शनिवार, 4 जून 2016

हेरात।अफगानिस्तान का सर्वोच्च सिविलियन अवॉर्ड से नवाजे गए PM मोदी

हेरात।अफगानिस्तान का सर्वोच्च सिविलियन अवॉर्ड से नवाजे गए PM मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान अमीर अमानुल्ला खान अवॉर्ड से नवाजा गया। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मोदी को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि भाईचारे का एक सच्चा सम्मान। मोदी शनिवार को ही कतर के लिए रवाना होंगे, जो उनकी पांच देशों की यात्रा का दूसरा पड़ाव है।
अफगानिस्तान का सर्वोच्च सिविलियन अवॉर्ड से नवाजे गए PM मोदी

PAK को दिया संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अफगानिस्तान में मैत्री बांध (सलमा बांध) का उद्घाटन कर दोस्ती का पैगाम दिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ मोदी ने इस बांध का उद्घाटन किया और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को संदेश दिया कि मोदी सहयोगियों के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। अपनी पांच देशों की यात्रा की शुरुआत शनिवार को मोदी ने अफगानिस्तान से की।

अफगानिस्तान का 40 साल पुराना सपना सच

इस अवसर पर अशरफ गनी ने मोदी और भारत सरकार का आभार जताया और कहा कि आज आपकी मदद से अफगानिस्तान के लोगों का 40 साल पुराना सपना पूरा होने जा रहा है। गनी ने कहा कि जो लोग गड़बड़ी और बर्बादी के रास्ते पर चलना चाहते हैं, उसके विपरीत हम दोनों देशों ने मिलकर निर्माण और वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। मोदी ने डैम का नाम इंडिया-अफगान फ्रेंडशिप रखने पर गनी का शुक्रिया किया। अफगानिस्तान के बाद मोदी कतर, स्विट्जरलैंड, अमरीका और मैक्सिको के दौरे पर जाएंगे। उनकी इन यात्राओं को एनएसजी मामले में समर्थन पाने से लेकर जोड़ा जा रहा है।


1700 करोड़ रुपए की लागत से बना है डैम

सलमा डैम का निर्माण करीब 1700 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसे भारत और अफगानिस्तान के इंजीनियरों ने मिलकर बनाया है। भारत ने इसके निर्माण में आर्थिक मदद भी की है। यह बांध पश्चिमी हेरात में चिश्त-ए-शरीफ नदी पर बना है जो कि ईरान सीमा के नजदीक है। इस बांध से यहां 75 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और करीब 42 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जायेगा।

छह महीने के भीतर दूसरी अफगान यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छह महीने के भीतर यह दूसरी अफगान यात्रा है। इस परियोजना को भारत और अफगानिस्तान मैत्री की एतिहासिक ढांचागत परियोजना माना जा रहा है। परियोजना को भारत सरकार के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय के तहत आने वाले वापकोस लिमिटेड ने क्रियान्वित किया है।

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