गुरुवार, 6 अक्तूबर 2011

जैसलमेर , आज की ताजा खबर. ६ अक्टूबर, 2011

स्वर्णनगरी में छाए बंगाली पर्यटक


जैसलमेर। स्वर्णनगरी में इन दिनों बंगाली पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है। शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इन दिनों देशी व बंगाली पर्यटकों की रेलमपेल देखी जा सकती है। स्वर्णनगरी के पर्यटन उद्योग को गति देने में शुरू से ही बंगाली पर्यटकों का योगदान रहा है। प्रति वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली सैलानी स्वर्णनगरी की सैर को आते हैं। विख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक सत्यजीत रे ने बंगाली भाषा में सोनार किला फिल्म बनाई। उसके बाद से ही बंगाली पर्यटकों में त्रिकूट पहाड़ी पर पीले पत्थरों से बने स्वर्ण दुर्ग को देखने की ललक रही।

हर साल उमड़ती है भीड़
स्वर्णनगरी में हर साल हजारों बंगाली सैलानी सोनार किले को देखने सैकड़ों किमी का फासला तय कर यहां पहुंचते हैं। शहर के प्रमुख रेस्टोरेंट, हैण्डीक्राफ्ट की दुकान व रेडीमेड शोरूम पर बंगाली पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है। सम के विख्यात रेतीले टीलों पर भी बंगाली पर्यटक रेगिस्तानी जहाज की सवारी करने पहुंच रहे हैं।

छाई उम्मीद की किरण
कुछ समय तक पर्यटन व्यवसाय में आए सन्नाटे के बाद एक बार पर्यटकों के आगमन से व्यावसायियों के चेहरों पर छाई उदासी दूर हुई है। इन दिनों विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की आवाजाही भी शैक्षणिक भ्रमण के उद्देश्य से शुरू हो गई हैं। एक जैसी गणवेश पहने बालक-बालिकाओं के समूह जब मुख्य बाजार से होकर गुजरते हैं, तो स्वत: ही पता चल जाता है कि यह विद्यार्थियों का दल है।

शहर में बंगाली पर्यटकों के आगमन ने पर्यटन व्यवसाय में फिर से जान फूंक दी है। ऎसे में पर्यटन से जुड़े व्यवसायी अब गुजराती पर्यटकों के आगमन का इंतजार कर रहे हैं। गुजराती पर्यटकों की स्वर्णनगरी में आवाजाही दीपावली के दिनों में शुरू हो जाती है।

कलात्मक सुंदरता अनूठी
स्वर्णनगरी की कलात्मक सुंदरता अनूठी है, वहीं सोनार किला तो लाजवाब है। मैं अपने परिवार के साथ यहां हर साल आता हूं। सम के धोरो पर घूमने का तो आनंद ही अलग है।
शोभित बसु, पर्यटक

स्वर्णनगरी का माहौल बंगाल से अलग नहीं है। भाष्ाा मे कुछ अंतर जरूर है, लेकिन यहां के लोग हमारी भाष्ाा समझ लेते हंै। यहां शॉपिंग का मजा ही अलग है।


-कलावती, पर्यटक


गुलाबी सर्दी ने दी दस्तक
जैसलमेर। जिले में मौसम परिवर्तन का दौर चल रहा है। कभी गर्मी तो कभी हल्की गुलाबी सर्दी के चलते मौसम में बदलाव नजर आने लगा है। तापमान में भी आए दिन बदलाव होने से मौसम परिवर्तन हो रहा है। हालांकि दोपहर के समय गर्मी का असर बरकरार रहा। गत कुछ दिनों से सुबह और शाम के समय हल्की सर्द हवाएं चलने से लोगों को गर्मी से मामूली राहत मिली है। अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह के बाद से ही मौसम में बदलाव दिखाई देने लगा था।

इन दिनों सुबह और शाम के समय गर्मी के तेवर थोड़े ढीले पड़े हैं, लेकिन दोपहर के समय सूरज की तीखी किरणें फिर से गर्मी का अहसास करा देती है। शहर के बाशिन्दों के साथ-साथ स्वर्णनगरी निहारने आने वाले देशी-विदेशी सैलानी भी गर्मी के असर से अछूते नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। दिन में जहां गर्मी पड़ रही है, वहीं रात्रि के समय गुलाबी सर्दी का अहसास होना शुरू हो गया है।

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