अलवर.पुलिस का खुलासा, पर्रा और धोलिया होली के बाद तीन और मर्डर करने वाले थे
व्यापारियों के आक्रोश और विधानसभा में गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के आश्वासन के करीब 5 दिन बाद पुलिस ने बहरोड़ में व्यापारी घनश्याम अग्रवाल की हत्या के मुख्य आरोपित प्रसन्नदीप उर्फ पर्रा और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या की वजह प्रोपर्टी की रकम का विवाद बताया है।
आरोपितों से हत्या में इस्तेमाल देसी पिस्टल, दो मैग्जीन और एक चोरी की बाइक जब्त की गई है जो कि हरियाणा के नांगल चौधरी से चुराई गई थी।
शनिवार को अलवर में जिला पुलिस अधीक्षक कैलाशचंद्र बिश्नोई ने बताया कि 4 मार्च को दुकान पर बैठे व्यापारी घनश्याम अग्रवाल की हत्या बहरोड़ के चौधरियान मोहल्ला निवासी प्रसन्नदीप उर्फ पर्रा (25) पुत्र सुरेशचंद यादव ने गोली मारकर की थी।
वारदात में जटगावड़ा निवासी अशोक उर्फ धोलिया (36) पुत्र कुल्डाराम यादव भी शामिल था। वारदात कर दोनों मौके से भाग गए थे। नीमराणा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप रिणवा और बहरोड़ डीएसपी के नेतृत्व में बहरोड़ थानाधिकारी रणजीत सेवदा, सदर थानाधिकारी कैलाश चौधरी व रामगढ़ थानाधिकारी राकेश यादव की टीम मामला देख रही थी।
जिला पुलिस ने आरोपितों पर पांच-पांच हजार रुपए इनाम भी घोषित किया था। कई दिन की कोशिश के बाद शुक्रवार देर रात दोनों आरोपित उत्तरप्रदेश के बागपत जिले के पुर बस स्टैण्ड से गिरफ्तार कर लिए गए। वे पुर स्थित मंदिर की कोठड़ी में छिपे थे।
दोनों की मित्रता थी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतक घनश्याम और आरोपित प्रसन्नदीप उर्फ पर्रा की मित्रता थी। घनश्याम की एक प्रोपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था। जिसे घनश्याम ने पर्रा को बीच में लेकर निपटाया था। इसकी एवज में घनश्याम ने पर्रा को प्रोपर्टी में से हिस्सा या दो लाख रुपए देना तय किया था।
घनश्याम ने पर्रा को 10-10 हजार रुपए दो किश्तों में दिए, लेकिन बाद में और राशि नहीं दी। पर्रा चार मार्च को व्यापारी घनश्याम की दुकान पर पैसे लेने आया, जिसे लेकर दोनों के बीच कहासुनी व धक्का-मुक्की हुई। पर्रा ने उसके गल्ले से ढाई हजार रुपए निकाले। विरोध करने पर व्यापारी घनश्याम को गोली मार दी।
तीन मर्डर और करने वाले थे
पुलिस का दावा है कि प्रसन्नदीप उर्फ पर्रा और अशोक उर्फ धोलिया के निशाने पर तीन और लोग थे, जिनका वे होली के बाद मर्डर करने वाले थे। इनमें पार्षद त्रिलोक यादव हत्याकांड का आरोपित अशोक ठाकरिया, एक अन्य प्रोपर्टी डीलर तथा धोलिया गंाव का एक और व्यक्ति था, जिससे उसकी रंजिश चल रही थी।
विधानसभा में भी उछला मामला
बहरोड़ में व्यापारी घनश्याम अग्रवाल की हत्या का मामला विधानसभा में भी उछाला। बहरोड़ विधायक डॉ. जसवंत यादव और अलवर शहर विधायक बनवारीलाल सिंघल आदि ने पुलिस कार्यप्रणाली पर आरोप लगाते हुए मामले को विधानसभा में उठाया। जिस पर गृहमंत्री ने हत्या के आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया।
बहरोड़ थाने का हिस्ट्रीशीटर है पर्रा
प्रसन्नदीप उर्फ पर्रा बहरोड़ थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ बहरोड़, बानसूर व हरियाणा के नांगल चौधरी पुलिस थानों में 20 प्रकरण दर्ज हैं। वह बर्डोद में सरपंच पर फायरिंग, बीकानेर मिष्ठान भण्डार पर फायरिंग, सुभाष अग्रवाल को फिरौती के लिए धमकी देना एवं व्यापारी घनश्याम अग्रवाल हत्याकांड में वांछित है।
पर्रा के खिलाफ बानसूर में फायरिंग व नांगल चौधरी में पेट्रोल पम्प पर फायरिंग करने का मामला दर्ज है। अशोक उर्फ धोलिया के खिलाफ नौ प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें से दो प्रकरणों में वांछित है।
सरपंच का नाम भी
आरोपितों को गाड़ी की मदद देने के आरोप में एक अन्य रोहित शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। रोहित की जमीन का भी प्रोपर्टी डीलर से विवाद चल रहा है। होली के बाद पर्रा और धोलिया उस प्रोपर्टी डीलर का मर्डर करने वाले थे।
इसकी एवज में मोटी रकम का सौदा हुआ था। षड्यंत्र में एक सरपंच का भी नाम सामने आया है। प्रकरण में गिरफ्तार पर्रा का चाचा साधू वेदगिरी विवादित प्रोपर्टी अपने भतीजे के माध्यम से छुड़ाने या कब्जा दिलाने का ठेका लेता था।
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