अजमेर अब एक क्लिक पर जानिए अजमेर- पुष्कर की हर जानकारी
जिला प्रशासन ने लाँच किया लेज्गो ( स्र्महव!द्ध मोबाइल एप, प्ले स्टोर पर कर सकते डाउनलोड
देश के पहले पर्यटन एप के जरिए मिलेगी अजमेर के पर्यटन, प्रशासन एवं सुरक्षा से जुड़ी जानकारी
12 भाषाओं में मिलेगा अनुवाद, पर्यटन एवं व्यापारियों को होगा फायदा
अजमेर 22 नवम्बर। अब एक क्लिक पर कोई भी जान सकता है। अजमेर के पर्यटन से जुड़े तमाम स्थानों, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, जगत पिता ब्रह्मा मन्दिर और पुष्कर सहित सभी स्थानों, खानपान, यातायात के साधन, होटल, रेस्टोरेन्ट और अन्य विशेषताओं के लिए जिला प्रशासन ने मोबाइल एप लेज्गो ( स्र्महव!द्ध लाँच किया है। इस तरह का मोबाइल एप जारी करने वाला अजमेर देश का पहला शहर है। यह एप अजमेर व पुष्कर के पर्यटन और व्यापार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने आज महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शिव शंकर हेड़ा, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष श्री कमल पाठक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ आज अजमेर व पुष्कर के लिए पर्यटन एप लेज्गो ( स्र्महव!द्ध लाँच किया। श्री गोयल ने बताया कि यह एप अजमेर व पुष्कर के पर्यटन और व्यापार के संवर्द्धन के लिए क्रान्तिकारी साबित होगा। इस एप से अजमेर आने वाले पर्यटकों को अजमेर व पुष्कर के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की जानकारी प्राप्त होगी। इस एप को जिला प्रशासन, अजमेर विकास प्राधिकरण एवं पर्यटन विभाग द्वारा बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि इस एप के जरिए देशी एवं विदेशी पर्यटक अजमेर के पर्यटन स्थल, तीर्थ स्थल, मन्दिर एवं अन्य प्रमुख स्थानों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। उन्हें एप से यह भी पता लग सकेगा कि जिस स्थान को वे देखने जा रहे है उस स्थान का इतिहास, धार्मिक एवं सामाजिक महत्व तथा धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा सामान्य शिष्टाचार एवं पहनावा क्या है। एप को शुरूआत में एक महीने के लिए ट्रायल बेस पर शुरू किया जा रहा है। इस अवधि में एप में विभिन्न सुधार किए जा सकेंगे।
जिला कलक्टर ने बताया कि एप को एन्ड्रायड फोन पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। अन्य मोबाइल आॅपरेटिंग सिस्टम में एप शीघ्र ही उपलब्घ होगा। एप को डाउनलोड करने के बाद पर्यटक अजमेर शहर के प्रमुख होटल, रेस्टोरेन्ट, काॅफी हाउस, खानेपीने के प्रमुख स्थान, टेक्सी सेवा, सुलभ शौचालय, बैंक, मनी एक्सेंच सेन्टर, गाइड, माॅर्केट आदि की जानकारी ले सकता है।
श्री गोयल ने जानकारी दी कि यह एप पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी काम करेगा। पर्यटक किसी भी तरह की परेशानी में फंसने पर एसओएस सेवा का उपयोग कर सकते है। इस सेवा के तहत क्लिक करते ही उन्हें निकटवर्ती पुलिस स्टेशन, जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक कार्यालय का इमरजेंसी नम्बर, चिकित्सालय तथा उनके देश से संबंधित एंबेसी का नम्बर मिल जाएगा। पर्यटकों एवं व्यापारियों की सुविधा के लिए एप में 12 भाषाओं में ट्रांसलेशन की सुविधा है। यह ट्रांसलेशन लिखित तो होगा ही, सुना भी जा सकता है। एप में ख्वाजा साहब की दरगाह, ब्रह्मा मन्दिर सहित अन्य मन्दिरों के प्रमुख स्थानों के पट खुलने एवं पूजा का समय भी उपलब्घ होगा।
एडीए अध्यक्ष श्री शिव शंकर हेड़ा ने बताया कि इस एप से पर्यटकों एवं आमजन को समस्त जानकारियां उपलब्ध होगी। इस एप में धीरे-धीरे और भी अधिक जानकारियां सम्मिलित की जाएगी। उन्होंने बताया कि एप निःशुल्क उपलब्घ होगा। इसे जिला प्रशासन, अजमेर विकास प्राधिकरण एवं पर्यटन विभाग द्वारा सोहमसा सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से तैयार किया गया है।
कम्पनी के पराग प्रसाद ने बताया कि एप डाउनलोड करते ही जो भी पर्यटक राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगा। उसे प्रदेश की मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे का वेलकम मैसेज प्राप्त होगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम श्री किशोर कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय श्री अबु सूफियान चैहान, अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर श्री अरविंद सेंगवा सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं पर्यटन से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राष्ट्रीय मानव अधिकार परिषद के फर्जी कार्ड जारी करने वालों पर होगी कार्यवाही
अजमेर 22 नवम्बर। राष्ट्रीय मानव अधिकार परिषद भारत के फर्जी हस्ताक्षरों से कार्ड जारी करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया राष्ट्रीय मानव अधिकार परिषद भारत के नाम से अथवा इसके मिलते जुलते नाम की कोई भी संस्था, कार्यालय अथवा शाखा वर्तमान में वैध रूप से अजमेर शहर में प्रभावी नहीं है। इस संबंध में पुलिस विभाग और उपखण्ड अधिकारी अजमेर द्वारा विस्तार से जांच की गई है। उन्होंने नागरिकों से ऐसी किसी भी संस्था के झांसे एवं बहकावे में नहीं आकर सतर्क रहने के लिए कहा। राष्ट्रीय मानव अधिकार परिषद भारत के नाम से अथवा मिलते जुलते नाम से किसी के द्वारा कार्य करते पाए जाने पर इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस थाने एवं जिला प्रशासन को देने से उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। साथ ही इस तरह के फर्जी कार्यों से आमजन को बचाया जा सकेगा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें