अजमेर 4 सितम्बर। शिक्षक के उचित मार्ग दर्शन से विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त होती है। विद्यार्थी के जीवन निर्माण में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक विद्यार्थी को स्वावलम्बन सिखा कर गरीमापूर्ण जीवन के लिए तैयार करता है। ये विचार केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्राी जनरल वी.के.सिंह ने फाउन्डेशन फ्यिोर दी लोटो इण्डिया के तत्वावधान में आयोजित नवम शिक्षक सम्मान समारोह 2016 में रखें। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 101 शिक्षकों तथा विविध क्षेत्रों मंे उल्लेखनीय योगदान करने वाले पांच व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्रा प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि समाज और देश को आगे बढ़ाने में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक के प्रयासों से एक छोटे से गांव का व्यक्ति भारतीय सेना के सर्वोच्च पद को प्राप्त कर सकता है।
श्री सिंह ने कहा कि सकारात्मक प्रयोगों के द्वारा देश और समाज की दिशा में बदलाव लाया जा सकता है। नानाजी देशमुख के प्रयोगों से चित्राकूट के 500 गांवों ने विकास के नये आयाम स्थापित किए है। उन्हांेने कहा कि वर्तमान में समाज में व्यापक बदलाव आने से बेटी और बेटे में कोई अन्तर नही माना जाता है। बेटियां बेटों से ज्यादा सक्षम होकर देश और समाज का नाम रोशन कर रही है। बेटियों के द्वारा देश और समाज तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि फाउन्डेशन फ्यिोर दी लोटो इण्डिया जैसी संस्थाएं देश को आगे बढ़ाने में सहयोग कर रही है। दूसरे देशों के नागरिक भारत में आकर विकास में योगदान दे रहे है। यह अच्छी बात है संस्था द्वारा जरूरतमंद व्यक्तियों को शिक्षा, मकान, स्वास्थ्य सुविधाएं तथा बालिकाओं के क्षेत्रा में विशेष कार्य किए जा रहे है। जनप्रतिनिधियों तथा समाज को आगे आकर संस्थाओं का सहयोग करना चाहिए।
संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि संस्कारित शिक्षा की पुर्नस्थापना के लिए सब मिलकर प्रयास करेंगे। पुष्कर की धार्मिक भूमि पर फाउन्डेशन फ्यिोर दी लोटो इण्डिया जिसका अर्थ कमल का फूल है का सहयोग करके समाज को आगे लाया जाएगा।
इस अवसर पर पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष श्री कमल पाठक, उपाध्यक्ष श्री मुकेश कुमावत, फाउन्डेशन फ्यिोर दी लोटो इण्डिया की संस्थापिका मारा सान्द्री, अध्यक्ष ज्योति स्वरूप महर्षि, जिला परिषद की पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गैना सहित बड़ी संख्या में पार्षद एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री सौमरत्न आर्य ने किया।
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