मंगलवार, 29 मार्च 2016

युवाओं को रोजगार के नये क्षेत्रा उपलब्ध करायें- जिला कलक्टर



युवाओं को रोजगार के नये क्षेत्रा उपलब्ध करायें- जिला कलक्टर
झालावाड़ 29 मार्च। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे जिले के युवाओं को रोजगार के नये क्षेत्रा उपलब्ध करायें।

जिला कलक्टर आज मिनी सचिवालय स्थित कलैक्ट्रेट सभागार में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले में तीन साल तक मुख्यमंत्राी जन स्वावलम्बन अभियान के कार्य चलेंगे। इन अभियान में जेसीबी से भी कार्य कराये जाने हैं। अतः जिले में जेसीबी ऑपरेटर्स के लिये ट्रेनिंग कराएं। इसी प्रकार हैण्डपम्प मिस्त्राी, स्प्रिंकलर ठीक करने वाले मिस्त्राी, महिला राज मिस्त्राी आदि की ट्रैनिंग कराएं। ग्रामीण क्षेत्रा के लोगों को मिस्त्राी की जरूरत रहती है इस लिये इन कार्यों में अच्छा रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि झालावाड़ के कुछ ट्रेनिंग सेंटरों से प्रशिक्षित युवाओं को दिल्ली, मुम्बई, पूना तथा जयपुर जैसे शहरों में 10 हजार रुपये से अधिक के वेतन की नौकरियां मिल रही हैं।

जिला कलक्टर ने कहा कि स्वरोजगार प्रशिक्षणों का लाभ तभी मिल सकता है जब युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ बैंकों से ऋण भी उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जिले में 12 हजार हैक्टेयर क्षेत्रा में संतरा उत्पादन होता है। अतः संतरे की ग्रेडिंग कार्य के साथ-साथ, पल्प एवं जूस आधारित लघु उद्योग भी स्थापित किये जा सकते हैं। इसी प्रकार महिला समूहों को बेबी किट बनाने की ट्रेनिंग दी जाने की आवश्यकता है। अकेले झालावाड़ सरकारी अस्पताल में प्रतिमाह कम से कम 1000 बेबी किट की खपत होती है। इस कार्य में महिला समूह अच्छी राशि अर्जित कर सकते हैं। इसी प्रकार जिले में मुख्यमंत्राी जन स्वावलम्बन अभियान के कार्यों ने जैट्रोफा (रतनजोत) की खेती की विपुल संभावनाएं उपलब्ध हो गई हैं। स्टैगर्ड ट्रैंचेज के ऊपर रतनजोत के पौधे तथा खुले स्थान पर नीम के वृक्ष लगाये जा सकते हैं। रतनजोत के बीज 20 से 25 रुपये किलो बिकते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा इस बजट में झालावाड़ जिले में एक ब्लॉक में जैविक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है। इस कारण जिले में नीम सेंटर भी तुरन्त स्थापित किये जाने की आवश्यकता है।

जिला कलक्टर ने कहा कि कुछ महिलाओं को दुधारू पशु तथा फार्म पौण्ड के लिये प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाये उन्हें बल्क मिल्क कूलर एवं कैटल शेड भी उपलब्ध कराया जाये। इनका कॉपरेटिव सोसाइटी के रूप में पंजीकरण करवाया जाये। इन महिलाओं को फार्म पौण्ड के माध्यम से रिजका एवं एजोला उगाने का भी प्रशिक्षण दिलाया जाये। यह पूरी तरह आर्थिक रूप से सक्षम इकाई होगी। इस प्रकार हम पूरे जिले में ऐसी इकाइयां निर्मित कर सकते हैं।

बैठक में पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना, रोजगार परख लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कन्वर्जेन्स, श्रम कल्याण विभाग कन्वर्जेन्स, राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स स्किल, कौशल विकास केन्द्र तथा रोजगार मेलों के आयोजन पर भी चर्चा की गई। बैठक में नगर परिषद झालावाड़ के आयुक्त रामनारायण बड़गूजर, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक बी एल मीणा, राजस्थान कौशल विकास निगम के जावेद खान, श्रम अधिकारी सुनील शर्मा तथा जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड एवं विभिन्न केन्द्रों के संचालक उपस्थित थे।

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