बाड़मेर पत्नी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, पति डॉक्टरों से करता रहा मिन्नतें, इलाज नहीं मिला, मौत
बच्चादानी फटने से मौत, डॉक्टरों ने खूब प्रयास किए : पीएमओ
डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता की मौत, हंगामे के बाद मामला दर्ज
बाड़मेर
जिलेके सबसे बड़े जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही एक बेगुनाह प्रसूता की जान चली गई। दरअसल इंदिरा कॉलोनी निवासी मोहरू देवी गोस्वामी को रविवार सुबह 4 बजे जिला अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती किया गया। रविवार रात 10:30 बजे प्रसूता को प्रसव पीड़ा के बाद उसके इलाज के लिए पति 3 घंटे तक एक के बाद एक करके तीन गायनिक डॉक्टरों के पास भटकता रहा, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उसकी नहीं सुनी और उसका इलाज नहीं किया। इससे प्रसूता की मौत हो गई।
थानाधिकारी विजेंद्रसिंह शीला ने बताया कि रामगिरी गोस्वामी निवासी इंदिरा कॉलोनी ने बताया कि रविवार सुबह 4 बजे मोहरू देवी को जिला अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती करवाया गया। रविवार रात 10.30 बजे प्रसूता की तबीयत ज्यादा खराब होने पर रामगिरी ने नर्सिंगकर्मियों को प्रसव पीड़ा की सूचना दी। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था। ऐसे में रामगिरी डॉ. खेताराम सोनी के घर पहुंचा और पीडि़ता के इलाज की भीख मांगी। इस पर खेताराम ने इनकार कर दिया और डाॅ. सीमा के पास गया। डॉ. सीमा ने भी इलाज के लिए मना कर दिया। इसके बाद डॉ. जगराम मीणा के पास पहुंचा। जहां जगराम मीणा ने भी प्रसूता के इलाज को लेकर मना कर दिया। तीन घंटे तक एक के बाद एक करके तीन डॉक्टर के पास प्रसूता के इलाज की भीख मांगता रहा, लेकिन किसी डॉक्टर ने नहीं सुनी, इससे प्रसूता की मौत हो गई। सोमवार सुबह परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इस पर कोतवाली थानाधिकारी विजेंद्र शीला, डीएसपी ओपी उज्ज्वल मौके पर पहुंचे और समझाइश की। परिजनों की रिपोर्ट में कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया है। दरअसल सात बेटियों पर अब आठवीं बार प्रसव होने वाला था, लेकिन प्रसूता की मौत हो गई।
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