*बाड़मेर के पर्यटन की प्राथमिकता मीटिंगों तक सीमित,कोई प्रयास नही पर्यटको को जोड़ने की*
*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*
*आज विश्व पर्यटन दिवस है। पर्यटन को लेकर बाड़मेर में काफी संभावनाएं है।मगर इन संभावनाओं को फलीभूत करने का प्रयास किसी ने नही किया।।जिला प्रशासन के पर्यटन विकास के प्रयास बैठकों तक सीमित होते है। पर्यटन समितियों में विषय विशेग्यो को सदस्य बनाने की बजाय टूरिज्म की ए बी सी डी नही जानने वाले या होटल व्यवसायी है जो अपने स्वार्थ से ऊपर नही उठते। बाड़मेर में सबसे आकर्षक किराडू के प्राचीन मंदिर है तो जूना का किला भी है,जेसलमेर की तर्ज पर बना कोटड़ा किला,देवका का सूर्य मंदिर,सिवाना का गढ़,पिपळून की ऐतिहासिक पहाड़िया जंहा कभी अकबर रहा ।अकबर के पोते की सुरक्षा वीर दुर्गादास ने की क्योंकि वो शरणागत था। बाड़मेर के रेतीले टीले महाबार ,रोहिडी, चोहटन देखने लायक है।।खासकर रोहिडी के स्वर्णिम ऊंचे लहरदार टीले सम और खुहड़ी से लाख दर्जे आकर्षक है।रोहिडी सरहद पर है ।फिर भी इसे टूरिज्म से जोड़ा जाए तो हज़ारो देशी विदेशी पर्यटक आकर्षित हो सकते है।।बाड़मेर का हस्तशिल विश्व मे परचम फहरा रहा है मगर हस्तशिल्प और हस्तशिल्पियों के विकास के कोई सार्थक प्रयास आज तक नही हुए ।।उल्टे दलाल संस्थाए उनके आर्थिक शोषण में और अधिक सक्रिय हो गई।।बाड़मेर के हस्तशिलप के नाम करोड़ो का बजट आता है मगर हस्तशिल्पियों को आज भी शोषण के अलावा कुछ नही मिला।बाड़मेर की लोक कला संस्कृति राजस्थान की सबसे समृद्ध है।।इसके सरंक्षण के प्रयास नही हुए।।बाड़मेर की जीवन शैली बहुत आकर्षक है जो टूरिज्म बढ़ाने के लिए मास्टर स्ट्रोक है।।यहां का पहनावा आकर्षक है। यहां के लोक गीत और गायकों का कोई सानी नही मगर मांगणियार कम्युनिटी के विकास की तो दूर की बात उन्हें सम्मान के लायक कभी प्रशासन ने नही समझा। बाड़मेर जिले का डांडिया गैर नृत्य,आंगी बंगी। गैर नृत्य विश्व का सबसे आकर्षक नृत्य है इतना ही लोक प्रिय मगर इनका भी कोई धनी धोरी नही।यह नृत्य कला भी लुप्त होने के कगार पे है। बाड़मेर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए थार महोत्सव शुरू हुआ था,जिसको दलाल ले डूबे।।होटल व्यवसायियों ने इस आयोजन के मूल स्वरूप से छेड़छड़ कर इसे खत्म ही कर दिय।।पिछले कई सालों से इसका आयोजन नही हो रहा। रेडाणा के रण को टूरिज्म से जुड़ने और इसके लोकप्रिय होने की अपार संभावनाएं है।।बाड़मेर टूरिज्म में अपना परचम लहरा सकता है मगर कोई सार्थक प्रयास नही करता।।
*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*
*आज विश्व पर्यटन दिवस है। पर्यटन को लेकर बाड़मेर में काफी संभावनाएं है।मगर इन संभावनाओं को फलीभूत करने का प्रयास किसी ने नही किया।।जिला प्रशासन के पर्यटन विकास के प्रयास बैठकों तक सीमित होते है। पर्यटन समितियों में विषय विशेग्यो को सदस्य बनाने की बजाय टूरिज्म की ए बी सी डी नही जानने वाले या होटल व्यवसायी है जो अपने स्वार्थ से ऊपर नही उठते। बाड़मेर में सबसे आकर्षक किराडू के प्राचीन मंदिर है तो जूना का किला भी है,जेसलमेर की तर्ज पर बना कोटड़ा किला,देवका का सूर्य मंदिर,सिवाना का गढ़,पिपळून की ऐतिहासिक पहाड़िया जंहा कभी अकबर रहा ।अकबर के पोते की सुरक्षा वीर दुर्गादास ने की क्योंकि वो शरणागत था। बाड़मेर के रेतीले टीले महाबार ,रोहिडी, चोहटन देखने लायक है।।खासकर रोहिडी के स्वर्णिम ऊंचे लहरदार टीले सम और खुहड़ी से लाख दर्जे आकर्षक है।रोहिडी सरहद पर है ।फिर भी इसे टूरिज्म से जोड़ा जाए तो हज़ारो देशी विदेशी पर्यटक आकर्षित हो सकते है।।बाड़मेर का हस्तशिल विश्व मे परचम फहरा रहा है मगर हस्तशिल्प और हस्तशिल्पियों के विकास के कोई सार्थक प्रयास आज तक नही हुए ।।उल्टे दलाल संस्थाए उनके आर्थिक शोषण में और अधिक सक्रिय हो गई।।बाड़मेर के हस्तशिलप के नाम करोड़ो का बजट आता है मगर हस्तशिल्पियों को आज भी शोषण के अलावा कुछ नही मिला।बाड़मेर की लोक कला संस्कृति राजस्थान की सबसे समृद्ध है।।इसके सरंक्षण के प्रयास नही हुए।।बाड़मेर की जीवन शैली बहुत आकर्षक है जो टूरिज्म बढ़ाने के लिए मास्टर स्ट्रोक है।।यहां का पहनावा आकर्षक है। यहां के लोक गीत और गायकों का कोई सानी नही मगर मांगणियार कम्युनिटी के विकास की तो दूर की बात उन्हें सम्मान के लायक कभी प्रशासन ने नही समझा। बाड़मेर जिले का डांडिया गैर नृत्य,आंगी बंगी। गैर नृत्य विश्व का सबसे आकर्षक नृत्य है इतना ही लोक प्रिय मगर इनका भी कोई धनी धोरी नही।यह नृत्य कला भी लुप्त होने के कगार पे है। बाड़मेर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए थार महोत्सव शुरू हुआ था,जिसको दलाल ले डूबे।।होटल व्यवसायियों ने इस आयोजन के मूल स्वरूप से छेड़छड़ कर इसे खत्म ही कर दिय।।पिछले कई सालों से इसका आयोजन नही हो रहा। रेडाणा के रण को टूरिज्म से जुड़ने और इसके लोकप्रिय होने की अपार संभावनाएं है।।बाड़मेर टूरिज्म में अपना परचम लहरा सकता है मगर कोई सार्थक प्रयास नही करता।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें