सोमवार, 11 सितंबर 2017

बाड़मेर,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करेंगे ‘‘ब्लू व्हेल चौलेन्ज गेम’’ के खतरों के प्रति जागरूक



बाड़मेर,अवधिपार ऋण जमा कराने की योजना की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाई
बाड़मेर, 11 सितंबर। केन्द्रीय सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों के ओवर ड्यू हुए ऋण को जमा कराने की तिथि 31 दिसंबर, 2017 तक बढ़ा दी गई है।

सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि इस योजना से ऐसे ऋणियों एवं किसानों को फायदा होगा, जो किन्हीं कारणों से अपने ऋणों का समय पर नहीं चुका पाए थे। ऐसे किसानों के लिए एक मुश्त समझौता योजना लागू की थी और यह योजना 30 जून तक लागू थी। अब ऐसे किसान जो 31 दिसम्बर तक ऋण का चुकारा करेंगे उन्हें दो से 9 प्रतिशत तक ब्याज दर में फायदा मिलेगा। सहकारिता मंत्री ने बताया कि 30 जून के बाद ऐसे ऋणी जो अपने अवधिपार ऋण जमा करा चुके हैं तथा योजना के दायरे में आते हैं, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में ऋण के अवधिपार होने की दिनांक से राशि चुकाने की दिनांक तक ऋण स्वीकृति पत्र में अंकित ब्याज दर या 10 प्रतिशत ब्याज दर, जो भी कम हो, साधारण ब्याज वसूल किया जाएगा। इस योजना से प्रदेश के लगभग 1 लाख 65 हजार किसानों को फायदा होगा और 300 से 400 करोड़ रुपये की किसानों को राहत मिलेगी। उन्हांेने बताया कि इस योजना के तहत वे सभी कृषि एवं अकृषि ऋण सम्मिलित किए गए हैं, जो कि एक अप्रेल, 2013 या इससे पहले ही अवधिपार हो चुके हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करेंगे ‘‘ब्लू व्हेल चौलेन्ज गेम’’

के खतरों के प्रति जागरूक

बाड़मेर, 11 सितंबर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे ‘‘ब्लू व्हेल चौलेन्ज गेम’’ के खतरों के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए विधिक जागरूकता अभियान चलाएं।

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एस.के.जैन ने बताया कि केन्द्र सरकार ने वाट्स एप, फेसबुक, गूगल, इंस्टाग्राम आदि को निर्देश देते हुए ब्लू व्हेल गेम को प्रतिबंधित कर दिया है। अतः इस गेम के खतरों से बच्चों को जागरूक करने के लिए सभी जिला सेवा प्राधिकरणों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पैरा लीगल वॉलंटियर, लीगल अवेयरनैस टीम, पैनल एडवोकेट्स, एनजीओ, एफटीएस सहित अन्य संबंधित व्यक्तियों के सहयोग से लोगों के बीच जागरूकता फैलाएं। जैन ने बताया कि इस जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों, प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और स्कूल प्रबन्धन का सहयोग लेने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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