बांसवाड़ा.कुशलगढ़.मां 41 साल की और बेटे की उम्र61!
जिले के कुशलगढ़ इलाके में एक अजीबो-गरीब वाक्या चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां सरकारी कागजात एक मां की उम्र को उसके बेटे की उम्र से कम बता रहे हैं। वो 20 वर्ष। यानी की मां अपने बेटे से उम्र में 20 वर्ष छोटी है। है न हतप्रभ करने वाली बात। लेकिन यह वास्तविकता में नहीं है। बल्कि कुछेक सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा है। इसके कारण 84 वर्षीय वृद्धा अपने हक के पैसों के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है।
यह है मामला
पेशनर्स कल्याण विभाग की लापरवाही से परेशान 84 वर्षीया मनोरमा पत्नी चम्पालाल पाठक अपने पति की मृत्यु के बाद उनकी पेंशन का लाभ ले रही हैं। लेकिन 4 वर्ष पूर्व उनकी उम्र 80 वर्ष हो जाने के बाद उन्हें परिलाभ नहीं मिला। इसकी पड़ताल करने पर उन्हें ज्ञात हुआ की पेंशनर्स विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनकी जन्मतिथि 28 फरवरी 1975 अंकित कर दी गई है। इसके अनुसार उनकी उम्र 40 वर्ष के आसपास बन रही है। इस कारण उन्हें 80 वर्ष की उम्र का परिलाभ नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने उपखंड अधिकारी के समक्ष गुहार लगाई है। इस दौरान दिए शपथ पत्र में उन्होंने बताया कि पेशनर्स कल्याण विभाग उदयपुर द्वारा कोषाधिकारी बांसवाड़ा को एक पत्र भेजा है, जिसमें उनकी जन्मतिथि 28 फरवरी1975 अंकित कर दी गई। इसके चलते पेंशन परिलाभ नहीं मिल पा रहा है। विभागीय कायदे से 80 वर्ष की उम्र पर पेशनर्स को निर्धारित राशि से 20 प्रतिशत अधिक पेंशन देय है, लेकिन पाठक विभाग से बीते 3 साल से लगातार पत्र व्यवहार कर रही है और उसे कोई लाभ नहीं मिल रहा।
सरकारी रिकार्ड में आयु 84 पार
पाठक ने एसडीओ को बताया कि गत 15 जुलाई 2015 को संयुक्त निदेशक को उनके जन्म संबंधित दस्तावेज, आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि भेजे। इन सभी में जन्म वर्ष 1932 है। इसके बावजूद विभाग ने कोई जवाब नहीं दिया। तब उन्होंने विभाग के निदेशक, जयपुर को पत्र लिखा, तो पालना में सहायक निदेशक उदयपुर ने गलत जन्मतिथि लिखकर जिला कोषाधिकारी को पत्र भेज दिया।
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