शनिवार, 6 जनवरी 2018

बाड़मेर । सुर ताल की "माटीबानी" ने बढ़ाई मायड़ की महक

बाड़मेर । सुर ताल की "माटीबानी" ने बढ़ाई मायड़ की महक 


बाड़मेर । माटी बानी , अपने आप में वह नाम जिसने सही मायने में माटी की पारम्परिक लोकगायन और लोक संगीत को परम्परा की रेसेपी के साथ आधुनिकता का तड़का देकर जिन्दा करने का काम किया है। देश के अलग अलग हिस्से के जमीं जुड़े फनकारों को अपने नए अंदाज में प्रस्तुत करने में निराली कार्तिक और कार्तिक शाह का जग में कोई सानी नहीं है। यह दोनों इन दिनों अपने नए तराने के साथ धूम मचा रहे है। 
यह तराना है राजस्थानी "रुमाल", इस तराने की ख़ास बात यह है कि इसको न केवल बाड़मेर में फिल्माया गया है बल्कि गाने को रिकॉर्ड भी बाड़मेर में किया गया है। बाड़मेर के भुट्टा खान के साथ अपने सुरो को साझा करने वाले निराली शाह के लिए बाड़मेर में गीत को रिकॉर्ड करना और बाड़मेर में गाने को शूट करना जहां पहला अनुभव है वही गाने को रिलीज करने के बाद अब तक उसे एक लाख के करीब दर्शक मिल चुके है। प्रियंक नंदवाना और अमित सोमवंशी द्वारा बखूबी शूट किया गया गाना बाड़मेर के साँचल फोर्ट होटल में फिल्माया गया है। बाड़मेर के मायड़ संगीत को मेट्रो के संगीत का साथ लोगो को खूब रास आ रहा है वही निराली शाह और कार्तिक शाह का माटी की बात को आगे करने का जज्बा एक बार फिर लोगो के सर चढ़कर बोल रहा है। राजस्थान के परम्परागत गीत रुमाल को अपने अंदाज में पेश करके निराली शाह ने जहाँ गाने को एक बार फिर लोगो की जुबा पर ला दिया है व्ही बाड़मेर के स्थानीय गायक भुट्टा खान ने भी गाने में उनका बखूबी साथ दिया है। रुमाल के रिलीज के बाद माटी बानी ने एक बार फिर साबित कर दिया है की उनके जैसे फनकार विरले ही होते है। 




कबीर यात्रा के दौरान बाड़मेर आये थे निराली और कार्तिक
बीते दिनों बाड़मेर में आयोजित पांच दिवसीय कबीर यात्रा में निराली कार्तिक और कार्तिक शाह बाड़मेर आये थे। निराली शाह और कार्तिक शाह ने जहां अपनी दमदार प्रस्तुतिया देकर हजारो लोगो का मन मोह लिया वही दूसरी तरफ अपने काम और अपने हुनर का भी डंका बजवाया था। कच्छ के मोरा लाला से लेकर मरुधरा के स्वरूप खान तक के साथ अपने सुर मिला चुके माटी बानी ग्रुप का अंदाज मेट्रो के साथ साथ मायड़ में भी पसंद किया जाता है। अपने चिरपरिचित अंदाज में अपने तरानो से लोगो का दिल जितने वाली माटी बानी के मुताबित आज आधुनिकता की तेज दौड़ से जहां बहुत कुछ हमसे छीन लिया है तो बहुत कुछ हमे दिया भी है। कल तक ऑडियो कैसेट और सीडी के जरिये आवाज और संगीत कम लोगो तक ही सिमित था वही आज यूट्यूब सरीखे प्लेटफॉर्म के जरिए यह संगीत और गीत करोड़ो लोगो तक पहुंच रहा है।निराली कार्तिक और कार्तिक शाह के मुताबित आज का जमाना हालाँकि रॉक और पॉप का है लेकिन परम्परागत संगीत को पसंद करने वालो की भी कही कमी नहीं है।युवाओ का परम्परागत भारतीय और स्थानीय संगीत के प्रति बढ़ावा देने के सवाल पर निराली कार्तिक और कार्तिक शाह का कहना है कि यकीनी तौर पर युवाओ को आगे आने होगा। निराली कार्तिक और कार्तिक शाह के मुताबित एक तरफ हमे आधुनिकता का साथ देना अपनी परम्परा को कभी नहीं भूलना होगा।निराली कार्तिक और कार्तिक शाह ने बाड़मेर के लोगो से मिले प्यार और अपनेपन को अतुल्य बताया वही कबीरयात्रा सरीखी पहल को आज की आवश्यकता बताया।कबीर यात्रा के दौरान ही फिल्माया गया और गया गया गण रुमाल इन दिनों धूम मचा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें