: सीकर की यह साधारण सी लड़की ऐसे बनी राजस्थान की लेडी डॉन
सीकर. फरार अपराधी आनंदपाल गिरोह में 'लेडी डॉन' के नाम से कुख्यात अनुराधा चौधरी बुधवार को एक बार फिर सीकर में दिखाई दी। पुलिस ने इसे जयपुर जेल से लाकर यहां सीएजेएम कोर्ट में पेश किया। सीकर कोतवाली थाने में दर्ज एक प्रकरण में अनुराधा की पेशी हुई है। इसके बाद इसे वापस जयपुर ले जाया गया। पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। प्रदेश में अनुराधा चौधरी नाम से हर थाने की पुलिस परिचित है। शेखावाटी में तो इसे बच्चा-बच्चा जानता है। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली इस लड़की कोई गैंगस्टर तो कोई लेडी डॉन कहता है। इसे किसी का अपरहरण करने में एक्सपर्ट माना जाता है।
यह सीकर जिले की फतेहपुर तहसील के गांव अल्फसर की रहने वाली है। फतेहपुर सदर थाने में इसकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है। पहले यह लक्ष्मणगढ़ में भी रहती है। एक बच्चे की मां है। बीसीए तक पढ़ी-लिखी है।
अनुराधा को लोग प्यार से मिंटू कहते थे। मां के बचपन में ही गुजरने के बाद मिंटू के सिर पर सिर्फ पिता का ही साया बचा था। आर्थिक हालत कमजोर होने के चलते पिता कमाने के लिए बाहर चले गए।
- मिंटू की शादी जिस शख्स से हुई वो भी अनुराधा के अपराध जगत में फंसने के बाद उससे अलग हो गया।
-अनुराधा कभी शेयर बाजार में काम करती थी। इसमें नुकसान होने के बाद कर्ज में डूब गई।
- कर्ज बढ़ता गया तो उसने गैंगस्टर आनंदपाल से संपर्क बढ़ाया और धीरे-धीरे वह गैंग की खास सदस्य बन गई।
- सीकर के एक व्यापारी का अपहरण मामले में भी अनुराधा की अहम् भूमिका रही।
- 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस को अनुराधा की तलाश थी।
-अपहरण के मामले में नाम जुड़े होने के बावजूद अनुराधा गैंगस्टर आनंदपाल से जेल में बेधड़क मिलने जाती थी।
-चूरू एसपी ने एसओजी व एटीएस को पत्र लिखकर बताया भी था कि वह फिरौती, अपहरण की साजिशों में सक्रिय है। हालांकि, चूरू एसपी के पत्र को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
-अनुराधा 23 नवंबर व 30 नवंबर, 2014 को अजमेर जेल में आनंदपाल से मिली। 3 दिन बाद ही 3 दिसंबर को डीडवाना से गोदारा हत्याकांड का गवाह इंद्रचंद अगवा हो गया।
सीकर. फरार अपराधी आनंदपाल गिरोह में 'लेडी डॉन' के नाम से कुख्यात अनुराधा चौधरी बुधवार को एक बार फिर सीकर में दिखाई दी। पुलिस ने इसे जयपुर जेल से लाकर यहां सीएजेएम कोर्ट में पेश किया। सीकर कोतवाली थाने में दर्ज एक प्रकरण में अनुराधा की पेशी हुई है। इसके बाद इसे वापस जयपुर ले जाया गया। पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। प्रदेश में अनुराधा चौधरी नाम से हर थाने की पुलिस परिचित है। शेखावाटी में तो इसे बच्चा-बच्चा जानता है। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली इस लड़की कोई गैंगस्टर तो कोई लेडी डॉन कहता है। इसे किसी का अपरहरण करने में एक्सपर्ट माना जाता है।
यह सीकर जिले की फतेहपुर तहसील के गांव अल्फसर की रहने वाली है। फतेहपुर सदर थाने में इसकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है। पहले यह लक्ष्मणगढ़ में भी रहती है। एक बच्चे की मां है। बीसीए तक पढ़ी-लिखी है।
अनुराधा को लोग प्यार से मिंटू कहते थे। मां के बचपन में ही गुजरने के बाद मिंटू के सिर पर सिर्फ पिता का ही साया बचा था। आर्थिक हालत कमजोर होने के चलते पिता कमाने के लिए बाहर चले गए।
- मिंटू की शादी जिस शख्स से हुई वो भी अनुराधा के अपराध जगत में फंसने के बाद उससे अलग हो गया।
-अनुराधा कभी शेयर बाजार में काम करती थी। इसमें नुकसान होने के बाद कर्ज में डूब गई।
- कर्ज बढ़ता गया तो उसने गैंगस्टर आनंदपाल से संपर्क बढ़ाया और धीरे-धीरे वह गैंग की खास सदस्य बन गई।
- सीकर के एक व्यापारी का अपहरण मामले में भी अनुराधा की अहम् भूमिका रही।
- 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस को अनुराधा की तलाश थी।
-अपहरण के मामले में नाम जुड़े होने के बावजूद अनुराधा गैंगस्टर आनंदपाल से जेल में बेधड़क मिलने जाती थी।
-चूरू एसपी ने एसओजी व एटीएस को पत्र लिखकर बताया भी था कि वह फिरौती, अपहरण की साजिशों में सक्रिय है। हालांकि, चूरू एसपी के पत्र को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
-अनुराधा 23 नवंबर व 30 नवंबर, 2014 को अजमेर जेल में आनंदपाल से मिली। 3 दिन बाद ही 3 दिसंबर को डीडवाना से गोदारा हत्याकांड का गवाह इंद्रचंद अगवा हो गया।
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