सोमवार, 29 अगस्त 2016

बाड़मेर मां एक संकल्प कार्यक्रम”मां“ में ममता जगाएगी आषा सहयोगिनी



  बाड़मेर मां एक संकल्प कार्यक्रम”मां“ में ममता जगाएगी आषा सहयोगिनी

बाड़मेर, 29 अगस्त। नवजात के जन्म पर पहले मां का दूध पिलाने को लेकर अब

आषा सहयोगिनी घर-घर जाकर प्रचार करेगी। महिलाओं में बच्चे के जन्म के समय

मां के दूध पिलाने को लेकर होने वाली भ्रांतियों को भी दूर किया जायेगा।

यह जानकारी सोमवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सुनील

कुमार सिंह बिष्ट ने जिला स्वास्थ्य भवन बाड़मेर के मिटिंग हाॅल में मां

एक संकल्प अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारम्भ पर दी। उन्होंने

बताया कि 29 अगस्त सेे जिले में मां एक संकल्प कार्यक्रम का शुभारंभ सभी

ब्लाॅक में किया गया है। उन्होंने बताया कि नवजात को पहला दूध मां का

पिलाने को लेकर कई तरह के अंधविष्वास व रूढ़िवाद बना रहता है। इसकों दूर

कर उन्हें जन्म के समय बच्चे को मां का दूर पिलाने से होने वाले फायदे के

बारे में बताया जायेगा। जिससे षिषु मृत्युदर में भी कमी लायी जा सकेगी।

कार्यक्रम में जिले की आशा सहयोगिनियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में आशा

सहयोगिनीयों को “मां” एक संकल्प कार्यक्रम के बारे में जिला आशा समन्वयक

श्री राकेश भाटी द्वारा विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

20 फीसदी अकाल मौत रूकेगी

स्तनपान अर्थात बच्चे को जन्म से छह माह के दौरान मां का दूध नहीं मिलने

से 20 प्रतिषत मामलों में षिषु मृत्युदर बढ़ जाती हैं। इसको कम करने के

लिये भारत सरकार की ओर से मां एक संकल्प अभियान के नाम पर कार्यक्रम की

शुरूआत की है।

आषा बनेगी मां की प्रेरक

षिषु को जन्म के समय मां का दूध सर्वोतम आहार के रूप में पिलाने के बारे

में आषा मां की प्रेरक बनेगी। आषा मां के दूध की महत्वता के साथ यह भी

बतायेगी की बच्चों में छह माह तक मां का दूध पिलाने से रोग प्रतिरोधक

क्षमता का भी विकास होता है। ग्राम स्वच्छता एवं स्वास्थ्य समिति की

बैठकों में आषा सहयोगिनी गर्भवती महिला के साथ उसके पति, सास व परिवार के

अन्य सदस्यों को भी जन्म के समय मां के दूध पिलाने की महत्वता के बारे

में बतायेगी। जिसके लिये तीन में बैठकें कराने पर आषा सहयोगिनी को 100

रूपये की प्रोत्साहन राषि भी दी जायेगी।

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जिला स्तर पर आषाओं को हर वर्ष किया जायेगा सम्मानित




बाड़मेर। जिले में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली आषा सहयोगिनियों को अब

जिला सम्मेलन में प्रति वर्ष सम्मनित किया जायेगा। हर ब्लाॅक में अग्रणी

रहने वाली दस आषाओं को ब्लाॅक में रोल माॅडल बनाकर पेष किया जायेगा।

जिससे दूसरी आषा सहयोगिनी प्रेरणा लेकर अपने कार्य तथा दिये गये लक्ष्यों

को पूरा करने के लिये प्रेरित हो। जिले की करीब 500 आषा सहयोगिनियों में

समन्वयक व सहयोग व परस्पर सम्पर्क बढ़ाने की दृष्टि से नवाचार के रूप में

रविवार को जिले के सिवाना ब्लाॅक में जिला आषा सम्मलेन का आयोजन किया

गया। जिला आषा समन्वयक श्री राकेष भाटी ने बताया कि आषा सम्मलेन में जिले

के प्रत्येक ब्लाॅक से 100 से अधिक आषा सहयोनियों ने भाग लिया।




योजनाओं में आषा की भूमिका समझाई

जिला आषा सहयोगिनी सम्मलेन में आषाओ को चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की

योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके अलावा मां एक संकल्प अभियान, टीकाकरण,

मौसमी बीमारियांें में आषा सहयोगिनी की भूमिका के बारे में भी बताया गया।

इस दौरान प्रष्नोतरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रष्नोतरी

प्रतियोगिता में विजेता रहने वाली आषा सहयोगिनी को पुरस्कार वितरित किये

गये। भामाषाह स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े परिवारों को मिलने वाले लाभा

तथा बीमा योजना में 30 हजार से 3 लाख तक के निषुल्क उपचार के बारे में

बताया। आषा सहयोगिनियों की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के

पा़त्र परिवारों के घर-घर सर्वे के बारे में भी जानकारी ली गई।




विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन

सम्मेलन में आशाओं द्वारा 100 मीटर दौड़, एकल नृत्य, एकल संगीत, मटका दौड़,

प्रश्नोत्तरी (आशा सम्बन्धित) बाॅल फेंको, सुई पिरोह, सिक्का खोज, माचिस

डिब्बी से आकृतियां आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा इन

प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ रहने वाली आशाओं को प्रथम, द्वितिय एवं

तृतिय पुरूस्कारों से सम्मानित किया गया। सम्मेलन के दौरान चिकित्सा

विभाग में सर्वश्र्रेष्ठ कार्य करने वाली आशाओं को भी सम्मान्नित किया

गया । सम्मेलन का मंच संचालन श्री कमलेश कुमार, बीएचएस द्वारा किया गया।

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