जैसलमेर ,कोरोना वारियर्स
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार में जुटे जांबाज़ चिकित्सक
जैसलमेर जहां जैसलमेर शहर में कोरोना अपने पांव पसार च ुका है। जहंा अभी तक की
मेडीकल वार्ड एंव आईसोलेसन वार्ड से लेकर सारी काॅल की जिम्म्म ेवारी जिला
चिकित्सालय के वरिष्ठ विषेषज्ञ औषध - डाॅ. रेंवतराम पंवार के कंधो पर थी। अभी तक
उन्होंन े अपन े काम को बखूबी अंजाम दिया है। जंहा 17 सालों की जंग में वे मेडिसिन
विभाग मे ं हर जगह अकेले ही हर कार्य को सम्भाल रहे है।
अपने आप में काबिल े - तारीफ है। व उनका काम साबित करता है कि प्रत्यक्ष को
प्रमाण की आवष्यकता नहीं होती।
वर्तमान में डाॅ. रेंवतराम पंवार द्वारा दिवसकालीन ड्यूटी में आईसोलसे न वार्ड
,म ेडीकल वार्ड, इमरजेन्सी काॅल एंव पाॅजिटिव कोरोना मरीज के ईलाज को बखूबी
सम्भाला जा रहा है।
कोरोना पाॅजिटिव मरीजो ं के ईलाज म ें ओर भी डाॅ. आगे आये है जिनमें डाॅ. रोहिताष
कुमार गुर्जर, डाॅ. राजकुमार लाखीवाल एंव डाॅ. भवानीषंकर परिहार मुख्य है।
वर्तमान मं डाॅ. रोहिताष कुमार गुर्जर(एम.डी. फिजिषियन) पुत्र रूडाराम ग ्राम े
पोस्ट- झाड़ली तहसील श्रीमाधोपुर, जिला - सीकर के द्वारा 6 घण्टे की दिवसकालीन
ड्यूटी के दौरान पाॅजिटिव मरीजो एंव आईसोलसन वार्ड में भर्ती मरीजो के ईलाज की
जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले रखी है। पाॅजिटिव मरीजो के राउण्ड के दौरान के उनके
ईलाज के अलावा उनको सायॅकोलोजिकल सर्पाेट दके र उनका मनोबल बढा रहे है।
डाॅ. रोहिताष कुमार गुर्जर ने अपनी एमबीबीएस की पढाई एसएमएस मेडिकल
काॅलेज जयपुर से एंव एमडी की पढाई आरएनटी मेडीकल काॅलेज उदयपुर से की है व
बताते है कि उनके पिता खेती का काम करते है और उनके दो सगे भाई डाक्ॅटर है ।
डाॅ. राजकुमार लाखीवाल (एमडी फिजिषियन) पुत्र सुरेष कुमार लाखीवाल
गांव/पोस्ट- मंउ तहसील- श्रीमाधोपुर जिला सीकर के द्वारा 12 घण्टे की रात्रिकालीन
ड्यूटी में आईसोलसन वार्ड , पाॅजिटिव कोरोना मरीजों एंव मेडिसिन संबंधित काॅल भी
इनके द्वारा ली जा रही हैं। डाॅ. राजकुमार लाखीवाल बतात े है कि उन्होंन े अपनी
एमबीबीएस की पढाई ळव्टज् डम्क्प्ब्।स् ब्।स्स्।ळम् ए ज्ञव्ज्। एंव एमडी की पढाई एसपी मेडीकल
काॅलेज बीकानेर से की है।
डाॅ. रोहिताष कुमार एंव डाॅ. राजकुमार लाखीलवाल दोनों एमडी फिजिषियन के
रूप में विषेषतः कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा जैसलमरे में लगाये
गय े हे। यदि य े यहां रूककर अपनी सेवाएं देगें तो शायद कोरोना के आलावा मेडिसिन
क्षेत्र में भी लोगों को ईलाज में फायदा मिल सकेगा। ल ेकिन कोरोना के दौरान मरीजों
को इनकी सेवाओं का लाभ मिलना तय है।
डाॅ. भवानीषंकर परिहार पु़त्र तोगाराम गांव- काठोड़ा पोस्ट- रामा, जैसलमेर
जिले के रहने वाले है। डाॅ. भवानीषंकर परिहार चिकित्सालय में षिषु रोग विषेषज्ञ के
पद पर अपनी सेवाओं से मरीजों को लाभान्वित कर रहे है। लेकिन कोरोना पाॅजिटिव
बच्चों के ईलाज की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले रखी है वे काम के प्रति समर्पण एंव
सक्रियता से कार्य को अंजाम दे रहे हे। कोरोना पाॅजिटिव बच्चो ं के अलावा कोरोना
महामारी के दौरान भी डाॅ. भवानीषंकर परिहार काम मं े पीछे नहीं हटे।
बच्चा वार्ड एंव एफबीएनसी वार्ड में बच्चों के ईलाज एंव काॅल के अलावा संदिग्ध
मरीजों की स्क्रीनिंग में हिस्सा लेना एंव नाॅर्थ बंगाल से आय े 60 बीएसएफ जवानों की
रात ढाई बजे तक स्क्रीनिंग एव मेडिकल चेकअप करने मं े अपनी अमूल्य सेवाएं दी है ।
डाॅ. भवानीषंकर परिहार की धर्मपत्नी डाॅ. समता परिहार एक आय ुष डाॅक्टर जो कोरोना
महामारी के दौरान उनके साथ मरीजों से स्टे सेफ - स्टे होम की अपील कर रही है।
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