गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

बाड़मेर। आखिर कहां छिपा दी गई इम्पैक्ट ब्राण्ड जहरीली शराब?

बाड़मेर। आखिर कहां छिपा दी गई इम्पैक्ट ब्राण्ड जहरीली शराब?

रिपोर्ट : - धर्म सिंह भाटी / बाड़मेर 

बाड़मेर। जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद जिले में पुलिस व आबकारी की दो दर्जन से अधिक टीमें व 28 थानों की पुलिस लगातार छापे मार रही है। मुखबिरों से लेकर सादा वर्दी में रहने वाले खुफिया पुलिसकर्मियों तक सभी सक्रिय है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जानलेवा इम्पैक्ट ब्राण्ड सस्ती शराब का एक पव्वा भी किसी के हाथ नहीं लगा है।


सवाल यह है कि आखिर यह जहरीली शराब कहां छिपा दी गई? इस जहर की बरामदगी व जहर फैलाने वालों को पकडऩे में अब तक नाकाम रहने की वजह क्या है? यह स्थिति तब है, जब पुलिस महानिरीक्षक जोधपुर रेंज ने मंगलवार को ही यह साफ कर दिया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि हरियाणा निर्मित इम्पैक्ट ब्राण्ड शराब मौतों का कारण है। आईजी ने रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों को इम्पैक्ट ब्राण्ड शराब बरामद के निर्देश दिए, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर ही है।



बिल्ली को दूध की रखवाली
माना जा रहा है कि जिस थानाधिकारी के हल्का क्षेत्र में इम्पैक्ट ब्राण्ड मिलेगी, पूरा मामला उस दिशा में मुड़ जाएगा। ऐसे में कोई नहीं चाहता कि जहरीली शराब का जखीरा उसके हल्का क्षेत्र में मिल जाए। हालांकि अपने-अपने थाना क्षेत्रों में थानेदार ही अवैध शराब व जहरीली शराब की बरामदगी का अभियान संभाले हुए हैं, लिहाजा इम्पैक्ट ब्राण्ड के अलावा तो अवैध शराब मिल रही है। लेकिन इम्पैक्ट ब्राण्ड की बरामदगी कहीं से नहीं हो रही। पूरे मामले में बिल्ली को दूध की रखवाली वाली के चरितार्थ होने के अलावा कुछ भी नहीं हो रहा है।



कब हुई जहरीली शराब की आपूर्ति
जिले में सत्रह मौतें होने व तीन दिन बीत जाने के बाद भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि जहरीली शराब की जिले में आपूर्ति कब, कितनी मात्रा में और कहां-कहां हुई? जहरीली अवैध शराब की आपूर्ति करने वाला शख्स कौन है? जहां तक आबकारी महकमे का सवाल है तो वह पुलिस की ओर मुंह ताक रहा है कि वह इस मामले का खुलासा कर दे, लेकिन पुलिस के अब तक प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं।



बीएसएफ ने साधी चुप्पी
जहरीली शराब ने सीमा सुरक्षा बल के तीन जवानों की जान ले ली है। दो जवान जिन्दगी व मौत की बीच संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि बीएसएफ ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने पूरे मामले में बयान तक नहीं दिया है। उन्होंने आमजन के बीच स्थिति स्पष्ट करने की जरुरत ही नहीं समझी है।

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