साहित्य अकादमी पुरस्कार 2017: हिंदी में रमेश कुंतल मेघ और उर्दू में बेग एहसास को मिलेगा अवॉर्ड
नई दिल्ली: विविधता भरे भारत के बहुल भाषी साहित्य को राष्ट्रीय चेहरा प्रदान करने वाली संस्था साहित्य अकादमी ने आज हिंदी में रमेश कुंतल मेघ की ‘विश्वमिथकसरित्सागर’ और उर्दू के बेग एहसास की ‘दख़मा’ सहित 24 भाषाओं की कृतियों को पुरस्कार के लिए चुना. साहित्य अकादमी के सचिव डॉक्टर के श्रीनिवास राव ने 24 भाषाओं में साहित्य अकादमी और वार्षिक अनुवाद पुरस्कारों की घोषणा की.
राव ने बताया, ‘‘साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आज हुई अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में पुरस्कारों के लिए इन नामों का अनुमोदन किया गया.’’ उन्होंने कहा कि इन सभी रचनाओं का चयन अकादमी के नियमानुसार गठित संबंधित भाषाओं की तीन सदस्यीय निर्णायक समितियों की संस्तुतियों के आधार पर किया गया है.
इस साल रमेश कुंतल मेघ की ‘विश्वमिथकसरित्सागर’ को हिंदी का साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया है. उनकी इस पुस्तक में वास्तुशास्त्र, समाजशास्त्र, सौन्दर्यबोधशास्त्र, समाजविज्ञानों के हाशियों पर भी मिथकों के नाना ‘पाठरूपों’ (भरतपाठ से लेकर उत्तर-आधुनिक पाठ) और‘सामाजिक पंचांगों’ के बारे में चर्चा की गई है. इसमें विश्व के लगभग 35 देशों की मिथक-गाथा, विश्व धरोहर की 9 संस्कृतियों की मिथक-चित्र-आलेखकारी, विश्व के मिथक-भौगोलिक मानचित्रों का लेखा-जोखा और दुर्लभ चित्रफलकों की कूची से उकेरती विश्वमिथक गाथाओं को शामिल किया गया है.
उर्दू में यह पुरस्कार बेग एहसास के कहानी संग्रह ‘दख़मा’ को प्रदान किया गया है. चौबीस भाषाओं में दिए जाने वाले इन पुरस्कारों में सात उपन्यास, पांच काव्य संग्रह, पांच कहानी संग्रह, पांच समालोचना, एक नाटक और एक निबंध को पुरस्कृत किया गया है. अंग्रेजी भाषा में यह पुरस्कार ममंग दई के उपन्याय ‘द ब्लैक हिल’, असमिया में जयंत माधव बरा के उपन्यास ‘मरियाहोला’, बांग्ला में आफसार आमेद के उपन्यास ‘सेइ निथोंज मानुषटा’ और तमिल में इंकलाब की कविता ‘कानधल नाटकल’ को प्रदान किया गया.
इसके अलावा बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, संथाली, सिंधी एवं तेलुगू भाषा में भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
राव ने इसी के साथ वार्षिक अनुवाद पुरस्कारों की भी घोषणा की. इसके तहत बांग्ला में लिखी शंभु मित्र की ‘अभिनय नाटक मंच’ के इसी नाम से किए गए हिंदी अनुवाद के लिए प्रतिभा अग्रवाल को पुरस्कृत किया गया. वहीं महाकवि कालिदास की संस्कृत में रचित ‘मेघदूत’ के उर्दू तर्जुमा ‘कालिदास की अजीम शायरी-मेघदूत (खंड-1)’ के लिए महमूद अहमद सहर को यह पुरस्कार दिया गया.
अनुवाद श्रेणी में भी अन्य सभी भाषाओं में पुरस्कार की घोषणा की गई. साहित्य अकादमी पुरस्कारों का वितरण अगले साल 12 फरवरी को वार्षिक साहित्योत्सव के दौरान किया जाएगा, जबकि अनुवाद पुरस्कारों को अगले साल जुलाई-अगस्त में प्रदान किया जाएगा.
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