सोमवार, 28 जनवरी 2019

झालावाड़ जिले में चल रहे निर्माण कार्यों में लाएं प्रगति- सांसद

झालावाड़  जिले में चल रहे निर्माण कार्यों में लाएं प्रगति- सांसद 


झालावाड़ 28 जनवरी। जिला परिषद् की सामान्य बैठक जिला प्रमुख टीना कुमारी भील की अध्यक्षता में सोमवार को जिला परिषद् के सभागार में आयोजित की गई।
बैठक में झालावाड़-बारां सांसद दुष्यन्त सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा गर्मी के मौसम में आमजन को पेयजल की समस्या नहीं आए इसके लिए जिन क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत है वहां पूर्व में ही तैयारी कर पानी की किल्लत को दूर किया जाए। वृन्दावन, देवरीघटा, खानपुरिया, उण्डल, सिंघानिया सहित अन्य ग्रामों में भी पेयजल की किल्लत रहती है। इन गांवों को शीघ्र पानी की समस्या से निजाद दिलाई जाए।
उन्होंने कहा कि जिन राजकीय विद्यालयों में मरम्मत की आवश्यकता है शिक्षा विभाग द्वारा उनकी सूची तैयार कर सार्वजनिक निर्माण विभाग या अन्य संसाधनों से मरम्मत कार्य सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जो निर्माण कार्य वर्तमान में सार्वजनिक निर्माण विभाग व आरएसआरडीसी द्वारा जिले मंे किए जा रहे हैं उन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जाए।
उन्होंने कहा कि जिले में चल रही गागरीन, राजगढ़, परवन सहित अन्य पेयजल परियोजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए समस्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि जिले में दिसम्बर 2017 से दिसम्बर 2018 भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का कितने लोगों को कितनी राशि का लाभ प्राप्त हुआ है इसकी सूची जनप्रतिनिधियों को दें। उन्होंने कहा कि जहां भी आंगनबाड़ी केन्द्र भवन क्षतिग्रस्त हैं उनकी मरम्मत करवाएं।
उन्होंने बताया कि किसानों की फसल का उचित दाम मिले और जिसं की सुरक्षा मिले उसके लिए कृषि उपज मण्डी व विपणन बोर्ड द्वारा बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जेवीवीएनएल के अधीक्षण अभियन्ता नारायण सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने विद्युत कृषि कनेक्शन के बकाया बिल अभी तक जमा नहीं कराएं हैं उन्हें बिल जमा कराने के लिए फरवरी माह में भी समझाइश की जाएगी। इसके उपरान्त भी अगर कृषक अपना बकाया बिल जमा नहीं कराते हैं तो उनका कृषि विद्युत कनेक्शन काटकर ट्रान्सफार्मर हटा दिया जाएगा।
कृषि विभाग के उप निदेशक अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि कृषक हित में राज्य सरकार द्वारा गेंहू के लिए 1840 रुपए प्रति क्वि., जौ के लिए 1440, चना के लिए 4620, मसूर के लिए 4475 व सरसों के लिए 4200 रुपए प्रति क्वि. न्यूनतम समर्थन मूल्य तय की गई है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष तीन लाख हैक्टेयर भूमि में रबी की फसल बोई गई थी जबकि इस वर्ष 3 लाख 28 हजार हैक्टेयर भूमि में रबी की फसल बोई गई है। इस तरह इस वर्ष 28 हजार हैक्टेयर रकबा बढ़ा है। 
बैठक में जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामजीवन मीणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर रामचरण शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशाराम चौधरी, खानपुर विधायक नरेन्द्र नागर, डग विधायक कालूराम मेघवाल, मनोहरथाना विधायक गोविन्द रानीपुरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं जिला परिषद् सदस्य उपस्थित रहे।
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