषा में सोनार किला फिल्म बनाई। उसके बाद से ही बंगाली पर्यटकों में त्रिकूट पहाड़ी पर पीले पत्थरों से बने स्वर्ण दुर्ग को देखने की ललक रही।
हर साल उमड़ती है भीड़
स्वर्णनगरी में हर साल हजारों बंगाली सैलानी सोनार किले को देखने सैकड़ों किमी का फासला तय कर यहां पहुंचते हैं। शहर के प्रमुख रेस्टोरेंट, हैण्डीक्राफ्ट की दुकान व रेडीमेड शोरूम पर बंगाली पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है। सम के विख्यात रेतीले टीलों पर भी बंगाली पर्यटक रेगिस्तानी जहाज की सवारी करने पहुंच रहे हैं।
छाई उम्मीद की किरण
कुछ समय तक पर्यटन व्यवसाय में आए सन्नाटे के बाद एक बार पर्यटकों के आगमन से व्यावसायियों के चेहरों पर छाई उदासी दूर हुई है। इन दिनों विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की आवाजाही भी शैक्षणिक भ्रमण के उद्देश्य से शुरू हो गई हैं। एक जैसी गणवेश पहने बालक-बालिकाओं के समूह जब मुख्य बाजार से होकर गुजरते हैं, तो स्वत: ही पता चल जाता है कि यह विद्यार्थियों का दल है।
शहर में बंगाली पर्यटकों के आगमन ने पर्यटन व्यवसाय में फिर से जान फूंक दी है। ऎसे में पर्यटन से जुड़े व्यवसायी अब गुजराती पर्यटकों के आगमन का इंतजार कर रहे हैं। गुजराती पर्यटकों की स्वर्णनगरी में आवाजाही दीपावली के दिनों में शुरू हो जाती है।
कलात्मक सुंदरता अनूठी
स्वर्णनगरी की कलात्मक सुंदरता अनूठी है, वहीं सोनार किला तो लाजवाब है। मैं अपने परिवार के साथ यहां हर साल आता हूं। सम के धोरो पर घूमने का तो आनंद ही अलग है।
शोभित बसु, पर्यटक
स्वर्णनगरी का माहौल बंगाल से अलग नहीं है। भाष्ाा मे कुछ अंतर जरूर है, लेकिन यहां के लोग हमारी भाष्ाा समझ लेते हंै। यहां शॉपिंग का मजा ही अलग है।
-कलावती, पर्यटक
गुलाबी सर्दी ने दी दस्तक
जैसलमेर। जिले में मौसम परिवर्तन का दौर चल रहा है। कभी गर्मी तो कभी हल्की गुलाबी सर्दी के चलते मौसम में बदलाव नजर आने लगा है। तापमान में भी आए दिन बदलाव होने से मौसम परिवर्तन हो रहा है। हालांकि दोपहर के समय गर्मी का असर बरकरार रहा। गत कुछ दिनों से सुबह और शाम के समय हल्की सर्द हवाएं चलने से लोगों को गर्मी से मामूली राहत मिली है। अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह के बाद से ही मौसम में बदलाव दिखाई देने लगा था।
इन दिनों सुबह और शाम के समय गर्मी के तेवर थोड़े ढीले पड़े हैं, लेकिन दोपहर के समय सूरज की तीखी किरणें फिर से गर्मी का अहसास करा देती है। शहर के बाशिन्दों के साथ-साथ स्वर्णनगरी निहारने आने वाले देशी-विदेशी सैलानी भी गर्मी के असर से अछूते नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। दिन में जहां गर्मी पड़ रही है, वहीं रात्रि के समय गुलाबी सर्दी का अहसास होना शुरू हो गया है।
विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है....! जिसे सभी भारतीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन माह में नवरात्रि समाप्ति के दूसरे दिन यानी दशमी को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खास कर खरीददारी करना शुभ मानते है, जिसमें सोना, चाँदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है। दशहरे के दिन पूरे दिन भर ही मुहूर्त होते है इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जिस दिन बिना मुहूर्त देखे आप कोई भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं।
