गुरुवार, 15 नवंबर 2018

भाजपा गुजरात की तर्ज पर ,एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं,पार्टी का हिंदूवादी चेहरा

भाजपा गुजरात की तर्ज पर ,एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं,पार्टी का हिंदूवादी चेहरा 

७ दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनावो में इस बार भारतीय जनता पार्टी अपना चेहरा बदल जनता के सामने आ रही हे ,\गत वर्ष गुजरात चुनावो की तर्ज पर भाजपा इस बार अपना हिंदूवादी चेहरा उतर रही हे अब तक घोषित १६२ की दो सूचियों में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं देकर अपने इरादे साफ़ क्रर  दिए ,यहाँ तक की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद नंबर दो पर रहे पोवेवरफुल मंत्री यूनुस खान का टिकट भी अभी तक नहीं दिया ,संघ ने इस बार किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं देने का इरादा बना रखा हे ,यूनुस खान पर अपने सरकारी बंगलो से शिव मंदिर हटाने और डीडवाना में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने के आरोप भी थे ,वसुंधरा राजे के लाख चाहने पर यूनुस टिकट नहीं प् सके।

सियासतदारों के बीच चर्चा होने लगी है कि जब पार्टी ने हिंदूवादी छवि के नेता ज्ञानदेव आहूजा और बनवारी लाल सिंघल के टिकट को काट दिया तो यूनुस के टिकट पर मुहर लगना आसान नही है. इस चर्चा को इससे भी बल मिल रहा है कि इस बार भाजपा यूपी के तर्ज पर राजस्थान में भी हिंदुत्व कार्ड खेल खेल रही है. यही वजह है कि पार्टी ने पहली सूची में नागौर से दो बार विधायक रहे हबीबुर्रहमान का भी टिकट काट दिया था. आपको बता दें कि भाजपा की 131 प्रतियाशियों की पहली सूची में नाम नहीं आने से यूनुस खान और उनके समर्थकों को झटका लगा था. इसके बाद उनके विधानसभा क्षेत्र डीडवाना के युवाओं ने सोशल मीडिया पर खान के समर्थन में अभियान शुरू किया. उनके कई समर्थकों ने जयपुर जाकर पार्टी आलाकमान से खान को टिकट देने के लिए दबाव बनाया. हालांकि, टिकट नहीं मिलने के सवाल पर खुद खान कह चुके हैं कि पार्टी का जो भी फैसला होगा. वह उन्हें मंजूर है.

खींवसर से भी नहीं उतारा कोई प्रत्याशी
इधर, नवनिर्मित राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल की परंपरागत सीट खींवसर से भी भाजपा अपना चेहरा इस सूची में भी तय नहीं कर पाई है. यहां से हनुमान बेनीवाल की भतीजी डॉ. अनिता बेनीवाल टिकट की मांग कर रही हैं. उनके अलावा भाजपा शहर इकाई जिलाध्यक्ष रामचंद्र उत्ता और भगीरथ मेहरिया भी मजबूत दावेदार हैं.

पार्टी फूंक-फूंक कर रख रही कदम
जानकारी के मुताबिक मार्बल नगरी मकराना कि सीट पर वर्तमान विधायक श्रीराम भींचर और पूर्व विधायक रूपाराम मुरावतिया टिकट के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं. उनके अलावा आधा दर्जन अन्य दावेदार भी हैं. जिनमें महिला भी शामिल है. ऐसे में यहां से किसी एक को टिकट देने से पहले पार्टी बाद में होने वाली बगावत पर अंकुश लगाने की रणनीति पर भी विचार कर रही है. पहली सूची में सात सीट से प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा को अधिकांश सीटों पर बगावत झेलनी पड़ी है. इसलिए बाकी बची तीन सीटों पर पार्टी फूंक फूंक कर कदम रखने की रणनीति अपना रही है. पहली सूची के बाद नागौर, जायल, लाडनूं, मेड़ता और नावां में पार्टी को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.




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