रविवार, 17 दिसंबर 2017

सिरोही दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश, भतीजा निकला हत्यारा*



सिरोही दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश, भतीजा निकला हत्यारा*



जयपुर 17 दिसंबर । 11 दिसंबर को सोनु पुत्र श्री लालाराम भील (25) निवासी भील कोलोनी देलवाडा आबपूर्वत ने बमुकाम राजकीय अस्पताल आबूपर्वत में एक लिखित रिपोर्ट इस आशय की पेश कि मेरे काका कस्तुरजी एवं उनका पुत्र जगदीश उम्र 30 वर्ष है जो दोनो साथ साथ देलवाडा में रहतें है मेरे काका कस्तुरजी की उम्र लगभग 60 वर्ष होगी एवं उनका लडका जगदीश अविवाहीत है। दोनो शराब पीने के आदि थे। आज हमें सूचना मिली कि मेरे काका व उनके लडके की मृत्यु हो गयी है। हमे किसी पर मृत्यु बाबत कोई शक शुबा नही है। वगैराह रिपेर्ट पर मर्ग दर्ज कर जॉच शुरू की गई।

दौराने जाँच मृतक कस्तूरजी व जगदीश की लाश के फर्द सूरत हाल व पंचानामा मूर्तिब कर हर दोनो मृतको का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर लाश अंतिम क्रियाक्रम हेतु वारिसान को सुपुर्द की गई। घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। मेडिकल बॉर्ड द्वारा दोनो मृतको की पीएम रिपोर्ट प्राप्त होने पर अवलोकन किया गया तो मेडीकल बोर्ड द्वारा मृतक श्री कस्तुरजी पुत्र श्री जोगाजी व जगदीश पुत्र श्री कस्तुरजी जातियान भील निवासीयान भील बस्ती देलवाडा पुलिस थाना आबूपर्वत की पीएमआर में मृत्यु का कारण गला घोटे जाने के कारण दम घुटने से मृत्यु होना अंकित किया है। रिपोर्ट व मृतको की पीएम रिपोर्ट से मामला जुर्म धारा 302 भादंस. का घटित होना पाये जाने से प्रकरण संख्या 94/2017 धारा 302 भादसं मे दर्ज कर अुनसंधान शुरू किया गया।

दौराने अनुसंधान के घटनास्थल का निरीक्षण पुलिस अधीक्षक सिरोही श्री ओमप्रकाश व वृताधिकारी आबूपर्वत श्री विजयपाल सिंह द्वारा किया जाकर आवश्यक दिशानिर्देश प्रदान किये। जिस पर थानाधिकारी आबूपर्वत श्री भूपेन्द्रसिह के नेतृत्व में एक विशेष गठित टीम द्वारा पडौसी गवाहान से अनुसंधान कर मृतको की आम शोहरत प्राप्त की तो ज्ञात हुआ कि मृतक कस्तूरजी व जगदीश दोनो ही शराब पीने के आदि थे तथा शराब पीकर आपस मे ही झगड़ते थे जिनका पडौसीयों के साथ कोई अच्छा व्यावहार नही था मृतको की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट हुआ कि दोनो पिता पुत्र की हत्या एक साथ नही होकर एक दो दिन के अन्तर मे हुई है। पहले हत्या जगदीश की हुई है तथा बाद मे हत्या कस्तूरजी की हुई है। दोनो मृतको की कॉलोनी मे या आसपास मे किसी से पुरानी रंजिश या झगड़ा नही होना सामने आया है, मात्र मृतक कस्तूरजी का कब्जाशुदा प्लॉट देलवाड़ा भील बस्ती मे आया हुआ है जो मृतक द्वारा मुकेश उर्फ रिंकु को वर्ष 2013 मे बेचना सामने आया है। घटना से करीब 15-20 दिन पहले मुस्तगीस सोनू व उसकी मॉ उक्त प्लॉट पर सफाई करने गये तो मुकेश उर्फ रिंकु द्वारा उक्त प्लॉट खरीदना बताया जिस पर मुकेश उर्फ रिंकु व सोनू के बोलचाल हो गई थी इसके अलावा मृतकों को अंतिम बार भी सोनू उर्फ नरेन्द्र कुमार के साथ ही देखा गया है जिस पर शक की सारी घड़ीयां मुस्तगीस सोनू उर्फ नरेन्द्र कुमार की तरफ जाने से सोनू उर्फ नरेन्द्र को तलब कर मनोवैज्ञानिक तरीके से पुछताछ की गई तो सोनू उर्फ नरेन्द्र ने अपने काका कस्तूरजी व काकाई भाई जगदीश की हत्या अलग अलग दिन गला दबाकर करना कबूल किया है। सोनू उर्फ नरेन्द्र ने उक्त दोनो की हत्या मृतको द्वारा अपना प्लॉट बिना पुछे बेचे जाने की रंजिशवंश की है। तथा आरोपी की नजर मृतको की पुस्तैनी जमीन गांव पुर तहसील सांचौर जिला जालौर पर भी थी प्रकरण मे मुल्जिम सोनू उर्फ नरेन्द्र को आज रविवार को गिरफ्तार किया जाकर अनुसंधान के क्रम में पुछताछ जारी है।

मुस्तगिस मृतक के भतीजे ने किसी अन्य व्यक्ति को फंसानें के लिए सामाजिक आन्दोलन करने व शव का अन्तिम संस्कार नही करने की धमकी भी देता रहा, तथा पुलिस पर लिपापोती का आरोप लगाता रहा ताकि पुलिस को सही दिशा न मिले व प्रकरण में सफलता नही मिले।

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