आश्विन शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाला यह त्योहार विजयादशमी या दशहरा के नाम से प्रचलित है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति का सूचक है। इन दिनों चौमासे में स्थगित कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं। दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजा दिया है। घर में रखें शस्त्र, वाहन आदि भी पूजा की जाती है। दशहरे का यह त्योहार बहुत ही पावनता के साथ संपन्न किया जाता है। उसके बाद रावण दहन मनाया जाता है। नौ दिनों तक माँ दुर्गा की आराधना करने के बाद भगवान श्रीराम ने दशहरे के दिन ही लंकापति रावण का वध किया था। वैसे तो रावण बहुत परम ज्ञानी पंडित था। लेकिन मन में अहंकार के भाव के चलते उन्होंने सीता का हरण करके लंका ले गया और उसे अशोक वाटिका में कैद करके रखने दुस्साहस किया था। जिसके परिणाम स्वरूप भगवान राम हनुमान जी की सहायता से राक्षसराज रावण पर काबू पाने में सफल हो गए थे।
उन्होंने रावण को युद्ध में परास्त करके उन्हें मुक्ति देने का महान कार्य करके दशमी के दिन को पावन कर दिया। श्रीराम ने रावण के अहंकार को चूर-चूर करके दुनिया के लिए भी एक बहुत मूल्यवान शिक्षा प्रदान की, जिसकी हम सभी को रोजमर्रा के जीवन में बहुत जरूरी है।
श्रीराम की यही सीख मानवीय जीवन में बहुउपयोगी सिद्ध होगी। हमें भी अपने जीवन काल में अहंकार, लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्याग कर क्षमारूपी बनकर जीवन जीना चाहिए। भगवान राम की यह सीख बहुत ही सच्ची और हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाने वाली है।
Ho lal meri pat
Rakhyo sada jhoolay lalan o lal meri
Ho lal meri pat
Rakhyo sada jhoolay lalan sindhri da sevan da Sakhi Shahbaz Qalandar
Ho Jamalo is a Sindhi dance and also a Sindhi song sung by a famous singer shazia khushk
bhala hua meri matki phooti re..aulia abida parveen عابده پروین-kabir das ji-best of sufi
त्रिपुरा सुन्दरी - "निष्प्राण में फूंके प्राण, पीड़ितों का करे परित्राण''
बांसवाड़ा से लगभग 14 किलोमीटर दूर तलवाड़ा ग्राम से मात्र5 किलोमीटर की दूरी पर ऊंची रौल श्रृखलाओं के नीचे सघन हरियाली की गोद में उमराई के छोटे से ग्राम में प्रतिष्ठित है मां त्रिपुरा सुंदरी। कहा जाता है कि मंदिर के आस-पास पहले कभी तीन दुर्ग थे। शक्तिपुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक इन तीन पुरियों में स्थित होने के कारण देवी का नाम त्रिपुरा सुन्दरी पड़ा। मां का यह स्थान कितना प्राचीन है प्रमाणित नहीं है।
वैसे देवी मां की पीठ का अस्तित्व यहां तीसरी शती से पूर्व का माना गया है। गुजरात, मालवा और मारवाड़ के शासक त्रिपुरा सुन्दरी के उपासक थे। गुजरात के सोलंकी राजा सिद्धराज जयसिंह की यह इष्ट देवी रही। ख्याति लब्ध भूपातियों की इस इष्ट देवी परम्परा को बाबूजी स्व. हरिदेव जोशी प्रणीत उसी परम्परा के संरक्षण को बीड़ा अब वसुन्धरा राजे सिन्धिया ने उठाया है। मां की उपासना के बाद ही वे युद्ध प्रयाण करते थे।
कहा जाता है कि मालव नरेश जगदेश परमार ने तो मां के श्री चरणों में अपना शीश ही काट कर अर्पित कर दिया था। उसी समय राजा सिद्धराज की प्रार्थना पर मां ने पुत्रवत जगदेव को पुनर्जीवित कर दिया था। मंदिर का जीर्णोद्धार तीसरी शती के आस-पास पांचाल जाति के चांदा भाई लुहार ने करवाया था। मंदिर के समीप ही भागी (फटी) खदान है, जहां किसी समय लोहे की खदान हुआ करती थी। किंवदांती के अनुसार एक दिन त्रिपुरा सुंदरी भिखारिन के रूप में खदान के द्वार पर पहुंची, किन्तु पांचालों ने उस तरफ ध्यान नहीं दिया। देवी ने क्रोधवश खदान ध्वस्त कर दी, जिससे कई लोग काल के ग्रास बने। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए पांचालों ने यहां मां का मंदिर तथा तालाब बनवाया। इस मंदिर का 16 वीं शती में जीर्णोद्धार कराया। आज भी त्रिपुरा सुन्दरी मंदिर की देखभाल पांचाल समाज ही करता है। यहां अनेक मंदिरों के ध्वसांवशेष मिले है ।
सन् 1982 में खुदाई के दौरान यहां शिव पार्वती की मूर्ति निकली थी, जिसके दोनों तरफ रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश व कार्तिकेय भी हैं। प्रचलित पौराणिक कथानुसार दक्ष-यज्ञ तहस-नहस हो जाने के बाद शिवजी सती की मृत देह कंधे पर रख कर झमने लगे। तब भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए योगमाया के सुदर्शन चक्र की सहयता से सती के शरीर को खण्ड-खण्ड कर भूतल पर गिराना आरम्भ किया। उस समय जिन-जिन स्थानों पर सती के अंक गिरे, वे सभी स्थल शक्तिपीठ बन गए। ऐसे शक्तिपीठ51 हैं और उन्हीं में से एक शक्तिपीठ है त्रिपुरा सुंदरी। तीनों पुरियों में स्थित देवी त्रिपुरा के गर्भगृह में देवी की विविध आयुध से युक्त अठारह भुजाओं वाली श्यामवर्णी भव्य तेजयुक्त आकर्षक मूर्ति है। इसके प्रभामण्डल में नौ-दस छोटी मूर्तियां है जिन्हें दस महाविद्या अथवा नव दुर्गा कहा जाता है। मूर्ति के नीचे के भाग के संगमरमर के काले और चमकीले पत्थर पर श्री यंत्र उत्कीण है, जिसका अपना विशेष तांत्रिक महत्व हैं । मंदिर के पृष्ठ भाग में त्रिवेद,दक्षिण में काली तथा उत्तर में अष्ट भुजा सरस्वती मंदिर था, जिसके अवशेष आज भी विद्यमान है। यहां देवी के अनेक सिद्ध उपासकों व चमत्कारों की गाथाएं सुनने को मिलती हैं।
मंदिर शताब्दियों से विशिष्ट शक्ति साधकों का प्रसिद्ध उपासना केन्द्र रहा है। इस शक्तिपीठ पर दूर-दूर से लोग आकर शीष झुकाते है। नवरात्रि पर्व पर इस मंदिर के प्रागण में प्रतिदिन विशेष कार्यक्रम होते है, जिन्हें विशेष समारोह के रूप में मनाया जाता है। नौ दिन तक प्रतिदिन त्रिपुरा सुंदरी की नित-नूतन श्रृंगार की मनोहारी झांकी बरबस मन मोह लेती है। चेत्र व वासन्ती नवरात्रि में भव्य मूर्ति के दर्शन प्राप्त करने दूरदराज से लोग आते हैं। चौबीसों घंटे भजन कीर्तन जागरण, साधना, उपासना, जप व अनुष्ठान की लहर में डूबा हर भक्त हर पल केवल मात की जय को उद्घोष करता दिखाई देता है। प्रथम दिवस शुभ मुहूर्त में मंदिर में घट स्थापना की जाती है। शुद्ध स्थान पर गोबर मिट्टी बिछा कर उसमें जौ या गेहूं बोये जाते हैं। इसके समीप ही अखण्ड ज्योति जलाई जाती है। मिट्टी-गोबर में बोये गए धान पर एक मिट्टी के कलश में जल भर कर रखा जाता है। इसे घट स्थापना कहते हैं। जल कलश के ऊपर मिट्टी के ढ़क्कन में गोबर-मिट्टी रखकर जौ बोये जाते हैं। दो तीन दिन पश्चात् धान के अंकुर फूटते हैं, जिन्हें जवारे कहते हैं। इनके सामने देवी मां के चित्र की धूप, अगरबत्ती, नारियल, पुष्प, रोली, मोली आदि से पूजा करते हैं। नवरात्रि की अष्टमी और नवमीं को यहां हवन होता है। नवमीं या दशहरे पर जवारों को माताजी पर चढ़ाते हैं। तत्पश्चात् पूजा अर्चना करके इस कलश को जवारों सहित माही नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। विसर्जन स्थल पर पुनः एक मेला सा जुटता है, जहां �त्रिपुरे माता की जय� से समस्त वातावरण गूंज उठता है। अष्टमी पर यहां दर्शनार्थ पहुंचने वालों में राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़, दिल्ली और महारा
वाग्वरांचल में शक्ति उपासना की चिर परम्परा रही है। साढ़े ग्यारह स्वयं भू-शिवलिंगों के कारण लघुकाशी कहलाने वाला यह वाग्वर प्रदेश शक्ति आराधना के कारण ब्राहाी, वैष्णवी और वाग्देवी नगरी के रूप में लब्ध प्रतिष्ठित है। जगतज्जननी त्रिपुरा सुन्दरी शक्तिपीठ के कारण यहां की लोक सत्ता प्राणवंत, ऊर्जावान और शक्ति सम्पन्न है।
अम्बाला सिटी.कैंट रंगिया मंडी में रहने वाली विवाहिता मेधा का उसी के देवर ने अपहरण कर लिया। जब पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत की तो पुलिस ने मुंह फेर लिया। परिवार ने अब डीसीपी ऑफिस का घेराव करने का निर्णय लिया है। बुधवार को पीड़ित परिवार डीसीपी से मिलेगा।
मेधा के पति रंगिया मंडी निवासी पवन कुमार ने बताया कि करीब दो साल पहले उनकी शादी हुई थी। शादी के बाद से ही उसका भाई राहुल उर्फ गोलू मेधा पर गलत नजर रखने लगा। यही कारण था कि उन्होंने राहुल को घर से बाहर निकाल दिया था। इधर, उन्होंने इस बात की जानकारी अपनी मां बबली को भी दी थी। ताकि किसी तरह की अनहोनी पैदा न हो।
आरोप है कि पहले नवरात्रे को वह काम पर गए हुए थे। मां बबली भी दवा लेने के लिए सिटी में गई हुई थी। छोटी बहन और नानी घर पर थे। उसी समय राहुल दो युवकों के साथ घर पर पहुंचा और जबरन उनकी पत्नी मेधा को उठाकर ले गया। उस समय राहुल के हाथ में चाकू भी था, जिसे दिखाकर उसने मेधा को डराया धमकाया था।
हत्या भी कर सकता है राहुल
पवन का आरोप है कि राहुल नशे का आदी है और उसे अपने और पराए में फर्क नजर नहीं आता। जिस समय उसने मेधा को किडनेप किया था, उस समय भी उसने नशा कर रखा था। वह एक कार से घर पर पहुंचा था और मेधा को उसी कार में डालकर फरार हो गया। उनका कहना है कि राहुल नशे की हालत में उनकी पत्नी की हत्या भी कर सकता है। यही नहीं उसके साथ गलत काम भी कर सकता है। पुलिस मेधा को तलाश करने में मदद करे।
इनका घरेलू मामला है। विवाहिता पहले भी देवर के साथ भाग चुकी है, वह अपने पति के साथ रहना नहीं चाहती। - अजैब सिंह, एसएचओ, पड़ाव।
नई दिल्लीः बहुमूल्य धातुओं में बुधवार को मिश्रित रुख रहा लेकिन चांदी के सिक्कों में ऐतिहासिक गिरावट रही। सोना भी चमक बिखेर नहीं सका और गिर गया।
आज राजधानी में हाजिर में सोना 835 रुपए प्रति दस ग्राम गिरकर 26,440 रुपए पर जा पहुंचा। चांदी में 2,500 रुपए प्रति किलो की गिरावट आई और वह 50,800 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंची। लेकिन सबसे जबर्दस्त गिरावट आई चांदी के सिक्कों में जो 7,000 रुपए प्रति सैकड़ा टूट गए। त्योहारी सीजन में सप्लाई की अधिकता से उनमें गिरावट आई। वे गिरकर 58,000 रुपए प्रति सैकड़ा (खरीद) पर जा पहुंचे।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में सोने के दामों में गिरावट के कारण यहां भी गिरावट आई। वहां सोने के दाम 1664 डॉलर प्रति औंस से गिरकर 1608.20 डॉलर प्रति औंस पर जा पहुंचे। चांदी में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई।
भोपाल।। छिंदवाड़ा जिले के सीएमओ (चीफ मेडिकल ऑफिसर) डॉ. एस.आर. चौहान ने डीएम पवन शर्मा पर आरोप लगाया है कि वह हर रात उनसे लड़कियां भेजने की मांग करते हैं। उन्होंने डीएम पर गाली देने और रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है।
सीएमओ ने राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर डीएम की शिकायत की है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अपनी शिकायत में चौहान ने दावा किया है कि डीएम ने एक बार उन्हें यह कहा कि उनके अधीन 400 नर्सें हैं और वे उनमें से किसी को भी हर रात उनके बंगले पर भेज सकते हैं।
सीएमओ ने दावा किया कि डीएम ने उनके निलंबन के लिए कमिश्नर जबलपुर को चिट्ठी लिखी, लेकिन उन्होंने जांच में इनको निर्दोष पाया और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
चौहान ने आरोप लगाया कि कलेक्टर ने बिना कारण बताओ नोटिस दिए उनका जुलाई महीने का वेतन रोक दिया, जबकि डीएम को ऐसा करने का कोई भी अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर के इस अभद्र व्यवहार से तंग आकर उन्होंने कई बार अपनी जान देने की भी कोशिश की है।
गरमाया होशंगाबाद सेक्स स्कैंडल
भोपाल । होशंगाबाद पुलिस सेक्स स्कैंडल का मामला गरमा गया है। एक महिला नव आरक्षक ने होशंगाबाद एडीशनल एसपी अनिल मिश्रा पर छेड़छाड़ सहित कई संगीन आरोप लगाए। मामला चूंकि एएसपी स्तर के अधिकारी का है, इसलिए पुलिस के बड़े अफसर इसे रफा-दफा करने में जुटे हुए हैं।
होशंगाबाद पुलिस की महिला नव आरक्षक ने 30 सितंबर को होशंगाबाद रेंज डीआईजी एके गुप्ता और एसपी रूचिवर्द्घन मिश्र को शिकायत की। इसमें नव आरक्षिका ने एडीशनल एसपी अनिल मिश्रा के खिलाफ फोन पर अनर्गल बातचीत और छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए। उसने पचमढ़ी के मेले सहित कई मामलों का जिक्र सबूत के तौर पर किया है। मामले की जांच एसपी रूचिवर्द्घन मिश्र को सौंपी गई है।
एसपी ने "पत्रिका" को बताया कि नव आरक्षिका ने कहा कि जांच रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और वे बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रिपोर्ट पेश करेंगी। विभाग के ही सूत्र मानते हैं कि मामला यौन उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है। बावजूद इसके आला अफसर मामले की जांच को सामान्य शिकायत मानकर निपटारा कर रहे हैं। आरोपी अफसर पर छतरपुर पदस्थापना के दौरान इसी तरह के संगीन अपराध भी दर्ज हो चुका है।
ऎसे हुआ खुलासा
यह मामला प्रकाश में तब आया जब आरआई देवेन्द्र यादव ने एएसपी के उन निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने संबंधित नव आरक्षिका की ड्यूटी पिपरिया दशहरा उत्सव मेले में लगाने के लिए कहा था। सूत्रों का कहना है कि नव आरक्षिका ने पचमढ़ी में उसके साथ हुए हादसे की जानकारी आरआई को दी थी। दबाव बढ़ने पर शिकायत की गई।
इतनी जल्दी क्यों
होशंगाबाद एसपी रूचिवर्द्घन मिश्र का सोमवार को राजगढ़ तबादला हो चुका है। सूत्रों की मानें तो एसपी कार्यमुक्त होने से पहले मामले की जांच रिपोर्ट सौंपना चाहती हैं। जांच के दौरान शिकायतकर्ता का न तो मेडिकल कराया गया, और न ही उसके व आरोपी अफसर के कॉल डिटेल्स और अश्लील एसएमएस की जांच की गई।
मैं इस मामले पर कोई बात करना नहीं चाहता। जब भी मुझे वरिष्ठ अधिकारी बुलाएंगे, मैं उनके समक्ष अपना पक्ष रखूंगा।अनिल कुमार मिश्रा एडीशनल एसपी, होशंगाबाद
"पीओके में हैं सैनिकों समेत 4000 चीनी"
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में करीब 4000 चीनी मौजूद हैं जिनमें उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लड़ाकू इंजीनियर भी शामिल हैं।
यह भी संयोग ही है कि सेना प्रमुख ने उसी दिन यह रहस्योदघाटन किया है जब विदेश मंत्रालय ने सीमा पर शांति भंग होने की किसी भी आशंका को टालने के लिए चीन और भारत की राजधानियों में उच्च स्तरीय कूटनीतिक सैन्य मुख्यालय स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की है।
जनरल सिंह ने बुधवार को जनरल करियप्पा व्याख्यानमाला में हिस्सा लेते हुए पत्रकारों से कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चार हजार चीनी हैं। इनमें उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इंजीनियर और निर्माण टीमें भी शामिल हैं। पीओके में चीनियों द्वारा एक हाईवे और कुछ अन्य परियोजनाओं के निर्माण में संलग्न होने की सूचनाएं आती रही हैं लेकिन यह पहला मौका है जब भारत के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने इतनी बड़ी संख्या में चीनियों की मौजूदगी का खुलासा किया है।
इससे पहले न्यूयार्क टाइम्स ने सूत्रों के हवाले पीओके में करीब 11 हजार चीनी सैनिकों की खबर दी थी। इस पर भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा था कि वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और खबर की पुष्टि की जा रही है।
कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चीन से कहा था कि वह पीओके में अपनी गतिविधियां बंद कर दे जो भारत और पाकिस्तान के बीच का विवादित क्षेत्र है। सेना प्रमुख ने जम्मू कश्मीर में उग्रवादी गतिविधियां बढ़ने की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीमा पार से घुसपैठ की पुरजोर कोशिशें हो रही हैं और हाल में आतंककारियों के मारे जाने की घटनाएं उसी का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि सीमा के पार आतंकी ढांचा पूरी तरह से बरकरार है।
जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दस रुपए की चीज जनता तक पहुंचते-पहुंचते पच्चीस रुपए की हो जाती है। इसका नुकसान जनता को उठाना पड़ता है। इसीलिए सरकार ने सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन बनाया ताकि सरकार कंपनियों से माल खरीदकर उस राज नाम का ठप्पा लगाकर जनता तक पहुंचाएं। फिलहाल इस योजना में आटा, चाय, शक्कर शामिल है। वे महामंदिर रामबाग स्थित श्रीमती सोनीदेवी देवीलाल गहलोत गुरुकुल छात्रावास का नामकरण तथा मूर्ति अनावरण और प्रतिभावान विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पानी का स्तर नीचे चला गया है। यहां पर 249 में से 200 जोन डार्क जोन में आ गए है। वैसे तो पिछले दो साल से मानसून अच्छा हुआ है, लेकिन पानी का स्तर नीचे चला गया तो इससे फ्लोराइड, खारे पानी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। वहीं अगर मानसून का फायदा उठाते हुए हम वृक्ष लगाएंगे तो प्रदूषण से निजात मिलेगी। इसीलिए सरकार ने पानी-बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ के साथ वृक्ष लगाओ का नया नारा दिया है।
उन्होंने कहा कि 14 नवंबर से प्रशासन शहरों के संग और सर्विस गारंटी एक्ट भी लागू होगा। इस एक्ट के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी आमजन को कौनसा काम कब होगा कि जानकारी देने में आनाकानी करेगा या रिश्वत मांगेगा अथवा किन्हीं कारणों से उस काम को अटका देगा तो उसके खिलाफ 500 से 5000 रुपए तक का जुर्माना लगेगा। वहीं ठेके पर होने वाले काम सही हो। इसके लिए ट्रांसपैरेंसी एक्ट लागू होगा।
समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी ने बच्चों को पढ़ाने पर जोर दिया। समारोह में विधायक भगवान सहाय सैनी, ओम जोशी, साले मोहम्मद, जिला प्रमुख दुर्गादेवी बलाई, यूआईटी के पूर्व चेयरमैन राजेंद्रसिंह सोलंकी, माली समाज संस्थान के अध्यक्ष सुनील परिहार, देवीचंद देवड़ा ने विचार रखे। समारोह में सांसद बद्रीराम जाखड़, पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत, ओम राजौरिया, महेश गहलोत, देवीलाल गहलोत, महापौर रामेश्वर दाधीच, पूर्व महापौर डॉ.ओमकुमारी गहलोत भी मौजूद थे।
मूर्ति व छात्रावास का अनावरण किया
मुख्यमंत्री ने रामबाग में स्वर्गीय सोनीदेवी गहलोत की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद देवीलाल गहलोत द्वारा अपनी पत्नी की स्मृति में 51 लाख रुपए की लागत से बनाए गए छात्रावास का लोकार्पण किया।