रविवार, 20 मार्च 2016

प्रदेश कांग्रेस में बदस्तूर जारी है 'दंगल एवं शह और मात' का खेल

प्रदेश कांग्रेस में बदस्तूर जारी है 'दंगल एवं शह और मात' का खेल




— नहीं थम रहा बड़े नेताओं की बयानबाजी का दौर
— कभी पायलट खेमा हावी तो कभी गहलोत गुट भारी
— गुरुदास कामत ने सफाई देते हुए की पटाक्षेप की कोशिश
— आलाकमान के सामने खुद को साबित करने के लिए हौड़



जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों आपसी खींचतान, दंगल और शह-मात का खेल बदस्तूर जारी है, वहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं की बयानबाजी का दौर भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके चलते दो फाड़ हुई प्रदेश कांग्रेस में कभी एक पक्ष हावी होता है, तो कभी दूसरी ओर का पलड़ा भारी हो जाता है। इन सबके चलते आपसी खींचतान का दौर भी लगातार जारी है।

game-of-check-and-mate-is-continues-in-rajasthan-congress-31269

हालांकि प्रदेश कांग्रेस में आलाकमान सोनिया गांधी और गहलोत की नाराजगी के चलते गुरुदास कामत एवं सचिन पायलट फिलहाल बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। लेकिन दोनों गुटों की शह-मात के चलते गुटबाजी का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा।



हाल ही में तीन मार्च को पीसीसी की बैठक में बातें तो कांग्रेस को मजबूत करने और एकजुट करने की हो रही थी, लेकिन अचानक विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने सभी के हाथ खड़े कराकर सबको सकते में डाल दिया। बाद में में रही सही कसर हाथ वाली पार्टी के प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत ने पूरी कर दी। दरअसल, कामत ने मीडिया में पायलट के नेतृत्व में अगला चुनाव होने का बयान देकर सबको चौंका डाला था।



वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस के कद्दावर नेता और दो बार सीएम रह चुके अशोक गहलोत को विश्वेन्द्र को यह तरीका और कामत की बयानबाजी नागवार गुजरी। नाराज गहलोत ने तुरंत आलाकमान को इस घटनाक्रम को लेकर शिकायत तो दर्ज कराई ही, साथ ही पायलट के संसदीय क्षेत्र में बोलते हुए अपने वजूद का एहसास भी करा दिया।



गहलोत की शिकायत के बाद आलाकमान ने तुरंत मसले पर गंभीरता दिखाते हुए कामत, पायलट और इरशाद बेग को फटकार लगाई। उसके बाद पायलट को गहलोत को पिता तुल्य बताने और कामत को गहलोत मेरे नेता जैसे बयान देने पड़े। ऐसे में साफ है कि पार्टी में कलह और शह-मात का खेल लगातार जारी है और दोनों पक्षों की बयानबाजी को लेकर पार्टी नेता चिंतित नजर आने लगे हैं।



अभी और बढ़ेगी अंतर्कलह...कांग्रेस सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में यह अंतर्कलह और बढ़ेगी, क्योंकि गहलोत और पायलट दोनों आलाकमान के आगे खुद को साबित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। क्योंकि जिस तरह पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा देने वाले बड़े नेता खुलकर बयान दे रहे हैं, उससे नहीं लगता कि सब कुछ शांत हो गया है।



गुटबाजी पर अब ब्रेक लगना मुश्किल...
जानकारों की मानें तो अशोक गहलोत खेमा अब सब कुछ साफ करने की रणनीतिक मुद्रा में आ चुका है। ऐसे में कांग्रेस में ऐसा चक्रव्यूह बुना जा रहा है कि उसमें फंसकर खेल खत्म हो जाएगा। कामत ने भले ही पहले के बयान के बाद सफाई देते हुए मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश की हो, लेकिन नहीं लगता कि चुनाव तक कांग्रेस में गुटबाजी पर अब ब्रेक लग जाएंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें