सोमवार, 25 सितंबर 2017

बाड़मेर दिन में ट्रेफिक पुलिस की ड्यूटी, रात को पुलिस गश्त, सीसीटीवी कैमरे फिर भी शहीद स्मारक पर तोड़फोड़ पुलिस की सुरक्षा पर बड़ा सवाल



बाड़मेर
दिन में ट्रेफिक पुलिस की ड्यूटी, रात को पुलिस गश्त, सीसीटीवी कैमरे फिर भी शहीद स्मारक पर तोड़फोड़ 
पुलिस की सुरक्षा पर बड़ा सवाल 
त्यौहारी सीजन में पुलिस का दावा गश्त बढ़ाई फिर भी यह हिमाकत 
3 दिन पहले रात को शहीद स्मारक की राइफल तोड़ी गई, सवालकहां है पुलिस 
बाड़मेर
शहरके शहीद सर्किल के पास ट्रेफिक पुलिस की गुमटी है। यहां पर रोजाना तीन से चार ट्रैफिककर्मी ड्यूटी करते हैं। शहीद सर्किल पर 24 घंटे ट्रैफिक रहता है। तीन दिन पहले रात को असामाजिक तत्व शहीद स्मारक पर लगी राइफल को तोड़कर चले जाते हैं। तीन दिन बाद पुलिस को सूचना मिलती है। औपचारिकता के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन लंबे समय से खराब है। इसका फायदा उठाकर रात को असामाजिक तत्वों ने स्मारक पर चढ़कर ग्रेनाइट पत्थर से बनी राइफल तोड़ डाली। तीन दिन बाद रविवार को शहर की पुलिस को इसकी सूचना मिली। इसके बाद डीएसपी रतनलाल, कोतवाल विजेंद्रसिंह सीला समेत कई अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। इस संबंध में डीएसपी ने जांच के निर्देश दिए।
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शहीद स्मारक शहीद परिवारों पूर्व सैनिकों का नहीं पूरे जिलेवासियों के लिए गौरव स्थल है। यहां पर हर साल शहीदों की शहादत की याद में मेला लगता है। जिले का एकमात्र यह शहीद सर्किल है। एकाध लोगों की ओछी हरकत से स्मारक पर लगी राइफल तोड़ी गई।
शहरके प्रमुख चौराहों पर पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। शहीद सर्किल पर लगे सीसीटीवी कैमरे लंबे समय से खराब है। इस वजह से सर्किल पर ट्रैफिक जाम होने वाहन चालकों ट्रैफिक कर्मियों के बीच आए दिन झगड़े होते हैं। इसके फुटेज उपलब्ध भी नहीं हो रहे हैं। अगर कैमरे सही होते तो शहीद स्मारक पर राइफल तोड़ने की हरकत करने वाले लोगों के फुटेज मिल सकते थे।
शहीद स्मारक के पास लगी पुलिस गुमटी में रोजाना तीन से चार ट्रैफिककर्मी मौजूद रहते हैं। सुबह 8 से रात 8 बजे तक शहीद सर्किल की ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा संभालते हैं। रात को 10 बजे के बाद पुलिस जवान गश्त करने पहुंचते हैं और अलसुबह तक शहीद सर्किल पर ही रहते हैं। इतना ही नहीं शहीद सर्किल से महज 40 मीटर दूरी पर महावीर नगर पुलिस चौकी है। बावजूद इसके रात को असामाजिक तत्व स्मारक पर पहुंचते हैं और राइफल तोड़कर चले जाते हैं। इसकी पुलिस को तीन दिन बाद खबर लगती है। इससे बड़ी पुलिस के लिए शर्मनाक बात क्या होगी? सैनिक पूर्व सैनिकों के साथ -साथ लाखों लोगों की श्रद्धा से जुड़ा स्मारक सुरक्षित नहीं है तो शहर की सुरक्षा कैसे होगी?

एनएचएआई ने इंडिया गेट की तर्ज पर स्मारक बनाया और अभी तक उद्घाटन भी नहीं हुआ है। शहीदों के सम्मान से जुड़े प्रतीक चिन्ह राइफल को रात में अज्ञात लोग तोड़कर चले गए। पुलिस की 24 घंटे ड्यूटी के बावजूद तोड़फोड़ करने वाले लोगों का सुराग नहीं मिलना शर्मनाक है। पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए। -कैप्टनहीरसिंह भाटी, संरक्षक, पूर्व सैनिक परिषद बाड़मेर 

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