गुरुवार, 14 जुलाई 2016

कोटा घूसखोरों को जमानत मिलने से समाज पर पड़ेगा गलत प्रभाव : न्यायाधीश

कोटा घूसखोरों को जमानत मिलने से समाज पर पड़ेगा गलत प्रभाव : न्यायाधीश
घूसखोरों को जमानत मिलने से समाज पर पड़ेगा गलत प्रभाव : न्यायाधीश

कोटा. ठेकेदार का बिल पास करने की एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए रेलवे के दोनों इंजीनियरों की जमानत अर्जी अदालत ने गुरुवार को खारिज कर दी। साथ ही, दोनों की न्यायिक हिरासत अवधि 27 जुलाई तक बढ़ा दी।

जमानत पर बहस व सभी पक्षों को सुनने के बाद विशिष्ट न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायाधीश अश्विनी बिज ने आदेश में कहा कि रिश्वत लेने वालों को जमानत का लाभ देने से समाज में गलत प्रभाव पड़ेगा।
ऐसे में अपराध की गम्भीरता को देखते हुए दोनों आरोपित इंजीनियरों की जमानत अर्जी खारिज की जाती है। इधर दोनों आरोपितों को जेल से अदालत में पेश किया। जहां से उनकी न्यायिक हिरासत अवधि 27 जुलाई तक बढ़ा दी।

गौरतलब है कि रेलवे के वरिष्ठ मंडल इंजीनियर मानवेन्द्र सिंह और मंडल इंजीनियर सुरेश सिंह ने एक ठेकेदार से बिल पास करने की एवज में रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार ने एसीबी जयपुर में इसकी शिकायत की।




शिकायत का सत्यापन होने के बाद एसीबी ने 26 मई को दोनों इंजीनियरों को डीआरएम कार्यालय स्थित उनके कक्षों से 1.99 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।




इसके बाद एसीबी ने दोनों को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की। उनके घरों की तलाशी के दौरान मानवेन्द्र सिंह के घर से 3.64 लाख रुपए और सुरेश सिंह के घर से 47 लाख 60 हजार रुपए नकद बरामद हुए थे।




साथ ही, सुरेश के घर से विशेष प्रजाति के दो कछुए भी मिले थे। उन्हें वन विभाग को सौंपा गया था। सुरेश के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया। रिमांड अवधि पूरी होने पर अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया था।

वरिष्ठ लिपिक को भी नहीं मिली जमानत

इधर आड़त का लाइसेंस जारी करने की एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार कृषि उपजमंडी समिति के वरिष्ठ लिपिक सुरेश शर्मा की ओर से पेश जमानत अर्जी को भी अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।

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