बुधवार, 13 जुलाई 2016

जैसलमेर के वांछित आरोपी चुतरसिंह की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपी


जैसलमेर के वांछित आरोपी चुतरसिंह की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपी

गृह मंत्री की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन , केंद्र को भेजा पत्र
{परिजनों ने लगाया था फर्जी एनकाउंटर का आरोप


| जयपुर
राज्यसरकार ने जैसलमेर के वांछित अपराधी चुतर सिंह के पुलिस एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। राज्य सरकार की तरफ से जांच का सिफारिशी पत्र केंद्र सरकार को भिजवा दिया गया है। मृतक के रिश्तेदारों एवं स्थानीय लोगों ने पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। इसको लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन भी किए जा रहे थे। विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब एक सप्ताह पहले ही प्रकरण की जांच सीबीआई कराने की घोषणा की थी।
गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने को लेकर राज्य पुलिस की अपराध शाखा के आईजी संजीब कुमार नार्जरी का सिफारिशी पत्र सोमवार को ही गृह विभाग को मिला। गृह विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को इसमें तेजी दिखाई। गृह मंत्री कटारिया के घर जाकर प्रकरण से संबंधित पत्रावली पर उनकी मंजूरी ली गई। फिर रात को ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किए जाने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यह पूरा वाकया गत 25 जून की रात का है। जैसलमेर जिले की रामगढ़ पुलिस एक सूचना के आधार पर स्कॉर्पियो का पीछा कर रही थी। मोकला गांव के पास पुलिस की फायरिंग में बचिया निवासी चुतर सिंह पुत्र नरपतसिंह की मौत हो गई थी। जबकि, बैण सिंह गणपत सिंह घायल हो गए। पुलिस का कहना था कि आरोपी चुतर सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस ने गाड़ी के टायर पर फायर किए, लेकिन मिस फायर की वजह से बोनट से टकराकर गोली आरोपी के जा लगे। वहीं, मृतक के साथियों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया। इस घटना को लेकर अगले ही दिन जिले भर में तनाव व्याप्त हो गया था। हालात के मद्देनजर पुलिस ने 26 जून की रात गोली मारने के आरोपी कांस्टेबल राजेंद्र चौधरी को सस्पेंड कर उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले की जांच बाड़मेर के डिप्टी ओपी उज्जवल को सौंपी गई। पुलिस ने दावा किया कि मृतक के खिलाफ कई पुलिस थानों में अलग-अलग करीब 15 मामले दर्ज हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें