बाड़मेर सिटी सेंटर की आगजनी में सदर थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी और युवा हेमन्तलीलड ने दिखाया साहस
बाड़मेर
बाड़मेर के सबसे बड़े व्यवसायिक और आवासीय प्रतिष्ठान सिटी सेंटर की आगजनी में सदर थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी और महावीर नगर के स्थानीय युवा हेमन्त लीलड के चलते कई लोगो की जान बच पाई। आगजनी की जानकारी मिलने पर सबसे पहले मौके पर पँहुचे चौधरी ने दुकानो को खाली करने की हिदायत दी ऐसे में सिटी सेंटर के पास रहने वाले हेमन्त लीलड ने उन्हें सिटी सेंटर में कई लोगो के आवास चौथी और पांचवी मंजिल पर होने की जानकारी दी। ऐसे में चौधरी हेमन्त लीलड के साथ सिटी सेंटर के आवासीय फ्लैट पँहुचे और खतरे से अंजान परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह अकेले दोनो धुंए के गुब्बार के बीच ऊपर की सभी जगहों और फ्लैटों में जाकर 50 से ज्यादा लोगो को सुरक्षित नीचे लाये। सदर थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी के जज़्बे और महावीर नगर के युवा हेमन्त लीलड की सूझबूझ को सलाम है। अगर वक्त पर यह दोनों सिटी सेंटर नही पँहुचे होते तो घटना भयावह जनहानि में बदल सकती थी।
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बाड़मेर के सबसे बड़े व्यवसायिक और आवासीय प्रतिष्ठान सिटी सेंटर की आगजनी में सदर थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी और महावीर नगर के स्थानीय युवा हेमन्त लीलड के चलते कई लोगो की जान बच पाई। आगजनी की जानकारी मिलने पर सबसे पहले मौके पर पँहुचे चौधरी ने दुकानो को खाली करने की हिदायत दी ऐसे में सिटी सेंटर के पास रहने वाले हेमन्त लीलड ने उन्हें सिटी सेंटर में कई लोगो के आवास चौथी और पांचवी मंजिल पर होने की जानकारी दी। ऐसे में चौधरी हेमन्त लीलड के साथ सिटी सेंटर के आवासीय फ्लैट पँहुचे और खतरे से अंजान परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह अकेले दोनो धुंए के गुब्बार के बीच ऊपर की सभी जगहों और फ्लैटों में जाकर 50 से ज्यादा लोगो को सुरक्षित नीचे लाये। सदर थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी के जज़्बे और महावीर नगर के युवा हेमन्त लीलड की सूझबूझ को सलाम है। अगर वक्त पर यह दोनों सिटी सेंटर नही पँहुचे होते तो घटना भयावह जनहानि में बदल सकती थी।
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