रविवार, 14 अगस्त 2016

बाड़मेर दलित महापड़ाव की कमेटियां गठित



बाड़मेर दलित महापड़ाव की कमेटियां गठित
बाड़मेर दलित महापड़ाव को लेकर कमेटियों का गठन किया गया। जिले में आये दिन अत्याचारों की घटनाओं में हो रही बढोतरी को लेकर दलित अत्याचार निवारण समिति बाड़मेर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के आगे अनिष्चितकालीन दलित महापड़ाव 17 अगस्त 2016 को शुरू किया जायेगा। महापड़ाव को सफल बनाने को लेकर महावीर पार्क में समिति के संयोजक श्री उदाराम मेघवाल की अध्यक्षता में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक में भील समाज के अध्यक्ष श्री भूराराम भील, लोेजपा के अध्यक्ष श्री हरखाराम मेघवाल, भाजपा अजजा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष श्री सोनाराम पाला, सफाई मजदूर यूनियन के पदेष सचिव श्री रामदास सांगेल, पार्षद श्री किषनलाल वडेरा, पार्षद श्री सोहनलाल मंसूरिया, पार्षद श्री अर्जुण देवपाल, पर्वू पार्षद श्री कालूराम वागेला तथा दलित अत्याचार निवारण समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री सेानाराम टाक, श्री श्रवणकुमार चंदेल, श्री भैरूसिंह फुलवारिया, श्री लक्ष्मण वडेरा, भाजपा नेता श्री सवाईराम मेघवाल, पूर्व सरपंच श्री किषनाराम मंसूरिया, एडवोकेट श्री छगन मंसूरिया, पंस. सदस्य श्री छ्रगन मेघवाल, षिक्षाविद श्री धर्माराम पंवार, श्री जोगराज सिंह, बंधुआ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष श्री केलाष रावत, समाज के मुखिया श्री नवाराम व चेलाराम मंसूरिया, श्री तगाराम खती, दरूड़ा से श्री गड़ुकाराम कटारिया व श्री सुरताराम पूनड़ कमेटिया, श्री लिखमाराम सणाउ, श्री बच्चूराम व तेजाराम बावड़ी कलां, श्री चुतराराम सुवाला सहित मुखिया लोग शामिल हुए। महापड़ाव की मिटिंग के बाद सभी सभी वरिष्ठ सदस्यों ने महापड़ाव स्थल का जायजा लेकर 17 अगस्त 2016 बुधवार को ज्यादा से ज्यादा संख्या में दलितों को पड़ाव में शामिल करने का आह्वान किया।

समिति के संयोजक श्री उदाराम मेघवाल ने कहा कि पिछले छः माह में दलितों पर हुये अत्याचारों को रोकने के लिये सरकार व पुलिस प्रषासन से बार-बार मुलाकात कर त्वरित कार्यवाही की मांग की जाती रही। मगर कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए तीन दिन पूर्व सैंकड़ों दलितों ने जिला कलेक्टर से मिलकर 16 अगस्त तक गंभीर प्रकरणों में नामजद अपराधियों को गिरफ्तार करने का मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सांैपा गया लेकिन समय सीमा समाप्त होने जा रही है। परन्तु प्रषासन व पुलिस इस ओर कतई गंभीर नहीं है इस प्रकार बाड़मेर जिले के दलित अत्याचारों से पीड़ित कई जीवन और मौत के बीच में संघर्ष हेतु अस्पतालों में भर्ती है। इसी प्रकार बलात्कार पीड़िता भी सरकारी अस्पताल में भर्ती है तथा कई लोगों के हाथ पैर तोड़ दिये जो लोग घर की चारपाई पर भूगत रहें है। लेकिल पुलिस प्रषासन की दलित प्रकरणों में निष्क्रीय हैं इसलिए मजबुर होकर दलित वर्ग को इस बरसात के मौसम में महापड़ाव करने को मजबुर होना पड़ रहा है।

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