धनतेरस आज, यम व कुबेर की की जाएगी पूजा
कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। इस बार धनतेरस या धनवंतरी जयंती मंगलवार यानि 17 अक्टूबर को है। दीपावली महोत्सव का पहला दिन कार्तिक मास कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को आयुर्वेद के प्रवर्तक महर्षि धनवंतरी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक रत्न हैं।
धन त्रयोदशी के इस दिन धन के देवता कुबेर और मृत्यु देवता यमराज की पूजा का विशेष महत्व है। इसी दिन देवताओं के वैद्य धनवंतरी ऋषि अमृत कलश सहित सागर मंथन से प्रकट हुए थे। अत: इस दिन धनवंतरी जयंती मनायी जाती है। निरोग रहने के लिए उनका पूजन किया जाता है। उनकी जयंती धनवंतरी त्रयोदशी का संक्षिप्त ¨हदी अपभ्रंश धनतेरस पर्व लोक में नये बर्तन वस्त्राभूषणादि की खरीद फरोख्त के लिए विशेष रूप से शुभ एवं फलदायी माना जाता है।
धन संपति की प्राप्ति के लिए कुबेर देवता के लिए घर के पूजा स्थल पर दीप दान एवं मृत्यु देवता यमराज के लिए मुख्य द्वार पर दीप दान किया जाता है। आज के दिन घर के द्वार पर एक दीपक जलाकर रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन धन, चल या अचल संपत्ति खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। धन तेरस के दिन ग्रामीण धनिये के बीज भी खरीदते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को वे अपने खेतों में बो देते हैं। देश के कुछ ग्रामीण इलाकों में इस दिन लोग अपने पशुओं की पूजा करते हैं।
पौराणिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी को विष्णु जी का श्राप था कि उन्हें 13 वर्षों तक किसान के घर में रहना होगा। श्राप के दौरान किसान का घर धनसंपदा से भर गया। श्रापमुक्ति के उपरांत जब विष्णुजी लक्ष्मी को लेने आए तब किसान ने उन्हें रोकना चाहा। लक्ष्मीजी ने कहा, कल त्रयोदशी है तुम साफ-सफाई करना, दीप जलाना और मेरा आह्वान करना। किसान ने ऐसा ही किया और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की। तभी से लक्ष्मी पूजन की प्रथा का प्रचलन आरंभ हुआ।
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी परंपरा है। चांदी को चंद्रमा का प्रतीक मानते हैं जो शीतलता प्रदान करती है, जिससे मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। चांदी कुबेर की धातु है। इस दिन चांदी खरीदने से घर में यश, कीर्ति, ऐश्वर्य और संपदा में वृद्धि होती है। धनवंतरी चिकित्सा के भी देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए भी धनतेरस का विशेष महत्व है। आयुर्वेद चिकित्सक अपने चिकित्सालय पर धनतेरस के दिन धनवंतरी देवी की विशेष पूजा का आयोजन करते हैं।
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