बुधवार, 13 जुलाई 2016

जैसलमेर कलेक्टर को नियमविरुद्ध चार्ज लेने पर कार्मिक विभाग ने गम्भीरता से लिया , चिट्ठी लिख पदभार ग्रहण को बताया राज्य सेवा नियमों के विरुद्ध


जैसलमेर कलेक्टर को नियमविरुद्ध चार्ज लेने पर कार्मिक विभाग ने गम्भीरता से लिया ,
चिट्ठी लिख पदभार ग्रहण को बताया राज्य सेवा नियमों के विरुद्ध 


जैसलमेर जैसलमेर के जिला कलेक्टर मातादीन शर्मा को जिला कलेक्टर जैसलमेर का पदभार ग्रहण करने में जल्दबाज़ी करने को लेकर कार्मिक विभाग ने नाराजगी जताते हुए उनके पदभार ग्रहण को राज्य सेवा नियमों के विरुद्ध बताते हुए भविष्य में अनुचित जल्दबाज़ी से बचने की सलाह दी हैं ,

जैसलमेर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने मुख्य  सचिव की अनुमति से  एक दिन के आकस्मिक अवकाश पर थे ,इस दउिरन विश्व मोहन शर्मा ने नव नियुक्त जिला कलेक्टर मातादीन शर्मा को तेईस जून के पूर्वाह्न को कार्यभार हस्तांतरित करने का अनुरोध किया था ,मगर नव नियुक्त जिला कलेक्टर ने विश्व मोहन शर्मा के इस अनुरोध को अनदेखा कर एक दिन पहले बाईस जून को ही अपना पद भर ग्रहण कर लिया जिसे कार्मिक विभाग ने पर्थ अनुचित मानते हुए जिला कलेक्टर मातादीन शर्मा को पांच जुलाई  को पत्र लिखकर उनके द्वारा पदभार ग्रहण में दिखाई जल्दबाज़ी पर नाराजगी जताई ,

कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव अभिमन्यु कुमार ने इस सम्बन्ध में जिला कलेकटर मातादीन शर्मा को पत्र लिख नाराजगी जताई ,उन्होंने लिखा की जब वर्त्तमान जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा मुख्य सचिव की अनुमति से एक दिन के आकस्मिक अवकास पर थे ,उन्होंने आपको इस तथ्य से अवगत करते हुए तेईस जून के पूर्वाह्न को कार्यभार हस्तांतरण का अनुरोध  किया था जिसे अनदेखा कर आप द्वारा बिना कोई विशेष परिस्थितियां होते हुए भी उनके लौटने का इंतज़ार किये बगैर उनकी अनुपस्थिति में पदभार ग्रहण किया जो राजकीय सेवाओं के विरुद्ध और उचित नहीं हैं ,

संयुक्त सचिव अभिमन्यु कुमार ने जिला कलेक्टर मातादीन शर्मा को भविष्य में अनुचित जल्दबाज़ी से बचने और सेवा नियमों की स्वस्थ परम्पराओ के पालन की सलाह दी जाती हैं ,

इधर इस सम्बन्ध में विशेषगया का मनना हैं की इस तरह की जल्दबाज़ी अनुचित हैं ,जब एक आईएएस अधिकारी ने पूर्व में अवकाश  की सूचना दे दी तो उनके जल्दबाज़ी नहीं दिखनी चाहिए ,जिला कलेक्टर के अवकाश पर होने के दौरान किसी अन्य से पदभार ग्रहण करना अनुचित हैं और न्यायलय में चुनौती योग्य हैं ,उनके पदभार को संवैधानिक नहीं माना  जा सकता ,



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