रविवार, 26 नवंबर 2017

सर्दी में भगवान ने भी ओढ़ी रजाई, भोग में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू

सर्दी में भगवान ने भी ओढ़ी रजाई, भोग में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू
सर्दी में भगवान ने भी ओढ़ी रजाई, भोग में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू

जयपुर।सर्दी के जोर पकड़ते ही ठाकुरजी को सर्दी से बचाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। राजधानी जयपुर सहित राजस्थान में खासकर वैष्णव मंदिरों गोविंद देवजी, राधा-दामोदरजी, सरस निकुंज, लक्ष्मीनारायण बाईजी, आनंदकृष्ण बिहारीजी, लाडलीजी सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी का पहनावा, दिनचर्या और भोग भी बदल दिया गया है। जानिए और इस बारे में ..गहरे रंग की गर्म पोशाक पहनाने के साथ ही कंबल, रजाई ओढ़ाई जा रही है। वहीं हल्के वस्त्र की बजाय ठाकुरजी ने अब गहरे रंग के ऊनी वस्त्र धारण कर लिए हैं। सर्दी से ठाकुरजी को बचाने के लिए गर्भगृह में हीटर अंगीठी भी जलाई जा रही हैं। भोग में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू परोसे जा रहे हैं।

- वर्तमान में गहरे रंग काला, नीला, लाल रंग के वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। रात को रजाई ओढ़ाई जा रही है ताकि ठाकुरजी को सर्दी ना लग जाए। ठाकुरजी बसंत पंचमी तक इसी तरह के वस्त्र धारण करेंगे।

- मुख्य तौर पर घी, दूध के साथ ही सोंठ, गोंद मेवा आदि से बने गर्म खाद्य वस्तुओं का भोग लगाया जा रहा है। बाल भोग राजभोग में भी भगवान को गर्म व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है।

शाम को सो जाते हैं ठाकुर जी

- इसी तरह दिनचर्या भी बदल गई है। ठाकुरजी शाम को 6:30 बजे बाद सो जाते हैं। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं के घर में होने वाली ठाकुरजी की पूजा में भी लागू हो गई है।

इन मंदिरों की सेवा में भी परिवर्तन

- जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी को गर्म पोशाक धारण कराई गई है। गर्भगृह में हीटर जलाया गया है। पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में भी ठाकुरजी की सेवा बदल गई है। चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण बिहारी, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदरजी, रामगंज स्थित लाडलीजी, पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी सहित विभिन्न मंदिरों में ठाकुरजी को शाम होने से पहले ही गर्म शॉल और रात को रजाई ओढ़ाई जाती है। जैसे-जैसे सर्दी पड़ेगी, वैसे-वैसे ठाकुरजी के गर्भगृह में अंगीठी अथवा हीटर जलाकर गर्मी की जाएगी।

झुंझुनूं में भी बदला आरती का समय

- नवंबर के आखिरी दिनों में सर्दी का असर बढ़ने लगा है। पिछले नौ दिन में न्यूनतम पारा 6.3 डिग्री गिर चुका है। बिसाऊ के गोविंददेव मंदिर में राधा-कृष्ण को शॉल ओढ़ाई गई। झुंझुनूं के राणी सती मंदिर में सुबह की आरती सुबह 6.30 की बजाय सुबह 7 बजे होगी। शाम की आरती 5 बजे की बजाय 4.45 बजे तथा रात की आरती 10.45 की बजाय 9.45 बजे होगी। बिहारीजी मंदिर में मंगला आरती सुबह 5.30 और शाम को 6 बजे होगी। कल्याणजी के मंदिर में सुबह 6.15 बजे की बजाय 6.30 बजे होगी।

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