गुरुवार, 14 जुलाई 2016

कोटा.विधायक चंद्रकांता मेघवाल बिना कॉलेज गए दे रही एलएलबी परीक्षा, बोलीं- मैं क्यों जाऊं कॉलेज



कोटा.विधायक चंद्रकांता मेघवाल बिना कॉलेज गए दे रही एलएलबी परीक्षा, बोलीं- मैं क्यों जाऊं कॉलेज
विधायक चंद्रकांता मेघवाल बिना कॉलेज गए दे रही एलएलबी परीक्षा, बोलीं- मैं क्यों जाऊं कॉलेज

रामगंजमंडी की विधायक और कोटा विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल की सदस्य चंद्रकांता मेघवाल ने कानून की डिग्री हासिल करने के लिए कानून को ही ठेंगा दिखा दिया।




एक भी दिन कॉलेज जाए बिना विधायक ने फस्र्ट और सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा दे डाली। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण विवि के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी उन्हें परीक्षा देने से नहीं रोका। जबकि माइग्रेशन न होने के कारण फस्र्ट सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जरूर रोक दिया गया।




कोटा के रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाली चंद्रकाता मेघवाल को वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने कोटा विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति (बोम) का सदस्य नामित किया था। जिसके बाद विधायक ने विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में ही आने वाले सवाई माधोपुर के निजी महाविद्यालय शहीद केप्टन रिपुदमन लॉ कॉलेज से शैक्षणिक सत्र 2015-16 में एलएलबी में प्रवेश ले लिया।




प्रवेश लेने के बाद वह एक भी दिन क्लास लेने कॉलेज नहीं गईं, बावजूद इसके उन्होंने पहले जनवरी महीने में प्रथम सत्र और अब 24 जून से आठ जुलाई तक हुई सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षाएं भी दे दीं।




पांच लाख से ज्यादा छात्रों के लिए कायदे-कानून तय करने वाली बोम की सदस्य की पोल तब खुली जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनका प्रथम सत्र का परीक्षा परिणाम रोका। हालांकि विवि प्रशासन ने यह कार्रवाई कम हाजिरी की वजह से नहीं, बल्कि माइग्रेशन फार्म जमा न होने के कारण की है।




स्वंपाठी छात्रा, क्यों जाऊं कॉलेज

यूजीसी के नियमानुसार 75 फीसद कक्षाएं लेने वाले छात्रों को ही परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन विधायक और बोम की सदस्य के मामले में इस नियम की पालना नहीं की गई। इस बाबत जब विधायक से बात की गई तो उन्होंने बेहद चौंकाने वाला जवाब दिया। विधायक ने कहा कि उन्होंने तो स्वंपाठी (प्राईवेट) छात्रा के तौर पर एलएलबी में प्रवेश लिया है। इसलिए कक्षाएं लेने या कॉलेज जाने का सवाल ही कहां उठता है।




नहीं होता प्राईवेट एलएलबी

वहीं कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा विश्वविद्यालय से संबद्ध किसी भी विधि महाविद्यालय में प्राईवेट या पार्ट टाइम एलएलबी पाठ्यक्रम संचालित किए जाने से साफ इन्कार करते हैं।




वह कहते हैं कि लॉ की पढ़ाई रेगुलर मोड में ही कराई जाती है और 75 फीसदी उपस्थिति पूरी करने वाले छात्रों को ही परीक्षा देने की इजाजत दी जाती है। हालांकि परीक्षा परिणाम रोकने के बाद पूरे मामले की जानकारी होने पर भी कार्रवाई न किए जाने के सवाल पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुप्पी साध ली है।

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