झालावाड़ ग्राम पंचायतें विकास की प्राथमिकताएं स्वयं तय करें-जिला प्रमुख
झालावाड़ 12 जुलाई। जिला प्रमुख श्रीमती टीना कुमारी भील ने कहा है कि ग्राम पंचायतें अपने विकास की योजनाएं स्वयं बनायें तथा अपनी प्राथमिकताएं भी स्वयं तय करें।
श्रीमती भील आज जिला परिषद सभागार में 14वें केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसाओं से अभिप्रेत राजस्थान पंचायती राज प्रशिक्षण विकेन्द्रित अभियान 2016-17 के अंतर्गत ग्राम पंचायत विकास नियोजन पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत को अपने कार्यक्षेत्र की समस्याओं की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिये ताकि वे अपनी प्राथमिकताएं तय करके ग्राम पंचायत विकास योजना बना सकें।
मानव मात्र के सम्पूर्ण विकास से जुड़ी हुई है पंचायती राज की अवधारणा
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामपाल शर्मा ने कहा कि पंचायती राज की अवधारणा मानव मात्र के सम्पूर्ण विकास से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बहुत सी योजनाएं ऐसी हैं जिनमें ग्राम पंचायत को पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। परिवार कल्याण, श्रमिक कल्याण, जननी सुरक्षा, आंगनबाड़ी, आपणी बेटी आदि ऐसी योजनाएं हैं जिन पर पैसा सम्बन्धित विभागों द्वारा व्यय किया जाता है किंतु ग्राम पंचायतें इन योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग करके ग्रामीण जनता को विकास के पथ पर ले जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि विकास की अवधारणा विकेन्द्रित शासन व्यवस्था से ही फलीभूत हो सकती है तथा ग्राम पंचायतें इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार 14वें केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार तथा राजस्थान सरकार 5वें राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार ग्राम पंचायतों को सीधे ही विकास राशि उपलब्ध करायेंगी। अनुमान है कि हर ग्राम पंचायत को औसतन 50 से 60 लाख रुपये प्रतिवर्ष कोश प्राप्त होगा जिसके व्यय की योजना स्वयं ग्राम पंचायत को बनानी होगी। उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले में कुछ ऐसी पंचायतें भी हैं जिनमें 3 से 5 करोड़ रुपये के काम स्वीकृत किये गये हैं। कुछ ग्राम पंचायतों में 5 करोड़ रुपये से भी अधिक के काम स्वीकृत किये गये हैं।
महिला सभा की बैठक अनिवार्य
प्रशिक्षण कार्यशाला में बताया गया कि प्रत्येक ग्राम सभा से पहले ग्राम पंचायत के प्रत्येक राजस्व ग्राम में महिला सभा का आयोजन किया जाना अनिवार्य है जिसकी अध्यक्षता सरंपच द्वारा अथवा वरिष्ठतम महिला वार्ड पंच द्वारा की जाये। महिला सभाओं में प्राप्त प्रस्ताव अनिवार्य रूप से ग्रामसभा की बैठक में रखे जायें तथा उन्हें ग्रामसभा में पारित करवाया जाये। इन प्रस्तावों की क्रियान्विति के लिये उन्हें ग्राम पंचायत की विकास योजना में सम्मिलित किया जाये तथा ग्राम सेवक के माध्यम से सम्बन्धित विभाग को लिखा जाये।
इन्होंने लिया कार्यशाला में भाग
प्रशिक्षण कार्यशाला में उपजिला प्रमुख भागचंद दांगी, अतिरिक्ति मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामलाल जाट, जयपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता एन. पी. गोयल, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति प्रधान, तथा विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यशाला में आईसीडीएस के सीडीपीओ डॉ. जी.एम.सैयद ने बेटी बचाओ अभियान पर तथा श्रम कल्याण अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने पंजीकृत श्रमिकों के लिये चलाई जा रही योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी।
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रोड सिंह के परिजनों को आपदा राहत कोष से 4 लाख रूपये दिये
झालावाड़ 12 जुलाई। भवानीमंडी उपखण्ड के ग्राम रतनपुरा निवासी रोड सिंह की आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु होने पर आपदा राहत कोष से 4 लाख रूपये सहायता राशि दी गई।
विधायक श्री रामचन्द्र सुनारीवाल तथा उपखण्ड अधिकारी कमल सिंह यादव ने मृतक के आवास पर जाकर उसकी विधवा को चैक प्रदान किया। पंचायत समिति प्रधान रमेशचन्द्र मेघवाल भी उनके साथ थे।
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प्रभु लाल लोधा को आपदा कोष से 90 हजार रूपये की सहायता राषि दी
झालावाड़ 12 जुलाई। प्रभु लाल लोधा के दुधारू पशुओं के मुआवजे की 90 हजार रूपये की राशि का चैक आज जिला प्रशासन द्वारा प्रभु लाल लोधा को सौपा गया।
तहसीलदार अस्मिता सिंह ने बताया कि जिला प्रमुख श्रीमती टीना कुमारी भील, प्रधान श्रीमती भारती नागर, उपखण्ड अधिकारी रामचरण शर्मा तथा गोविन्दपुरा सरपंच ने सहायता राशि का चैक प्रभु लाल लोधा को सौपा। ज्ञातव्य है कि प्रभु लाल लोधा के दुधारू पशु गत दिनों काली सिन्ध नदी में पानी आने से मर गये थे। राज्य सरकार के नियमानुसार अधिकतम 3 दुधारू पशुओं के लिए 30 हजार रूपये प्रति पशु सहायता राशि दी जाती हैं।
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मुकेश पुत्र रोडू लाल की विधवा को 4 लाख रूपये का चैक दिया
झालावाड़ 12 जुलाई। भवानीमंडी उपखण्ड में बरसात के पानी में बहने से मृत्यु होने पर मुकेश पुत्र रोडू लाल की विधवा को आपदा राहत कोष से 4 लाख रूपये का चैक दिया गया।
विधायक श्री रामचन्द्र सुनारीवाल ने मृतक के घर जाकर चैक दिया। उपखण्ड अधिकारी कमल सिंह यादव एवं प्रधान रमेश चन्द्र मेघवाल भी उनके साथ थे।
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