बुधवार, 30 अगस्त 2017

बाबा रामदेवरा मेले में मंगलवार को आयोजित हुए भव्य एवं शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देख कर श्रृद्धालू झूम उठे



बाबा रामदेवरा मेले में मंगलवार को आयोजित हुए

भव्य एवं शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देख कर श्रृद्धालू झूम उठे

रामदेवरा , 30 अगस्त। जगविख्यात बाबा अंतर प्रांतीय बाबा रामदेव जी के 633 वें भादवा मेले के अवसर पर

मंगलवार को जिला कलक्टर कैलाष चन्द मीना के आदेषानुसार मेला प्रषासन एवं ग्रामपंचायत रामदेवरा के सहयोग से सुर संगम कला केन्द्र जैसलमेर के तत्वावधान में मेला चैक स्थित ग्रामपंचायत रामदेवरा के रंगमंच पर जैसलमेर ,बाड़मेर ,बायतू, पोकरण के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकारों द्वारा बाबा के लोक भजन लोक संगीत ,लोकनृत्यों का भव्य ,मनोहारी एवं शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज रजनीकान्त साण्डलीया बाड़मेर और सुनीता चैधरी बायतू के बेहतरीन ढंग से पेष किये गए। सुर संगम कला केन्द्र के सचिव मोहनखां ने बताया कि बाबा के लोकप्रिय भजन ’’ खम्मा-खम्मा ओ म्हारा रुणैचा रा धणिया व भादूड़े री बीज रो जद चन्दो करे प्रकाष से किया गया एवं मेला मैदान को भक्ति रस में डूबो दिया मैला मैदान में हजारों की तादाद में मौजूद श्रृद्धालूगण झूम उठे।

सुर संगम कला केन्द्र के सचिव मोहनखां ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान ग्रामपंचायत रामदेवरा की सरपंच श्रीमती भूरीदेवी के मुख्य आतिथ्य में, विकास अधिकारी एवं सहायक मेलाधिकारी नारायण सुथार व रामसिंह भाटी की अध्यक्षता में तथा उप अधीक्षक पुलिस नानकराम, थानाधिकारी रामदेवरा अमरसिंह, उप सरपंच रामदेवरा चुतरसिंह तंवर ,समाजसेवी नारायणसिंह तंवर , उम्मेदसिंह भाटी , प्रकाषसिंह तंवर , ग्रामसेवक ईच्छालाल माली, ग्राम रोजगार सहायक कानसिंह तथा ग्रामसेवक केलावा मोतीराम के विषिष्ट आतिथ्य कें रुप में उपस्थित थे। इस अवसर पर कई पदाधिकारीगण/रामदेवरा के वार्डपंच/मौजीज लोग, मीडियाकर्मी एवं अच्छी संख्या में यात्रीगण उपस्थित थे।

सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण का केन्द्र स्वर्ण नगरी जैसलमेर की बिजली के नाम से सुविख्यात लोक कलाकार अन्नू सौंलकी का ’’घूटना चकरी भवाई नृत्य और रामगढ के उदाराम मेगवाल का ’’ तराजू अग्नि नृत्य रहा। इन कलाकारों के आष्यचर्यचकित प्रस्तुतीयों को देख कर दर्षकगण भाव विभौर से हो गये। इसी प्रकार दुर्गा एण्ड राणी द्वारा प्रस्तुतत किए ’’ होलीयो में उड़े रे गुलाल गयो रंग मेला में.... लोकगीत ,लोकनृत्य पेष कर जातरुओं की वाहवाही लूटी।

कैसूम्बला बाड़मेर जिले के ख्यातनाम लोक कलाकार हाकम खां ने बड़े उंचे स्वर में पष्चिमी राजस्थान लोकप्रिय गीत ’’ डोरो ’’ तथा भजनगायक कलाकार राजेन्द्र रंगा द्वारा ’’ रुणझूण बाजे घूघरा....... ओर पोकरण के प्रसिद्ध लोक कलाकार रेंवताराम ने ’’ मां मन्हे घौड़लीयो मंगवा दे कच्छी घोड़ी लोक नृत्य पेष कर पूरे मेला चैक को दर्षकों की तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम के दौरान लोकवाद्य तबला पर उस्ताद मोहनखां , हाॅरमोनियम पर खेमचंद वैष्णव ,ढौलक पर अमामखां तथा खेतेखां ,छुगेखां ,बाबूखां ,सवाईखां ,सलीमखां ,गुलाबखां ,बीरबल खां,भूंगरखां ,पेपेखां इत्यादि ने ढौजक एवं खड़ताल पर बड़ी बेखुबी के साथ संगत दी। छुग्गे खां पाटी के मौरचंग कार्यक्रम और सपना केे राजस्थानी नृत्य को देख कर दर्षक मंत्रमुग्ध हो गये।

रामदेवरा आए सभी लोक कलाकारों ने सामुहिक रुप से ’’ दमादम मस्त कलंदर ’’सूफीया कलाम की प्रस्तुती देकर मेलार्थियों को आनन्दित सा कर दिया। इसी क्रम में मेले में आए बीकानेर के एक कलाकार ने शानदार ढंग से ’’ अर -अर......कालबेलिया डांस पेष किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मनोहर महेचा ने किया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहायक निदेषक सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय जैसलमेर श्रवण कुमार चैधरी , पी.आर.ओ. विभाग के कार्यालय सहायक ओमपंवार ,वरिष्ठ सहायककर्मी षिवलाल शर्मा के साथ ही मारवाड़ लोक कला मण्डल के दल प्रभारी सत्यनारायण शर्मा का विषेष योगदान रहा। इन कार्यक्रमों की

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खाद्य निरीक्षक द्वारा बाबा के मेले में बेहतरीन ढंग से लिए जा रहे सैम्पलिंग

रामदेवरा , 30 अगस्त। अंतर प्रांतीय बाबा रामदेवरा मेला के अवसर पर मेले के दौरान संपूर्ण मेला क्षेत्र में स्थित दुकानों ,रेस्टोरेंटों में खाद्य वस्तुओं की सैम्पलिंग गतिविधियों को सुचारु ढंग से संचालित किए जाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेले में नियुक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी जैसलमेर लक्ष्मीनारायण गुप्ता द्वारा बेहतर ढंग से गंभीरता के साथ निरीक्षण कर सैम्पलिंग लेने का कार्य सुसम्पादित किया जा रहा है।

मेले के दौरान श्री गुप्ता द्वारा किए गए सघन निरीक्षण के दौरान सड़ी -गली व बासी सब्जियाॅं , रोटी ,चावल , दाल इत्यादि को मौके पर ही नष्टीकरण करवाया गया। उन्होंने बताया कि मेले में 10 खाद्य पदार्थो के नमूने लिए गये। इसके साथ ही मेले में विक्रेताओं को पोलिथीन का उपयोग नहीं करने के संबंध में मौके पर हिदायत दी गई।

इसी तरह से खाद्य निरीक्षक राजेन्द्रसिंह शेखावत ने भी मेले में भ्रमण कर निरीक्षण किया। तम्बाकूधारित दुकानदारों के चालान काटे और 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों तथा युवाओं को तम्काबू के सेवन न करने , सिगरेट धूम्रपान इत्यादि नहीं बेचने के लिए पाबन्द किया गया तथा मेले में खुले में सिगरेट तम्बाकू आदि का सेवन निषेद्य करने के लिए समझाईष की गई। --000--




बाबा के मेले में चाईल्ड हैल्पलाईन हैल्पडेस्क द्वारा दी जा रही बेहतरीन सेवाएॅ


रामदेवरा, 30 अगस्त। सुविख्यात बाबा रामदेवरा मेले के दौरान चाईल्ड हैल्पलाईन 1098 जैसलमेर के माध्यम से मेला प्रषासन के निर्देषन में चाईल्ड हैल्पलाईन 1098 जैसलमेर द्वारा विगत 22 अगस्त से अब रामसरोवर तालाब की पाल पर कैम्प स्थापित कर मेले में अत्यधिक भीड़-भाड़. होने के कारण अपने परिजनों से बिछड़ जाने पर गुमसुदा बच्चों को उनसे मिलवाने के संबंध में अच्छी सेवाएॅं प्रदान की जा रही है।

चाईल्ड हैल्पलाईन मेला प्रभारी अर्जुनदेव बैरवा ने बताया कि बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाकर परिवारों से मिलवाने का कार्य किया जा रहा है। मेले में बालश्रम तथा बाल विवाह की आवष्यक रोकथाम अधिनियमों के बारे में अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर जानकारी कराई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मेले में हैल्पडेस्क में रामकिषन मीना , रविन्द्रसिंह ,अजय व्यास अपनी उत्कृष्ठ सराहनीय सेवाएॅं दे रहे है।

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मेले में कनकदण्डवत करते आने वाले बाबा के श्रृद्धालुओं की रही गहमागहमी


रामदेवरा 30 अगस्त। सुविख्यात बाबा रामदेवरा मेला में भादवासुदी अष्ठमी और नवमी को बाबा के दरबार में देष के कौने-कौने से बाबा की समाधी के दर्षनार्थ करने के लिए यहां पहुंचने वाले भक्तजनों की कड़ी में पोकरण-रामदेवरा सड़क मार्ग पर ,बीकानेर -मुख्य मंदिर सड़क मार्गो पर कौसों दूर से बिना थकान महसूस किए कनक दण्डवत करके यहां पहुंचने वाले भक्तजनों में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।

रामदेवरा आने वाला हर श्रृद्धालु बाबा की समाधी एवं रामदेवरा स्थित झूला-पालना के दर्षन करने के पष्चात स्वयं बाबा द्वारा खुदवाए गए रामसरोवर में डूबकी लगाना नहीं भूलते है तथा परचा बावड़ी के पवित्र जल को गंगा समान मान कर बड़ श्रृद्धाभाव के साथ अपने साथ ले जा रीे है। इसी प्रकार रामसरोवर की पाल पर दूर दराज से पहुंचे बाबा के रिखियों द्वारा रामसापीर के लोकभजन प्रस्तुत किए जा रहे है और जातरुओं द्वारा पाल पर जम्मे दिलाए जा रहे है।

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