महिलाओं ने कैमरे में कैद की अजमेर की खूबसूरती,
सूचना केन्द्र में तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता ‘‘चित्रांजलि’’ शुरू
आर्ट गैलरी के रूप में विकसित होगी सूचना केन्द्र की प्रदर्शनी दीर्घा
बड़ी संख्या में महिलाओं ने लिया प्रतियोगिता में भाग
अजमेर, 19 अगस्त। अरावली पर्वतमाला की तलहटी में बसा अजमेर और आसपास का क्षेत्रा कितना खूबसूरत है। महिलाओं की नजर से यह देखना है तो सूचना केन्द्र की प्रदर्शनी दीर्घा में चले आइये। यहां आपको अजमेर का कल्चर, नेचर, हैरिटेज, पशु-पक्षी, खानपान और हर वो नजारा मिलेगा जिसके लिए अजमेर जाना जाता है। प्रदर्शनी में अजमेर की खासियत से जुड़े कई अनछुए पहलू भी हैं, जिनसे अब तक बहुत ज्यादा लोग परिचित नहीं थे।
विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर आज सूचना केन्द्र की प्रदर्शनी दीर्घा में तीन दिवसीय प्रदर्शनी एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता चित्रांजलि का शुभारम्भ हुआ। जिला प्रशासन, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, अजमेर विकास प्राधिकरण तथा पृथ्वीराज फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शिव शंकर हेड़ा ने कहा कि इस तरह के आयोजन और कैमरे की नजर से अजमेर की खूबसूरती देखना अद्भुत अनुभव है। अजमेर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होने जा रहा है। प्रकृति और प्रगति का यह सामंजस्य अजमेर को अनूठा रूप देता है। अजमेर में विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने कहा कि इस तरह के आयोजन नई ऊर्जा प्रदान करते है। अजमेर को महिलाओं के कैमरे की नजर से देखना और नए एंगल से शहर और आसपास के खूबसूरत नजारों का यह संगम अपने आप में अनूठा है। अजमेर एक ऐसा शहर है जहां विरासत के साथ ही विकास की भी विपुल संभावनाएं है। उन्होंने सूचना केन्द्र की प्रदर्शनी दीर्घा को आर्ट गैलेरी के रूप में विकसित करने की घोषणा करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी अजमेर को शीघ्र ही एक नई पहचान मिलेगी। स्मार्ट सिटी योजना के पब्लिक आर्ट एवं कल्चर प्रोग्राम के तहत सूचना केन्द्र प्रदर्शनी दीर्घा में लोक कलाओं को चित्रित किया जाएगा ताकि आमजन इनसे परिचित हो सके।
पृथ्वीराज फाउंडेशन के श्री दीपक शर्मा ने कहा कि प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में महिलाओं एवं बालिकाओं की प्रविष्टयां मिली है। अजमेर को हर एंगल से कवर किया गया है। यह प्रतियोगिता निश्चित रूप से महिला फोटोग्राफी के क्षेत्रा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने प्रतियोगिता के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
इससे पूर्व सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। अतिथियों ने प्रदर्शनी में लगाए गए फोटोज को गम्भीरता से देखा और प्रशंसा की। कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चैधरी, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के उप निदेशक श्री महेश चन्द्र शर्मा, सुरेश माथुर, अनुपम भटनागर, के.के.शर्मा, राजकुमार नाहर, महेन्द्र विक्रम सिंह, संदीप पाण्डे, गिरीराज माथुर, ऋषिराज सिंह, नदीम खान तथा राजेश कश्यप सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पृथ्वीराज फाउंडेशन की अध्यक्ष डाॅ. पूनम पाण्डे ने किया। अनिल जैन ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर लोक कला संस्थान के संजय कुमार सेठी ने खूबसूरत रंगोली बनाई व संजय शर्मा ने कैमरे की विकास यात्रा को दर्शाते हुए पुराने दुर्लभ कैमरे प्रदर्शित किए।
