राजसमंद.ऐतिहासिक फैसले में काछबली की जनता जीती, शराब हारी
आखिर, काछबली में जनता की जीत हुई और शराब हार गई। जिला प्रशासन द्वारा काछबली में मंगलवार सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान में 6 7.11 फीसदी मत शराब की दुकान बंद करने के पक्ष में पड़े, जबकि 32.8 9 फीसदी लोगों ने दुकान बंद नहीं करने के समर्थन में वोट दिया।
इसके साथ ही काछबली में शराब की दुकान बंद होना लगभग तय हो गया। नशे की गिरफ्त में आए काछबली की जनता की आवाज बनकर राजस्थान पत्रिका ने जिन्दगी को कब तक खोखला करेगी शराब.अभियान के माध्यम से एक माह से लगातार सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की। इससे महिलाओं के साथ युवा भी एकजुट हो गए।
26 जनवरी को उठी शराब की दुकान बंद करने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत काछबली के साथ नशामुक्ति समिति काछबली, मगरा शक्ति सेना ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की। इस पर करीब एक माह तक चले संघर्ष के बाद मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा मतदान कराया। सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक 2 हजार 8 8 6 में से 2 हजार 39 लोगों ने मतदान किया।मतगणना के परिणाम ठीक 6 बजे घोषित हो गए, जिसमें 1 हजार 937 लोगों ने हां के पक्ष में वोट दिया, जबकि 33 लोगों ने नहीं पर मतदान किया। मतदान करने वाले लोगों में से 94 फीसदी का मत हां में था, जबकि 6 प्रतिशत ही नहीं में मतदान किया।
लिफाफे में बंद किए वोट
मतगणना के बाद उपखंड अधिकारी एनके जैन व निर्वाचन अधिकारी ईश्वरलाल खटीक द्वारा तीनों ही बूथों के सभी मत पर्चियों को लिफफों में बंद कर दिया।
अब बुधवार को निर्वाचन अधिकारी खटीक द्वारा तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ मतपरिणाम कलक्टर अर्चनासिंह को दिए जाएंगे। उसके बाद आबकारी आयुक्त द्वारा शराब की दुकान बंद करने का निर्णय कर अधिसूचना जारी की जाएगी।
इस तरह चली मुहिम
26 जनवरी 2015 को काछबली पंचायत स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में शराब की दुकान बंद करने की उठी मांग
27 फरवरी को ग्राम पंचायत की विशेष ग्रामसभा में शराब की दुकान बंद करने के प्रस्ताव पर करीब 1550 लोगों ने किए हस्ताक्षर
9 मार्च को हस्ताक्षर करने वाले वोटर का सत्यापन के लिए 950 मतदाता आए
14 मार्च को आबकारी आयुक्त ने काछबली में मतदान कराने की दी स्वीकृति
14 मार्च को मतदान के लिए अधिसूचना जारी और दूसरे आमेट तहसीलदार को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त
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