बाड़मेर। हे राम! ये क्या हाल है...
बाड़मेर।नगर परिषद की ओर से शहर में पसरी गंदगी और नालों की सफाई को लेकर कलक्टर के आदेश के बावजूद बेपरवाही बरती जा रही है। आयुक्त सीट पर नहीं है। सभापति से मामला ताबे नहीं आ रहा और जिन ठेकेदारों ने ठेके पर सफाई का काम लिया है, उन्हें पूरी आजादी मिली हुई है। इसका परिणाम शहर भुगत रहा है।
सोमवार को उस वक्त अजीब स्थिति हो गई, जब शहर के मोक्ष मार्ग पर अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर लोग पहुंचे तो यहां अंतिम विश्राम स्थल पूरा गंदगी से घिरा हुआ था। परंपरा अनुसार यहां विश्राम देना जरूरी था, एेसे में लोग यहां गंदगी में खड़े रहे। इस दौरान नगर परिषद के बारे में अधिकांश लोगों की जुबान से यही निकला कि हे राम! ये क्या हाल है...।
भुगत रहा शहर
शहर के नालों की महीनों से सफाई नहीं होने के कारण ये कचरे से चॉक हो गए हैं। इस कारण नालों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ जाता है। इससे आमजन का सड़क पर चलना मुश्कि ल हो गया है। जहां नालों की सफाई की जा रही है, वहां कचरा हफ्तेभर तक नहीं उठाया जाता। शहर के बेरियों का बास में लोग इस समस्या को भुगत रहे हैं।
कलक्टर के आदेश भी नहीं माने
नगर परिषद की मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण शहर के अधिकांश नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं, लेकिन समय पर साफ-सफाई नहीं होती। जिला कलक्टर के आदेश हैं कि बरसात से पहले नालों की सफाई होनी चाहिए, लेकिन आदेशों की पालना होती कहीं भी नजर नहीं आती। बरसात होने पर यह नाले शहर के लिए समस्या बन जाएंगे।
बाड़मेर।नगर परिषद की ओर से शहर में पसरी गंदगी और नालों की सफाई को लेकर कलक्टर के आदेश के बावजूद बेपरवाही बरती जा रही है। आयुक्त सीट पर नहीं है। सभापति से मामला ताबे नहीं आ रहा और जिन ठेकेदारों ने ठेके पर सफाई का काम लिया है, उन्हें पूरी आजादी मिली हुई है। इसका परिणाम शहर भुगत रहा है।
सोमवार को उस वक्त अजीब स्थिति हो गई, जब शहर के मोक्ष मार्ग पर अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर लोग पहुंचे तो यहां अंतिम विश्राम स्थल पूरा गंदगी से घिरा हुआ था। परंपरा अनुसार यहां विश्राम देना जरूरी था, एेसे में लोग यहां गंदगी में खड़े रहे। इस दौरान नगर परिषद के बारे में अधिकांश लोगों की जुबान से यही निकला कि हे राम! ये क्या हाल है...।
भुगत रहा शहर
शहर के नालों की महीनों से सफाई नहीं होने के कारण ये कचरे से चॉक हो गए हैं। इस कारण नालों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ जाता है। इससे आमजन का सड़क पर चलना मुश्कि ल हो गया है। जहां नालों की सफाई की जा रही है, वहां कचरा हफ्तेभर तक नहीं उठाया जाता। शहर के बेरियों का बास में लोग इस समस्या को भुगत रहे हैं।
कलक्टर के आदेश भी नहीं माने
नगर परिषद की मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण शहर के अधिकांश नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं, लेकिन समय पर साफ-सफाई नहीं होती। जिला कलक्टर के आदेश हैं कि बरसात से पहले नालों की सफाई होनी चाहिए, लेकिन आदेशों की पालना होती कहीं भी नजर नहीं आती। बरसात होने पर यह नाले शहर के लिए समस्या बन जाएंगे।
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