एक्सपर्ट ने जांचा फोटोग्राफ का महत्व और गुणवत्ता, सोमवार को घोषित होगा परिणाम
प्रदर्शनी से पूर्व फोटोग्राफी क्षेत्रा के एक्सपर्ट जयपुर से आए ख्यातनाम फोटोग्राफर श्री पुरूषोत्तम दिवाकर, श्रीमती श्वेता गोयल एवं श्रीमती मोनिका पंचोली ने 80 से अधिक महिला प्रतिभागियों की 600 से ज्यादा फोटोग्राफ को जांचा एवं परिणाम दिया। प्रतियोगिता के तहत अजमेर और पुष्कर की खूबसूरती, प्राकृतिक नजारे, नसियां, तारागढ़, ढ़ाई दिन का झोपड़ा, पुष्कर मेला, उर्स मेला, बादशाह की सवारी, अजमेर में मानसून, स्मार्ट सिटी, हवाई अड्डा, सूर्योदय और सूर्यास्त, डेली लाइफ, फूल एवं अन्य श्रेणियांे में 600 से ज्यादा फोटो मिले। इनमें से 300 फोटो प्रदर्शनी में लगाए गए है। इन फोटो में से विभिन्न श्रेणियों के फोटो को चयनित कर पुरस्कार दिए जाएंगे। पुरस्कारों की घोषणा प्रदर्शनी के अन्तिम दिन सोमवार को की जाएगी।
40 प्रतिशत से कम निःशक्तता वाले दिव्यांग भी करवाए पंजीयन- जिला कलक्टर
अजमेर, 19 अगस्त। पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविरों के अन्तर्गत 40 प्रतिशत से कम निःशक्तता वाले दिव्यांगों द्वारा भी पंजीयन करवाया जाना आवश्यक है। जिला कलक्टर ने आह्वान किया कि समस्त जिलेवासी अपने आसपास के क्षेत्रा में किसी भी प्रकार की कम अथवा अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों का पंजीयन करवाने में सहयोग प्रदान करें।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि सरकार द्वारा पं.दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविरों में जिले के समस्त दिव्यांगों को पंजीकरण करके उन्हें लाभान्वित किया जाएगा। ऐसे दिव्यांग जिनका प्रमाण पत्रा 40 प्रतिशत अथवा इससे कम का बना हुआ है। उनका भी पंजीयन किया जाएगा। साथ ही विशेष योग्यजन होने की संभावना वाले निःशक्तजनों का भी पंजीयन करवना आवश्यक है। निःशक्तता प्रमाण पत्रा नही बने हुए दिव्यांग भी शिविर में अपना पंजीयन करवा सकते है।
उन्होंने बताया कि 5 प्रतिशत के दिव्यांग भी अपना पंजीयन करवा सकते हैै। अभियान के द्वितीय चरण में निःशक्तता प्रमाण पत्रा बनाए जाएंगे। पंजीयन से पूरे देश के दिव्यांगों का डाटाबेस तैयार हो जाएगा। दिव्यांगों को प्रमाण पत्रा एवं यूनिक आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे। यह कार्ड केन्द्र एवं राज्य सरकार की समस्त योजनाओं का लाभ दिव्यांग को दिलाने के लिए उपयोगी होगा। दिव्यांग के द्वारा विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए अलग-अलग कार्यालयों में नही जाना पड़ेगा। यूनिक आई डी के माध्यम से उसे प्राप्त होने वाले लाभ पात्राता होने पर सीधे ही प्राप्त हो जांएगे।
उन्होंने बताया कि समस्त ई-मित्रा केन्द्रों का पंजीयन के लिए पाबंद किया गया है। ई मित्रा केन्द्र द्वारा सहयोग नहीं करने पर इनकी शिकायत स्थानीय विकास अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी अथवा जिला प्रशासन से की जा सकती है। इसके आधार पर ई मित्रा केन्द्र संचालक के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। दिव्यांग भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड तथा जाति एवं आय के स्व घोषणा पत्रा के द्वारा ई मित्रा केन्द्र अथवा शिविर स्थल पर पंजीयन करवा सकते है। आधार एवं भामाशाह कार्ड नहीं होने की स्थिति में चिन्हिकरण के उपरान्त सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा बनाया जाएगा। जिले में जनगणना आधारित आंकड़ों के अनुसार लगभग 58 हजार दिव्यांग होने का अनुमान है। शिविरों में इन समस्त दिव्यांगों को पंजीकृत करने का कार्य किया जाएगा। अरांई में 2 हजार 400, भिनाय में 2 हजार 900, जवाजा में 4 हजार 300, केकड़ी में 3 हजार 600, किशनगढ़ में 4 हजार, मसूदा में 4 हजार 300, पीसांगन में 6 हजार, सरवाड़ में 2 हजार 300, श्रीनगर में 5 हजार 100 दिव्यांगों का अनुमान ग्रामीण क्षेत्रों में लगाया गया है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी अजमेर में 12 हजार, ब्यावर में 3 हजार 400, केकड़ी में 900, किशनगढ़ में 3 हजार 400, नसीराबाद में एक हजार 100, सरवाड़ में 500, पुष्कर में 450, विजयनगर-मसूदा में 700 दिव्यांग अनुमानित है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 21 प्रकार की निःशक्तता को दिव्यांगता की श्रेणी में माना गया है। इनमें दृष्टि बाधित-रंग की पहचान में दिक्कत, अल्प दृष्टि- कम दिखे आसपास चलने फीरने में परेशानी, कुष्ठ रोग से अंगुलियों मे टेड़ापन, धब्बे, सुन्न अंग, विकृतता, सुनने में कठिनाई-70 डेसीबल तक नहीं सुनना, हाथ पैर में निःशक्तता- लकवा या पोलियोेें अथवा दुर्घटना, कद 147 सेमी से कम होना, असामान्य अंग, हमउम्र बच्चों के समान कार्य नहीं करना, मानसिक विमंदित, आंखे मिलाकर बात नहीं करना, अंग हिलाते रहना, सेरिब्रल पाल्सी-अंगों में जकड़न, विकृति, खुला मुंह, लार गिरना, मांसपेशियों में विकृति, पंजों के बल चलना, दौड़ने कूदने में परेशानी, दिमाग और स्पाइनकोड में असंतुलन, सीखने समझने की कमजोरी, कमजोर भाषा ज्ञान, ब्रेन डेमेज, स्पष्ट नहीं बोलना, तुतलाना, शब्दो में निरंतरता की कमी, हिमोग्लोबिन की विकृति, खून की कमी, हिमोफीलिया-घाव से खून गिरना बंद नहीं होना, सिकिल सेल बीमारी से खून की अत्यधिक कमी, अंग खराब होना, बहुविकलांगता, मूक, श्रवण, दृष्टि बाधित, तेजाब हमला पीड़ित, पार्किंसन से कमर झुकना, हाथों में कम्पन्न तथा कदमों में संतुलन नहीं रहना जैसे लक्षणों मे से कोई एक होना प्रमुख है।
प्रेस नोट
अजमेर, 19 अगस्त। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय लेबर वेलफेयर आर्गेनाइजेशन अजमेर के अधीन बीड़ी श्रमिक कल्याण संगठन चिकित्सालय अजमेर द्वारा बीड़ी श्रमिकों की तिरंगा यात्रा 19 अगस्त को भजनगंज से राबड़िया मोहल्ला, गूजरधरती, झलकारी नगरव अलवरगेट तक निकाली गई। इस दौरान देशभक्ति, स्वच्छ भारत, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के नारे लगाए गए। यात्रा में डाॅ. एस.एन मेहरा, सुशीला दास, संतोष कुमार गुप्ता, कैलाश चंद मीणा, किशनलाल शर्मा व सुभाष चंद भी श्रमिकों का उत्साहवर्धन कर रहे थे। इस यात्रा में सीएफएआर संस्था का सहयोग प्राप्त हुआ।
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