बुधवार, 4 अक्तूबर 2017

शहडोल*जेल में 7 महीने से बन्द अविवाहित युवती प्रेग्नेंट कैसे हुई*



शहडोल*जेल में 7 महीने से बन्द अविवाहित युवती प्रेग्नेंट कैसे हुई*



*शहडोल- गांजा तस्करी के आरोप में जिला जेल में बंद एक अविवाहिता युवती गर्भवती हो गई। युवती पिछले सात माह से जेल के भीतर थी और गर्भवती हो चुकी थी लेकिन जेल प्रबंधन को भनक नहीं लगी। अचानक हालत बिगडऩे पर युवती को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर युवती ने एक नवजात को जन्म दिया, जिसमें कुछ ही समय बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस पूरे घटना में जेल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है*
जेल प्रबंधन ने मामले को दबाने के लिए आनन फानन में नवजात की मौत के बाद तत्काल पीएम कराते हुए दफना दिया। जानकारी के अनुसार फरवरी माह में गांजा तस्करी के मामले में यातायात और सोहागपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो महिलाओं को पकड़ा था। छत्तीसगढ़ के सेहरापानी निवासी युवती फरवरी से जिला जेल में बंद थी। इसी दौरान युवती गर्भवती हो गई थी। जेल प्रबंधन की मानें तो युवती ने कोई सूचना भी नहीं दी थी। २५ फरवरी को अचानक युवती की हालत बिगड़ी और पेट में काफी दर्द हो रहा था। जिसके बाद जेल प्रबंधन ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।जहां पर युवती ने सात माह के अविकसित नवजात को जन्म दिया। कुछ दिन बाद नवजात की मौत हो गई। गौरतलब है कि ओडि़शा से शहडोल के रास्ते से गांजा की खेप उप्र ले जाई जा रही थी। इसमें दोनों महिलाओं की आड़ में तस्करी कराई जा रही थी तभी यातायात पुलिस ने पकड़ा था। नवजात की मौत के बाद दो सदस्यीय डॉक्टर्स की टीम पीएम के लिए बनाई गई थी। डॉक्टर्स की जांच रिपोर्ट के अनुसार न्यूट्रीशियन और बेहतर खानपान के अभाव में नवजात की मौत हुई है। उधर इस मामले में जेल अधीक्षक जीएल नेटी जानकारी देने से कतराते रहे। बाद में कहा कि मैं बाहर हूं, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। शहडोल आकर रजिस्ट्रेशन देखने के बाद जानकारी दे पाऊंगा।




8 माह से गर्भवती, जेल प्रबंधन को नहीं इसकी भनक

डॉक्टरों की टीम के अनुसार नवजात लगभग 30 से 32 हफ्ते का था। युवती पिछले सात माह से जेल में थी लेकिन जेल प्रबंधन अंजान बना रहा। जेल प्रबंधन ने दलील दी है कि युवती के बयान के अनुसार उसकी सगाई हो चुकी थी और लिव इन में रह चुकी थी। जेल में आने के पहले ही युवती गर्भवती हो चुकी थी। हालांकि मामले ने जेल प्रबंधन को कई सवालों में घेर दिया है।




इन सवालों के घेरे में जेल प्रबंधन

- युवती गर्भवती थी तो सात माह तक प्रबंधन ने इलाज क्यों नहीं कराया?

- बंदी का चेकअप होता है तो इसकी जानकारी क्यों नहीं थी?

- रिपोर्ट में बच्चा डेढ़ किलो का मिला है, बेहतर व्यवस्था क्यों नहीं थी?

- मामले को अब तक जेल प्रबंधन ने छिपाने का प्रयास क्यों किया?




युवती पहले से थी प्रेग्नेंट

जिला शहडोल के सहायक जेलर अरविंद खरे ने कहा कि युवती के बयान के अनुसार सगाई पहले हो चुकी थी और गर्भवती थी। युवती फरवरी में जेल में आई थी तभी गर्भवती हुई थी। हमने चार बार युवती को अस्पताल भेजा था लेकिन ऐसी कोई बात सामने नहीं आई थी। जेल में लापरवाही नहीं बरती गई है।

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